
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचल का महत्वपूर्ण जिला मंडला केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का गढ़ कहलाता है। यहां तीन विधानसभा सीट मंडला, बिछिया और निवास हैं। निवास विधानसभा सीट मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2018 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। औद्योगिक क्षेत्र के बावजूद स्थानीय युवा रोजगार को तरस रहा है। मंडला जिले के निवास विधानसभा क्षेत्र में इंडस्ट्रियल एरिया होने के बाद भी लोगों को समुचित रोजगार नहीं मिल रहा। ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं। निवास विधानसभा सीट भाजपा का ऐसा गढ़ रहा है, जिसके बारे में कहा जाता था कि यहां अन्य दलों के लिए सेंध लगाना मुश्किल है। लेकिन 2018 में कांग्रेस के डॉ. अशोक मर्सकोले ने भाजपा के राम प्यारे कुलस्ते को 29 वोटों के मार्जिन से हरा दिया था। निवास विधानसभा क्षेत्र में फग्गन सिंह कुलस्ते परिवार का प्रभाव रहा है। यहां पर 1 लाख 69 हजार 661 मतदाता है। निवास में इस बार चुनावी सरगर्मी तेज है। यह सीट भाजपा का गढ़ होने के बावजूद इस बार बीजेपी के लिए यहां जीत हासिल करना आसान नहीं है।
समस्याओं की भरमार
शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं के लिए भी लोगों को जूझना पड़ रहा है। चार ब्लॉक के बीच में सिर्फ एक कॉलेज है। अस्पतालों में वर्षों से डॉक्टरों की कमी है। यह हालात हैं निवास विधानसभा क्षेत्र के। विधानसभा चुनाव में सडक़ों पर गड्ढ़े ही गड्ढे हैं। कटरा से तिंदनी की ओर बढ़े तो फूलसागर के पहले कुछ कर्मचारी पुल के गड्ढे भर रहे थे। गड्ढे महीनों से थे। सडक़ तब सुधरी, जब कलेक्टर ने निरीक्षण किया। ग्राम सागर के भानू मरकाम, सोम परस्ते और मानसिंह का कहना है कि यहां खेती-किसानी में फायदा नहीं रहा। अभी खाद की जरूरत है। लेकिन, सोसायटी से पर्याप्त खाद नहीं मिलती। क्रेडिट कार्ड पर ऋण बकाया है, इसलिए निजी दुकानों से महंगी खाद खरीद रहे हैं। बाहर से मजदूर लाते हैं ठेकेदार। बकौरी के हाट बाजार में सेम सिंह परस्ते ने बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बताया। बोले, विधानसभा क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री का पैतृक ग्राम होने के बावजूद हालात खराब हैं। औद्योगिक क्षेत्र है। एक सैकड़ा छोटे-बड़े उद्योग भी हैं, लेकिन स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं है। उद्योगों में ठेकेदारी सिस्टम है। ठेकेदार दूसरे जिलों से मजदूर लाते हैं और निर्धारित दर से कम में कार्य कराते हैं। क्षेत्रीय लोगों को काम मिले तो धीरे-धीरे अनुभव बढ़ेगा और विकास कर लेंगे। ग्राम के इंदर सिंह मरावी बोले, गांव में वर्ष 2010 में मिडिल स्कूल का हाई स्कूल में उन्यनन किया गया था, लेकिन अब तक भवन नसीब नहीं हुआ है। पंचायत के दूसरे भवन में बच्चों को अव्यवस्थाओं के बीच बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। फायदा यह हुआ है कि हाईस्कूल खुलने से छात्र-छात्राएं सागर, बबलिया जाने से बच रहे हैं। इलाज के लिए मंडला की दौड़ क्षेत्र में मोहगांव, बिछिया, बीजाडांडी और नारायणगंज ब्लॉक हैं, लेकिन कॉलेज निवास में है। तीन संकाय संचालित हैं। इन हालात में 12वीं के बाद कई छात्र-छात्राएं पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हैं। ग्राम खारी के पुन्नु लाल मरावी ने स्वास्थ्य समस्याएं गिनाईं। बोले, प्राथमिक व उपस्वास्थ्य केंद्र में भवन तो बना दिए गए हैं, लेकिन स्टाफ के अभाव में लाभ नहीं मिल पा रहा। बकौरी जैसे उपस्वास्थ्य केन्द्र में सिर्फ सर्दी और बुखार का इलाज मिलता है। विधानसभा क्षेत्र के किसी भी ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं। स्त्रीरोग विशेषज्ञ न होने से प्रसूता व गर्भवती महिलाएं जबलपुर और मंडला जाकर उपचार करा रही हैं। क्षेत्र में रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए कार्य किए जाने की जरूरत है।