जकार्ता एशियाई खेलों में देश के लिए ताईक्वांडो में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पांचवें स्थान पर रहने वाली दिल्ली की कशिश मलिक दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दी गई हैं। कशिश पर यह प्रतिबंध नाडा ने लगाया है। वह मास्किंग एजेंट डाइयूरेटिक्स फ्यूरोसेमाइड के लिए डोप में फंसी हैं।
विराट कोहली फाउंडेशन से समर्थित कशिश देश की सबसे उभरती हुई ताईक्वांडो खिलाड़ी रही हैं। उन्होंने 2019 के नेपाल में हुए दक्षिण एशियाई खेलों में भी स्वर्ण जीता, लेकिन उनका 2018 के जकार्ता एशियाई खेलों का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा। वह वहां पदक से चूक गईं। वह एशियाई खेलों की तैयारियों के लिए लखनऊ में लगाए गए राष्ट्रीय शिविर में शामिल की गई थीं, जहां उनका नाडा ने सैंपल लिया। इस सैंपल में फ्यूरासेमाइड पाया गया है।
नाडा सुनवाई पैनल के समक्ष कशिश की ओर से तर्क दिया गया है कि उन्होंने यह दवाई चिकित्सक के परामर्थ पर ली थी, लेकिन उन्होंने इसके लिए थेराप्यूटिक यूज एक्जंप्शन (टीयूई, इलाज केलिए प्रतिबंधित दवा के सेवन से मिलने वाली छूट) नहीं लिया था। पैनल ने वाडा नियमों का हवाला देकर उनकी यह लापरवाही मानीं और दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया। उन पर यह प्रतिबंध इसी माह से लगाया गया है।