मंत्रालय में खुल गया डब्ल्यूआरआई इंडिया का कार्यालय

डब्ल्यूआरआई इंडिया
  • जीएडी को कानों-कान खबर तक नहीं

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के सबसे सुरक्षित क्षेत्र मंत्रालय में सामान्य प्रशासन विभाग से अनुमति लिए बिना ही प्राइवेट कंपनी डब्ल्यूआरआई इंडिया का कार्यालय खुल गया है। इस बात की खबर जैसे ही अन्य विभागों को लगी है हड़कंप मच गया है। इससे लोग मंत्रालय की सुरक्षा पर सवाल उठाने लगे हैं। मंत्रालयीन नियमों के अनुसार, यहां बिना सामान्य प्रशासन विभाग की अनुमति के अफसरों की नेम प्लेट तक नहीं लगती है, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर एक प्राइवेट कंपनी का कार्यालय ही खुल गया है।
जानकारी के अनुसार ऐसा पहली बार है जब मंत्रालय में प्रायवेट कंपनी के लिए कक्ष आवंटित हुआ। जिसमें सरकारी अधिकारियों की तरह प्राइवेट कंपनी डब्ल्यूआरआई इंडिया का स्टाफ बैठकर काम निपटाता है। मंत्रालय में हुई प्राइवेट कंपनी की घुसपैठ की सामान्य प्रशासन विभाग को खबर तक नहीं है। एनेक्सी बनने से पहले मंत्रालय में कक्ष आवंटित करने का काम सामान्य प्रशासन द्वारा होता था, लेकिन अब एनेक्सी में विभाग ही अपने स्तर पर कक्ष आवंटित करते हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार शुक्ल का कहना है कि मंत्रालय में प्राइवेट कंपनी को कक्ष देने का वैसे तो कोई प्रावधान नहीं है। मैं इसको दिखवाता हूं।
सीएमओ वाली बिल्डिंग में खुला कार्यालय
मंत्रालय एनेक्सी-2 (मुख्यमंत्री सचिवालय वाली इमारत) के प्रथम तल पर स्थित परिवहन विभाग के सचिव, उपसचिव एवं अवर सचिव स्तर के अधिकारियों के कक्षों में इन दिनों प्राइवेट कंप्रनी डब्ल्यूआरआई इंडिया के अधिकारी बैठ रहे हैं। हालांकि कंपनी को कक्ष आटित करने का कोई लिखित आदेश सामान्य प्रशासन विभाग के पास भी नहीं है। साथ ही परिवहन विभाग में भी इसको लेकर सन्नाटा है। परिवहन विभाग में डब्ल्यूआरआई इंडिया कंपनी का स्टाफ दो कक्षों में बैठ रहे हैं। जिनमें एक कक्ष में परिहवन विभाग की आईटी सलाहकार अभिलेखा शुक्ला के नाम की तख्ती लगी है। हालांकि इस कक्ष में श्रीमती शुक्ला की जगह प्रायवेट कंपनी का स्टाफ बैठता है। क्योंकि श्रीमती शुक्ला संविदा मप्र इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के माध्यम से परिवहन विभाग में सलाहकार हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों से अवकाश पर हैं। दूसरे कक्ष में डब्ल्यूआरआई इंडिया के अधिकारी डॉ. देवल मिश्रा के नाम की तख्ती लगी हुई है। डब्ल्यूआरआई इंडिया कंपनी शहरी क्षेत्र में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्लान तैयार करती है। जनवरी में परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा के सेवानिवृत्त होने के बाद विभाग ने प्राइवेट कंपनी को मंत्रालय में कक्ष दे दिया। बताया गया कि डब्ल्यूआरआई इंडिया कंपनी मुख्यमंत्री बस करने पर जिम्मेदार जवाब देने से बच रहे हैं। क्योंकि मप्र सरकार के परिवहन सेवा का प्लान तैयार कर रही है। लेकिन मंत्रालय में कक्ष आवंटित हैं, लेकिन मंत्रालय में किसी को कक्ष नहीं दिए गए। लगभग हर विभाग के साथ प्रायवेट कंपनी, संस्था या ठेकेदार काम कर रहे

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