
- सरकार के फैसले से महिलाओं को मिलेगा बड़ा फायदा …
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र सरकार द्वारा लिए ए एक निर्णय से प्रदेश की लाखों महिलाओं के लिए आर्थिक रूप से मजबूत होने का नया रास्ता खुल गया है। यह सरकार का कदम महिला सशक्तिकरण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसके तहत पोषण आहार संयत्रों का संचालन एमपी एग्रो से लेकर उसे आजिविका मिशन के तहत गठित महिला स्व सहायता समूहों के परिसंघों को देने का फैसला कर लिया गया है। यह जानकारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने मीडिया से बात करते हुए दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए इस फैसले से प्रदेश में पोषण अहार तैयार करने का काम मिलने से प्रदेश के लाखों स्वसहायता सूमह में शामिल महिलाओं को आर्थिक रुप से फायदा होगा। उनका कहना है कि एकीकृत महिला बाल विकास योजना के तहत संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती, धात्री माताओं एवं किशोरी बालिका योजनांतर्गत किशोरी बालिकाओं को टेक होम राशन (टीएचआर) प्रदाय करने का कार्य एमपी एग्रो द्वारा किया जा रहा था।
प्रदेश में देवास, धार, होशंगाबाद, मंडला, सागर, रीवा एवं शिवपुरी में टीएचआर संयंत्र स्थापित किए जाकर वर्ष 2018-19 में यह कार्य स्व-सहायता समूहों को दिया गया था। जिनके द्वारा भोपाल संभाग को छोड़कर प्रदेश के शेष जिलों में टीएचआर प्रदायगी का कार्य दिया गया था। बीते साल के पहले महिने में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा टीएचआर संयंत्रों के संचालन का काम फिर से एमपी एग्रो को दे दिया गया था। जिसे अब बदलकर फिर से महिला स्व-सहायता समूहों को देने का निर्णय किर लिया गया है। इसकी वजह से अब एक बार फिर प्रदेश के लाखों स्व-सहायता समूहों को भविष्य में लाभ मिलना तय हो गया है। इससे उन्हें बड़े व्यवसाय को चलाने का अवसर भी मिला है। सिसोदिया ने बताया कि विभाग के अतंर्गत मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा प्रदेश के लगभग 45 हजार ग्रामों में प्रवेश करते हुए लगभग 3 लाख 33 हजार स्व-सहायता समूहों का गठन किया गया है। लगभग 38 लाख ग्रामीण निर्धन परिवारों की आजीविका को सुदृढ़ और आजीविका के लिए कई अवसर उपलब्ध कराने के लिए मार्गदर्शन एवं वित्तीय सहयोग दिया जा रहा है। उनका कहना है कि समूहों के परिसंघ यथा ग्राम संगठन, संकुल स्तरीय संगठनों के माध्यम से सामूहिक उद्यमों का संचालन किया जा रहा है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश राज्य आजीविका मिशन के तहत गठित महिला स्व- सहायता समूहों के परिसंघों द्वारा पोषण आहार संयंत्रों का संचालन, प्रबंधन, उत्पादन, प्रदायगी एवं वित्तीय नियंत्रण का कार्य कराए जाने का निर्णय लिया गया है। संयंत्रों के संचालन से होने वाले लाभांश में से 5 प्रतिशत का उपयोग संयंत्रों के संधारण के लिए सुरक्षित रखा जाएगा , जबकि शेष 95 प्रतिशत लाभांश स्व-सहायता समूहों को प्रदान किया जाएगा।