
संभाग और जिलों का प्रभार देकर किया जाएगा सक्रिय
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में पिछले दो दशक से राजनीति के मझधार में फंसी कांग्रेस को अब युवा नेता निकालेंगे। इसके लिए आलाकमान ने युवा नेताओं को प्रदेश संगठन में उपाध्यक्ष, महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी है। साथ ही अब इन युवा नेताओं को संभाग और जिलों का प्रभार देकर उन्हें सक्रिय किया जाएगा। ये नेता कांग्रेस संगठन को मजबूत करेंगे। युवा नेताओं को प्रदेश उपाध्यक्ष व महासचिव इसलिए बनाया गया है, ताकि वे भागदौड़ और परिश्रम कर पूरे प्रदेश में संगठन को जिलों का प्रभार सौपेंगी। इसके अलावा कुछ पदाधिकारियों को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में काम सौंपा जाएगा और कुछ को फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन का प्रभार दिया जाएगा। वहीं पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं को भी संगठन में जिम्मेदारी दी गई है, ताकि वे युवाओं को सहयोग कर सके। गौरतलब है कि जीतू पटवारी के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के करीब दस महीने बाद अब उनकी टीम बनकर तैयार हो गई। प्रदेश कार्यकारिणी में युवा और वरिष्ठ नेताओं के बीच संतुलन बैठाने की कोशिश की गई है। पार्टी ने युवा नेताओं को जहां प्रदेश उपाध्यक्ष और महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी है, वहीं 55 साल से अधिक उम्र के नेताओं और दिग्गजों को कार्यकारिणी सदस्य, स्थाई आमंत्रित सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्व बनाकर उनका मान-सम्मान बरकरार रखने की कोशिश की है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष और महासचिवों की औसत उम्र 40 से 55 साल है। पार्टी को आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश में संगठन का विस्तार करना है। जिलों से लेकर गांवों तक जनता के बीच पार्टी की पैठ बनानी है।
बदले जाएंगे कई जिलाध्यक्ष
प्रदेश संगठन के गठन के बाद अब पटवारी का फोकस संगठन की मजबूती पर रहेगा। संगठन की सक्रियता भी कम है, जबकि पार्टी का फोकस आदिवासियों पर रहता है। पार्टी करीब 50 ब्लाक अध्यक्षों को दस माह में हटा चुकी है। अब कुछ जिला अध्यक्षों को भी बदलने की तैयारी है। दरअसल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पहले ही कह चुके हैं कि जो पदाधिकारी संगठन के कामकाज के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं या निष्क्रिय हैं, उनके स्थान पर सक्रिय कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाया जाएगा। पार्टी के मंथन में इसे लेकर सहमति भी बन चुकी है। इनमें वे अध्यक्ष भी शामिल होंगे, जिन्हें तीन वर्ष से अधिक समय पदस्थ रहते चुके हैं। साथ ही उन जिलों में भी नई नियुक्ति की जाएगी, जहां समन्वय बनाने को लेकर समस्या आ रही है। उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि सबको साथ लेकर चलने के साथ अंचल और जातिगत संतुलन बनाने का प्रयास किया है। पार्टी में काम करने वाले कई वरिष्ठ और युवा नेता हैं। सबकी उपयोगिता है और जो रह गए हैं, उन्हें आगे समायोजित करेंगे। पार्टी ने सभी वरिष्ठ नेताओं को जीतू पटवारी की टीम में शामिल तो किया है पर इनकी भूमिका मार्गदर्शक की होगी। इन्हें प्रदेश स्तरीय हर बैठक में बुलाया जाएगा और अनुभव का लाभ लिया जाएगा। ऐसे नेताओं में डा. गोविंद सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, रामेश्वर नीखरा, राजा पटेरिया, नरेंद्र नाहटा, चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी, कैलाश कुंडल, मुजीब कुरैशी, रामसेवक गुर्जर, साजिद अली सहित अन्य शामिल हैं।
जिलों में आयोजित होंगे प्रशिक्षण शिविर
प्रदेश संगठन की मजबूरी के लिए कांग्रेस कुछ जिलों में तीन दिन तो कुछ में एक दिन के प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने जा रही है। इसमें बूथ, सेक्टर, मंडलम और जिला स्तर के कार्यकर्ता शामिल होंगे। इसमें बताया जाएगा कि भाजपा सरकार की नीतियों, विकास के वादों के बीच कांग्रेस को कौन से मुद्दे उठाने चाहिए, कहां पर उठाना चाहिए, इसके लिए जनता को अपने भरोसे में कैसे लें, संगठन को कैसे मजबूत बनाएं। प्रशिक्षण आयोजित करने की जिम्मेदारी सेवादल को दी गई है। इसमें जिला, प्रदेश व कुछ जगह राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी प्रशिक्षण देंगे। दिसंबर में महासम्मेलन होगा। सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष योगेश यादव ने बताया कि कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने और संगठन की मजबूती के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाने का निर्णय लिया गया है। दीपावली के बाद यह प्रारंभ हो जाएंगे। नीमच, राघौगढ़, रीवा सहित अन्य जगहों पर ये आयोजन तीन-तीन दिन के होंगे। जबकि, अन्य जिलों में एक- एक दिन के शिविर रखे जाएंगे। इनमें बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को पार्टी की रीति-नीति के साथ भावी योजना के बारे में बताने के साथ भाजपा द्वारा लगाए जाने वाले आरोपों का उत्तर देने के तरीके, संगठन को मजबूत करने समन्वय बनाने और बूथ प्रबंधन के बारे में बताएंगे।
जल्द बैठक कर बनाई जाएगी रणनीति
संगठन के गठन के बाद पीसीसी चीफ पटवारी पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर जल्द ही इसकी एक्सरसाइज शुरू करेंगे। इसके अलावा कांग्रेस ने अभी प्रदेश सचिव, अनुशासन समिति और राजनीतिक मामलों की सलाहकार समिति की घोषणा नहीं की है। जीतू पटवारी ने कहा, जल्द ही इनकी घोषणा की जाएगी। इनमें वर्तमान सूची में शेष रहे कई साथियों को भी जिम्मदारी मिलेगी। वहीं प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी बनाने के बाद अब विभागों के अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष भी बदले जाएंगे। पार्टी ने अन्य पिछड़ा वर्ग और आदिवासी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्षों को महासचिव बना दिया है। इनके स्थान पर नई नियुक्तियां बुधनी और विजयपुर, विधानसभा के उपचुनाव के बाद होंगी। वहीं, जिला इकाइयों में भी परिवर्तन प्रस्तावित हैं। जिन नेताओं को कार्यकारिणी में स्थान नहीं मिल पाया है, उन्हें सचिव, सह-सचिव बनाकर संगठन में समायोजित किया जाएगा। वरिष्ठ नेताओं की भूमिका अब मार्गदर्शक की रहेगी। वैसे तो इसमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के समर्थकों को स्थान देकर संतुलन बनाने का प्रयास किया है। पिछड़ा वर्ग विभाग के अध्यक्ष सिद्धार्थ कुशवाहा को उपाध्यक्ष तो आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष रामू टेकाम और किसान कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुर्जर को महासचिव बनाया है। इन तीनों के स्थान पर नई नियुक्ति की जाएंगी। सिद्धार्थ कुशवाहा और दिनेश गुर्जर विधायक हैं। वहीं, रामू टेकाम को दूसरी बार बैतूल संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ाया गया था पर वे हार गए।