जी हां! इस माह आपको लगेगा… बिजली का करंट

 बिजली

अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जहां एक तरफ कांग्रेस ने 100 यूनिट तक की बिजली माफ और 200 यूनिट बिजली पर हाफ बिल का वादा कर उपभोक्ताओं पर डोरे डालने की कोशिश की है, वहीं दूसरी तरफ गर्मियों में एक बार फिर बिजली के बढ़े बिल आपको झटका देने जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने फ्यूल कॉस्ट के नाम पर हर महीने बिजली के दाम तय किए जाने का अधिकार बिजली कंपनियों को दे दिया है, जिसका असर दिखने लगा है। इससे चुनावी साल में बिजली उपभोक्ताओं को झटका लग रहा है। बिजली कंपनियों ने अपने स्तर पर बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी करना शुरू कर दिया है।  मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने एक बार फिर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को झटका दे दिया है। फ्यूल एंड पावर पर्चेस एडजेस्टमेंट सरचार्ज के नाम पर बिजली बिल में 8.41 फीसदी का इजाफा कर दिया है। बढ़ी हुई बिजली की दरें 24 मई से लागू कर दी हैं। ऐसे में अगर आपके मीटर रीडिंग 5 जून को होती है, तो आपको 24 मई से 5 जून तक की यूनिट पर 8.41 फीसदी की बढ़ोत्तरी का बिल चुकाना होगा।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने फ्यूल कॉस्ट के नाम पर हर महीने बिजली के दाम तय किए जाने का अधिकार बिजली कंपनियों को दे दिया है, जिसे बिजली कंपनियों ने 24 अप्रैल से लागू कर दिया है। पिछले महीने पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने एफपीपीएएस के नाम पर 5 फीसदी की बढ़ोत्तरी बिजली बिलों में की थी। ऐसे में 24 मई से पहले जो बिजली जलाई गई है, उसमें आपको अधिक बिल का भुगतान करना होगा। इस तरह से अब हर महीने बिजली कंपनियां बिलों में बढ़ोत्तरी करेंगी , जिससे बिजली बिल बढक़र आएगा।  कंपनी का दावा है कि सरचार्ज घाटे के आधार पर लगाया जा रहा है।
ऐसे बढक़र आएगा बिजली बिल
अगर आपका बिजली बिल 164 यूनिट तक आता है, तो आपको अगले महीने 71 रुपए अधिक चुकाने होंगे। बिजली खपत 164 यूनिट होने पर एनर्जी चार्ज 853.13 रुपए होता है। इसमें 8.41 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हो जाएगी। ऐसे में आपको करीब 71 रुपए ज्यादा चुकाना होंगे। इसके अलावा इसमें फिक्स चार्ज और इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी भी लगेगी। यानी बिजली खपत  164 यूनिट पर एफपीपीएएस 71 रुपए, मीटर चार्ज 292.43,इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी  92 रुपए लिया जाएगा। इस तरह आपका बिजली  बिल 1308.56 रुपए का आएगा। बिजली कंपनियों ने 49,530 करोड़ राजस्व की जरूरत बताते हुए बिजली की दरों में एकमुश्त 3.20 फीसदी का इजाफा किए जाने के लिए याचिका दायर की थी। कंपनी ने 1537 करोड़ रुपए की घाटे की भरपाई के लिए बिजली के टैरिफ में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया था। इसके आधार पर विद्युत नियामक आयोग ने 1.65 फीसदी बढ़ोत्तरी को स्वीकार किया था। इसके बाद 01 अप्रैल से बिजली बिल में 1.65 फीसदी की बढ़ोत्तरी पहले ही हो चुकी है। अब एफपीपीएएस के नाम पर हर महीने 6 से 7 फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी। यानी आपका बिल पहले के मुकाबले 8 से 10 फीसदी तक ज्यादा आएगा।
सरचार्ज से बिजली बिलों में 8 फीसदी बढोत्तरी होगी
 इस पहले हर तिमाही में फ्यूल कॉस्ट एडजेस्टमेंट (एफसीए) नियामक आयोग तय करता था। इससे साल में चार बार एफसीए बिलों में जुड़ता था । जनवरी 2023 से मार्च तक के लिए इसे 34 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया था , यानी एक साल में 34 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी हुई है। अब फ्यूल एंड पावर पर्चेस एडजेस्टमेंट सरचार्ज लगाया गया है। इससे अप्रैल मई में बिजली 36 पैसे (200 यूनिट तक) प्रति यूनिट तक महंगी कर दी है। यह सरचार्ज हर स्लैब के साथ बदलेगा, बिल में आने वाले एनर्जी और फिक्स चार्ज का 5 प्रतिशत या इससे ज्यादा लिया जा सकता है। अब अप्रैल के एफपीपीएएस की गणना की जाएगी। पहली बार हुई गणना में एफपीपीएएस 6.80 फीसदी आया था। ऐसे में तय है कि अब अप्रैल के एफपीपीएएस की जब गणना होगी तो मई का बिजली बिल जब जून में आएगा, तो इसमें 8 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है।
एफसीए की जगह अब एफपीपीएएस
 बिजली कंपनियां हर महीने अब एफसीए की जगह फ्यूल एंड पावर पर्चेस एडजेस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) वसूल रही हैं। इसकी गणना हर महीने की जा रही है। इसके आधार पर आपके बिजली बिल हर महीने बढक़र ही आएगा। मार्च के महीने में जो बिजली बिल आया है, उसमें बिजली कंपनियों ने 5 फीसदी सरचार्ज वसूल कर एनर्जी चार्ज- 853.13 रुपए लिया है। यह सरचार्ज बिजली कंपनियों ने 24 अप्रैल से लागू किया था। मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी अब हर महीने फ्यूल एंड पावर पर्चेस एडजेस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) की गणना कर रही है। इस गणना के मुताबिक बिजली कंपनियां ऊर्जा शुल्क में बढ़ोत्तरी कर रही हैं। दरअसल केंद्र सरकार ने विद्युत नियम 2005 में संशोधन करते हुए बिजली कंपनियां को हर महीने फ्यूल कॉस्ट तय करने का अधिकार दिया है। इसके आधार पर यह मनमानी की जा रही है। बिजली कंपनियों ने पहली बार फ्यूल एंड पावर पर्चेस एडजेस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) की गणना की है। इस गणना के मुताबिक बिजली कंपनियों ने 6.80 फीसदी एफपीपीएएस वसूलना तय किया था, लेकिन पहली बार बिजली कंपनियों ने सरचार्ज 5 फीसदी ही वसूला है। इससे पहले हर तिमाही में फ्यूल कॉस्ट एडजेस्टमेंट (एफसीए) नियामक आयोग तय करता था।  इससे साल में चार बार एफसीए बिलों में जुड़ता था । जनवरी 2023 से मार्च तक के लिए इसे 34 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया था यानी एक साल में 34 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी हुई है। बिजली कंपनियों ने मार्च में 1.65 फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी।

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