अरे वाह! राष्ट्रीय औसत से दोगुने हुए मध्यप्रदेश में निवेशक

महामारी

भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। तमाम संकटों और कोरोना जैसी महामारी के बाद सरकार की निवेश नीति से प्रभावित होकर मप्र में बीते एक साल में आए निवेश ने राष्ट्रीय औसत को बहुत पीछे छोड़ दिया है। यही वजह है कि आज मप्र की गिनती देश के उन राज्यों में होने लगी है जो पहले से विकसित होने की वजह से निवेशकों की पहली पसंद बन रहे हैं। देश में जहां एक साल में करीब 37 फीसदी निवेशकों की वृद्धि हुई है, तो इससे इतर मप्र में यह आंकड़ा 62 फीसदी रहा है। यानि की राष्ट्रीय औसत से करीब दोगुना। दरअसल इसका श्रेय जाता है प्रदेश सरकार की उन नीतियों को जिनमें बड़ा बदलाव कर उन्हें निवेश के अनुकूल बनाया गया है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा सतत प्रयास भी किए जा रहे हैं। केन्द्र द्वारा हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में तेलंगाना अब भी पहले स्थान पर बना हुआ है। वहां पर बीते एक साल में निवेशकों की संख्या में 92 फीसदी से अधिक वृद्धि हुई है। यह बात अलग है कि अब भी इस मामले में महाराष्ट्र और गुजरात जैसे विकसित प्रदेश आगे हैं।
मप्र को इन राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा करने के लिए ही भाजपा की शिव सरकार द्वारा लगातार विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत प्रदेश में औद्योगिक निवेश की सुविधा के लिए 231 अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्र, 19 विकास केंद्र, चार अधिसूचित विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) और 12 उत्पाद विशिष्ट औद्योगिक पार्क की स्थापना की गई है। इसके अलावा मप्र भारत के केंद्र में स्थित होने के साथ ही देश के सभी प्रमुख बाजारों और प्रथम स्तरीय शहरों के करीब भी है। राज्य में निवेश प्रक्रिया की निर्बाध सुविधा के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने कई निवेशक अनुकूल नीतियां बनाई है और एकल खिड़की का निर्माण किया गया है। इसके अलावा मप्र में बेहतरीन कनेक्टिविटी के लिए मजबूत सड़क का नेटवर्क है, जो राज्य को एक आदर्श स्थल, केंद्रीकृत विनिर्माण और वितरण का केंद्र बनाता है। इसके अलावा प्रदेश में उद्योगों के लिए भूमि बैंक भी बनाया गया है। इसमें औद्योगिक उपयोग के लिए 16,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि उपलब्ध है।  जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि  बीते साल अप्रैल में पंजीकृत निवेशकों की संख्या 4 करोड़ 98 लाख थी । जो इस साल बढ़कर 6.84 करोड़ हो गई है। यानी 37.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। बड़े राज्यों में राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में निवेशकों की संख्या में अधिक बढ़त हुई है। जबकि छोटे राज्यों में पूर्वी भारत टॉप पर है। देश में निवेशकों की संख्या के लिहाज से दो सबसे बड़े राज्यों की बात करें तो अप्रैल 2021 में महाराष्ट्र में कुल 1.47 करोड़ निवेशक थे, जो अप्रैल 2020 में 1.08 करोड़ थे। यानी इसमें 36 प्रतिशत की बढ़त हुई है। गुजरात में निवेशकों की संख्या में 1 साल में 22.6 प्रतिशत की बढ़त दिखी है। यहां अप्रैल 2020 में कुल निवेशकों की संख्या 69.51 लाख थी जो अप्रैल 2021 में बढ़कर 85.19 लाख हो गई है।
तमिलनाडु में 41.78 लाख निवेशक
बड़े राज्यों की बात करें तो तमिलनाडु में कुल निवेशकों की संख्या अपै्रल 2021 में 41.78 लाख रही है जोअप्रैल 2020 में 33.02 लाख थी। यानी इसमें 26.5 प्रतिशत की बढ़त रही है। कर्नाटक में कुल निवेशकों की संख्या अपै्रल 2020 में 30.30 लाख रही है जो अप्रैल 2021 में 41.37 लाख रही है। इसमें 36.5 प्रतिशत की बढ़त दिखी है। पश्चिम बंगाल में कुल निवेशकों की संख्या 39.02 लाख रही है जो एक साल पहले 31.77 लाख थी। इसमें 22.8 की बढ़त देखी गई है।
पश्चिम बंगाल में बचत के लिए पोस्ट ऑफिस पहली पसंद
बता दें कि देश में छोटी बचत स्कीम्स जैसे किसान विकास पत्र पोस्ट ऑफिस में सबसे ज्यादा पैसा पश्चिम बंगाल से आता है। इसका हिस्सा 15 प्रतिशत है। दिल्ली में कुल निवेशकों की संख्या 36.75 लाख थी। यहां पर 24.6 प्रतिशत निवेशक बढ़े हैं। आंध्र प्रदेश में 37.7 प्रतिशत निवेशक बढ़े हैं। यहां पर कुल 35.40 लाख निवेशक हैं। एक साल पहले इनकी संख्या 25.71 लाख थी।
तेलंगाना में 92.6%  की रिकॉर्ड वृद्धि
छोटा राज्य तेलंगाना में निवेशकों की संख्या 92.6 प्रतिशत बढ़ी है। यहां कुल 20.13 लाख निवेशक हैं। केरल में 19.15 लाख निवेशक हैं तो बिहार में 16.04 लाख निवेशक हैं। यहां निवेशकों की संख्या 68.8 प्रतिशत बढ़ी है। एक साल पहले यहां 9.50 लाख निवेशक थे। पंजाब में निवेशकों की संख्या 37 प्रतिशत बढ़ी है। छत्तीसगढ़ में निवेशकों की संख्या 5.69 लाख रही है जो एक साल पहले 3.76 लाख थी। यानी 51 प्रतिशत की बढ़त दिखी है। सर्वाधिक निवेशकों की संख्या में वृद्धि वाले प्रदेशों में अरुणाचल प्रदेश में 90 प्रतिशत, मिजोरम में 83 प्रतिशत, मेघालय में 59 , दादरा एंड नागर हवेली में 53 , सिक्किम में 42 , और हिमाचल में 62 प्रतिशत निवेशक बढ़े हैं। लक्ष्यद्वीप में केवल 461 निवेशक हैं।

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