यस एमएलए- इस बार विधायक खुद होंगे मुद्दा

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। बिजावर छतरपुर जिले में स्थित 6 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। यह निर्वाचन क्षेत्र सटई और बिजावर नगर पंचायत और जिले के छतरपुर, बिजावर और राजनगर तहसीलों के कुछ हिस्सों को कवर करता है। यह निर्वाचन क्षेत्र 1951 में तत्कालीन विंध्य प्रदेश राज्य के 48 विधानसभा क्षेत्रों में से एक के रूप में अस्तित्व में आया। बिजावर विधानसभा पर अभी कांग्रेस से बागी हुए, सपा से चुनाव जीते और भाजपा में शामिल होने वाले राजेश बबलू शुक्ला विधायक है। इस तरह इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। पिछले कई चुनाव का ट्रैक रिकॉर्ड देखें, तो यहां जनता भाजपा का साथ देती नजर आती थी। लेकिन मध्यप्रदेश में सत्ता का परिवर्तन हुआ, तो 2008 और 2013 में कांग्रेस से प्रत्याशी रहे राजेश बबलू शुक्ला को 2018 में सपा के टिकट पर जनता ने सिर आंखों पर बिठाया और चुनाव जिताया। यहां के लोग विधायक से नाखुश नजर आए। कारण उनके लोगों द्वारा क्षेत्र की जनता पर दबाव बनाना, बालू के व्यापार से लेकर  शराब में लिप्त होने जैसे आरोप लग चुके हैं। जिससे विधायक की छवि धूमिल हुई है। वही सडक़ और जटा शंकर धाम में काम होने से कई लोग खुश भी नजर आए। 2018 से पहले बिजावर विधानसभा सीट से लगातार तीन बार से भाजपा चुनाव जीती। इसके बावजूद 2013 तक भाजपा प्रत्याशी बदलती रही। 2003 में भाजपा प्रत्याशी जीतेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की थी। 2008 में भाजपा की आशारानी सिंह ने कांग्रेस के राजेश शुक्ला बबलू को हराया था। इसी प्रकार 2013 में वर्तमान विधायक पुष्पेंद्र नाथ पाठक ने राजेश शुक्ला को 10 हजार मतों से शिकस्त दी थी। 2018 में भाजपा ने फिर से पुष्पेंद्र नाथ पाठक को उम्मीदवार बनाया था। वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक शंकर प्रताप सिंह को मैदान में उतारा था। कांग्रेस से टिकट न मिलने पर राजेश शुक्ला ने बगावत करके समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। अब राजेश शुक्ला भाजपा में आ गए हैं। क्षेत्र की जनता का कहना है कि हमने तो सपा प्रत्याशी को विजयी बनाया था और भाजपा के खिलाफ ही वोट किए थे, परंतु यह तो भाजपा में ही चले गए इसलिए क्षेत्र की जनता में भारी नाराजगी देखी जा रही है। स्थानीय भाजपा नेता भी बड़े कशमकश में हैं क्योंकि जो सालों से पार्टी के लिए काम करते रहे हैं । वह चाहत रखते थी कि विधानसभा में उनको उम्मीदवार बनाया जाएगा ,लेकिन कट्टर कांग्रेसी रहे एवं सपा से जीते प्रत्याशी के द्वारा भाजपा में जाने से पूर्व के भाजपा नेताओं के अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
पलायन, सिंचाई का पानी और रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा
बुंदेलखण्ड के पिछड़े इलाकों में आने वाले बिजावर विधानसभा क्षेत्र के लोग रोजगार नहीं होने के कारण पलायन करने को मजबूर रहते हैं। वहीं अगर हम बात क्षेत्र में किसानों की करें, तो ज्यादातर हिस्सा किसानी क्षेत्र में आता है। लेकिन पानी के संसाधन पर्याप्त न होने के कारण सिंचाई के लिए किसान हर वक्त परेशान होता है। कभी मौसम की मार झेलता है, तो कभी मौसम सही होने के बावजूद भी सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी ना होने के कारण वह परेशान रहता है। हालांकि केंद्र सरकार की एक बड़ी योजना जिसका 2003 में मध्य प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती ने सपना देखा था। केन बेतवा परियोजना लिंक इसी क्षेत्र से और बुंदेलखंड के ज्यादातर हिस्से से होकर गुजरनी है। जिसका सर्वे लगभग पूरा भी हो गया है। केन बेतवा परियोजना आने से बुंदेलखंड और इस विधानसभा के लोगों को सिंचाई के पानी से निजात मिलेगी। अगर हम बात इस विधानसभा क्षेत्र के युवाओं की करें, तो उनको रोजगार के लिए आज और तब भी बाहर तो जाना ही पड़ेगा। क्योंकि इस क्षेत्र में रोजगार के एक भी साधन नहीं है।
विधानसभा सीट का इतिहास
बिजावर विधानसभा सीट की अगर बात की जाए, तो यहां से फिलहाल कांग्रेस से बागी होकर सपा से चुनाव लड़े और भाजपा में शामिल हुए राजेश बबलू शुक्ला विधायक है। इस विधानसभा सीट पर 2018 के पहले कई वर्षो से भाजपा का ही विधायक बनता आया है। अगर हम बात मौजूदा विधायक की करें, तो बबलू शुक्ला 2018 के पहले कांग्रेस के टिकट पर 2 बार चुनाव हार चुके है। 2018 में सपा के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़े और विधायक बने। 2018 के पहले कई वर्षों तक इस विधानसभा से जिस किसी ने भाजपा की चिन्ह पर चुनाव लड़ा उसे जीत मिली। 2003 में कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह के खिलाफ भाजपा के जितेंद्र सिंह बुंदेला चुनाव जीते। 2008 में भाजपा से आशा रानी कांग्रेस के बबलू शुक्ला से चुनाव जीती। 2013 में भाजपा से गुड्डन पाठक कांग्रेस के बबलू शुक्ला से चुनाव जीत चुके हैं।
जातिगत समीकरण
बिजावर विधानसभा सीट पर जातिगत आंकड़ों की बात की जाए, तो यहां सबसे ज्यादा अहिरवार और कुशवाहा समाज है। दोनों वर्ग चुनाव में निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। अगर बात अहिरवार की करें, तो अहिरवार समाज 35 हजार और कुशवाहा समाज के 30 हजार वोटर्स है। इसके अलावा ब्राह्मण 22 हजार, यादव 18 हजार, मुस्लिम 12 हजार और ठाकुर 8 हजार वोटर है।
चुनाव का मुद्दा
बिजावर में पूरा चुनाव विधायक राजेश शुक्ला के मुद्दे को लेकर होने वाला है। शुक्ला बताएंगे की उन्होंने क्षेत्र के लिए क्या किया है। भाजपा का समर्थन करने के कारण सरकार ने उनके क्षेत्र में काफी काम कराए हैं। हाल ही में नए आईटीआई की घोषणा हुई है। वे क्षेत्र के लिए सोलर प्लांट लाने में सफल रहे है। सडक़ें बनवाई हैं।

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