
नई दिल्ली। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने भारतीय क्लब फुटबॉल के संकट पर चुप्पी तोड़ी है। कल्याण ने इस बात को स्वीकार किया है कि देश की शीर्ष स्तरीय इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के भविष्य को लेकर अनिश्चितता के कारण क्लब फुटबॉल संकट से गुजर रहा है और इससे उबरने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। ईएसएल के आयोजक एफएसडीएल ने एआईएफएफ के साथ 2010 में किए एमआरए (मास्टर अधिकार करार) के नवीनीकरण को लेकर अनिश्चितता के कारण 11 जुलाई को 2025-26 सत्र को स्थगित करने का फैसला किया था जिसके बाद तीन क्लबों ने या तो अपनी शीर्ष टीम का संचालन रोक दिया है या शीर्ष टीम के खिलाड़ियों और कर्मचारियों के वेतन निलंबित कर दिए हैं।
चौबे ने कहा, ‘यह सच है कि हम एक ऐसे संकट से गुजर रहे हैं जिसके लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं। निहित स्वार्थों वाले कुछ स्वयंभू सुधारकों ने यह स्थिति पैदा की है। मुझे विश्वास है कि ईश्वर की कृपा से हम सामूहिक रूप से इस संकट से उबर पाएंगे।’ चौबे ने 11 आईएसएल क्लबों द्वारा भारतीय फुटबॉल की मौजूदा स्थिति को उच्चतम न्यायालय के ध्यान में लाने के अनुरोध पर भी आश्चर्य व्यक्त किया जहां राष्ट्रीय महासंघ के संविधान से संबंधित एक मामला लंबित है।