
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। खिलचीपुर विधानसभा सीट राजगढ़ जिले में आती है। वर्तमान में विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा। प्रियव्रत सिंह खींची यहां के विधायक हैं। खिलचीपुर विधानसभा में सौंधिया व गुर्जर समाज निर्णायक समाज मानी जाती है। 2018 में कांग्रेस प्रत्याशी प्रियव्रत सिंह ने भाजपा प्रत्याशी हजारीलाल दांगी को हराया था। खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र के खान-पान में दाल-बाटी और बाफले प्रसिद्ध हैं। ये पर्यटकों का दिल जीत लेते हैं। यहां शनि, श्रीनाथ जी और मोतिश्वर महाराज का मंदिर आस्था के केंद्र हैं। शहर से 11 किमी दूर से निकलने वाली गाड गंगा नदी यहां की जनता की पानी की जरूरत को पूरा कर रही है। खिलचीपुर, राजगढ़ और नरसिंहपुर से भी पुरानी रियासत है। इसे चित्तौड़ के राजा राणा सांगा के भांजे पालण के बेटे राजा उग्रसेन ने सन् 1544 में बसाया था। इसने मुगल और अंग्रेजों के शासनकाल में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। राजस्थान के झालावाड़ जिले से सटी रियासत खिलचीपुर खीची राजपूतों की वीरता के किस्सों के लिए तो प्रसिद्ध है ही, इसने रसीले और मीठे संतरों के लिए भी देश के कई शहरों में नई पहचान बनाई है। माचलपुर-जीरापुर क्षेत्र में करीब 21 हजार हेक्टेयर में उत्पादित हो रहा संतरा कानपुर, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता से लेकर चेन्नई तक भेजा जा रहा है।
सियासी समीकरण
2018 में कांग्रेस प्रत्याशी प्रियव्रत सिंह ने भाजपा प्रत्याशी हजारीलाल दांगी को हराया था। 2013 से पहले कांग्रेस ने लगातार 4 चुनावों में इस सीट पर जीत हासिल की थी। 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के कुंवर हजारीलाल दांगी ने कांग्रेस के प्रियव्रत सिंह खिंची को शिकस्त दी थी। कुंवर हजारीलाल दांगी साल 1998 में कांग्रेस से इस सीट पर विधायक रह चुके हैं। बाद में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम चुनावी मैदान में उतरे थे। 2008 के चुनाव में कांग्रेस के प्रियव्रत सिंह ने भाजपा के जगन्नाथ सिंह को 13 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। खिलचीपुर के मुकेश शर्मा कहते हैं कि खिलचीपुर विधानसभा मुख्यालय है, पर यह शहर जैसा नहीं लगता। व्यवस्थित बस स्टैंड नहीं है, अतिक्रमण है। इस दिशा में काम होना चाहिए। मनोज सिंघी बताते हैं कि विधायक स्वच्छ छवि के व्यक्ति हैं और जनता से सीधे जुड़ाव रखते हैं। इसलिए लोग अपने दुख और खुशी में उनके पास जाते हैं।
बिजली-पानी की समस्या
अब खिलचीपुर कस्बा राजगढ़ जिले का हिस्सा है। यहां से पूर्व रियासत के गद्दीदार प्रियव्रत सिंह खीची विधायक हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में चार नगर पंचायत खिलचीपुर, जीरापुर, माचलपुर और छापीहेड़ा हैं। इसके अलावा करीब 300 गांव हैं। क्षेत्र के ग्रामीणों को इन दिनों अंधेरे में जीवन बसर करना पड़ रहा है। कमलनाथ सरकार में ऊर्जा मंत्री रहते हुए प्रियव्रत सिंह ने तीन ग्रिड लगवाए थे , पर अब बिजली कटौती ने जीना दूभर कर दिया है। दिन-रात में कई-कई घंटे बिजली गुल रहती है। नगरीय क्षेत्रों में एक दिन छोडक़ऱ पानी दिया जा रहा है तो ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को दूर-दूर से लाना पड़ रहा है। खिलचीपुर कस्बे की बात कर,ें तो यहां 22 किमी दूर बगाफत्तुखेड़ी से पानी लाया जा रहा है, जो एक दिन छोडक़र सप्लाई होता है। यह भी पीने योग्य नहीं है। यहां पेयजल का इंतजाम लोग अपने स्तर पर करते हैं। दरअसल, लोगों ने पाइप लाइन में छेद करके खेतों के लिए पानी लेना शुरू कर दिया है। प्रियव्रत सिंह कहते हैं कि गाड गंगा नदी पर घाटाखेड़ी पर बांध बन जाए, तो यहां की जनता को शुद्ध पानी मिले, पर कोई सहयोग नहीं मिला। उधर, बस स्टैंड अव्यवस्थित है, बसें सडक़ों पर खड़ी रहती हैं तो अतिक्रमण और बेरोजगारी भी बड़ी समस्या है। मंडी से महल जाने वाली सडक़ उखड़ी है, इसे पाइप लाइन डालने के लिए खोदा था। नालों का पानी मिलने से गाड गंगा प्रदूषित हो रही है।
विकास के अपने-अपने दावे
कांग्रेस बनाम भाजपा की लड़ाई के चलते विकास बाधित है। चारों नगर पंचायतों पर भाजपा का कब्जा है। विधायक ने बस स्टैंड, बाजार की सडक़ निर्माण के लिए राशि स्वीकृत कराई तो नगर पंचायत परिषद काम नहीं कर रही है। छापीहेड़ा में ओपन जिम की मशीनें एक साल से बेकार पड़ी हैं। जिस जगह को जिम के लिए चुना था, उसके पट्टे रसूखदारों को बांट दिए। यहां पर ऐसा नही है की काम नहीं हुआ है , बल्कि कभी गड्ढों से भरी खिलचीपुर से माचलपुर सडक़ की तस्वीर बदलने से हालात सुधरे हैं। 150 गांव के लोगों को इसका फायदा हुआ। अस्पताल में सुविधाएं जुटाई गई हैं। कालेज व 171 से अधिक स्कूलों का उन्नयन भी हुआ। विधायक प्रियव्रत सिंह का कहना है कि अगर भाजपा सरकार ने ही सभी काम करवाए हैं, तो क्या उनकी सरकार मेरे विधायक बनने का इंतजार कर रही थी। ज्यादातर काम तो मेरे विधायक बनने के बाद ही हुए हैं। मुझे बदनाम करने के लिए काम नहीं करवाए जा रहे हैं। खिलचीपुर बस स्टैंड के लिए राशि स्वीकृत है, नगर परिषद डीपीआर नहीं बना रही। 50 बिस्तर का अस्पताल कांग्रेस सरकार में स्वीकृत हुआ। कुंडालिया बांध के लिए प्रयास किए और जगह भी तय करवाई। बिजली की समस्या नहीं है, आपूर्ति नहीं की जा रही है। मेरा लक्ष्य जीरापुर में एमएसएमई कलस्टर, माचलपुर में वेटरनरी कालेज और खिलचीपुर में इंजीनियरिंग कालेज खुलवाना है। भाजपा नेता हजारीलाल दांगी कहते हैं कि अपने कार्यकाल में ग्रामीण सड़कें स्वीकृत करवाईं। खिलचीपुर-जीरापुर में 50-50 बिस्तरों का अस्पताल स्वीकृत कराया। कुंडालिया बांध स्वीकृत कराया, स्कूल-कालेज खुलवाए। दो-तीन ग्रिड बनाने से काम नहीं होता। अगर प्रियव्रत सिंह ने काम करवाए हैं तो उनकी सरकार के समय की स्वीकृति बता दें।