
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आत्मनिर्भर मप्र का जो अभियान शुरू किया है उसके तहत अब महिलाओं का आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार बैंक सखी योजना शुरू करने जा रही है। इसके तहत महिलाएं बैंक सखी बनकर लोगों के घर पर ही पहुंचकर खाता खुलवाएंगी और बैंक से रुपए लाकर देंगी। दरअसल, यह योजना उत्तर प्रदेश में चलाई जा रही है। यहां पर योजना को काफी सफलता मिली। इसे देखते हुए भोपाल की 222 पंचायतों में इसे मॉडल के रूप में शुरू किया जा रहा है। प्रत्येक पंचायत में एक युवती को बैंक मित्र बनाया जा रहा है। इससे महिलाओं को बैंक के चक्कर नहीं काटने होंगे। बैंक सखी इनके घरों में जाकर योजना राशि देगी। इस मॉडल के सफल होने पर प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसे लागू किया जाएगा। जिला पंचायत द्वारा बैंक संबंधी काम कराने के लिए बैंक ऑफ इंडिया इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक आदि से अनुबंध किया गया है। महिला बैंक देंगी। इसकी शुरुआत भोपाल से मॉडल मित्र को दस प्रतिशत कमीशन दिया जाएगा। इसे रोजाना एक लाख की लिमिट बैंक द्वारा दी जाएगी। हालांकि पहले जारी राशि का वितरण होने के बाद ही दूसरी बार लिमिट जारी होगी।
अभी ग्रामीणों को बैंक संबंधी काम के लिए शहर में स्थित बैंक शाखाओं के चक्कर लगाने पड़ते हैं। वह खाता खुलवाने से लेकर रुपयों के लेनदेन के लिए घंटों परेशान होते हैं। खास तौर पर महिलाओं, बेटियों, दिव्यांग और बुजुर्गों को काफी समस्या होती है, लेकिन अब बैंक संबंधी सभी काम घर के पास ही पूरे हो जाएंगे। दरअसल जिला पंचायत भोपाल द्वारा जल्द ही बैंकों के काम का जिम्मा पंचायतों में सखियों को दिया जाएगा, जिन्हें बैंकिंग महिला कारेस्पोडेंट नाम दिया गया है। वन जीपी, वन बीसी के तहत जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक बैंक सखी लैपटॉप से खाता खोलने से लेकर रुपयों के लेनदेन तक का काम करेगी, जिसके बदले में उन्हें कमीशन भी मिलेगा। भोपाल जिले से सखियों द्वारा पंचायतों में बैंकिंग की शुरुआत 15 मई से की जाएगी। इसके बाद प्रदेश की सभी जिला पंचायतों में बैंक सखियों को बैंकिंग कार्य का जिम्मा सौंपा जाएगा।
अभी टैक्स सखियां कर रहीं काम
अभी पंचायतों में टैक्स सखियां काम कर रही हैं। भोपाल के फंदा और बैरसिया जनपद की 222 ग्राम पंचायतों में कुल 374 टैक्स सखियां काम कर रही हैं। ये पंचायतों में संपत्ति कर, स्वच्छता कर, जल कर, वृत्ति कर आदि वसूलने का काम करती हैं। इसके बदले में भी उन्हें कमीशन के तौर पर वेतन दिया जाता है। सखियों ने इस बार भी ढाई करोड़ रुपये से अधिक कर पंचायतों से वसूल किया है। सखियों द्वारा जो भी लेनदेन का बैंक संबंधी काम ग्रामीणों के लिए किया जाएगा उसके बदले में उन्हें आठ से 11 प्रतिशत तक कमीशन के रूप में वेतन प्राप्त होगा। जिला पंचायत द्वारा बैंक संबंधी काम कराने के लिए बैंक आफ इंडिया, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक आदि से अनुबंध किया गया है। इन दोनों ही बैंक के जरिए सखियां ग्राम पंचायत में महिलाओं, दिव्यांग और बुजुर्गों को सेवाएं दे सकेंगी।
140 शिक्षित महिलाओं का चयन
जिला पंचायत भोपाल द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालीं 140 शिक्षित महिलाओं का चयन किया गया है। इन्हें रूडसेट संस्थान द्वारा बैंकिंग कार्य का प्रशिक्षण दिया गया है। इनके पास स्वयं का लैपटॉप भी है, जिस पर ही इन्हें बैंक संबंधी सभी कार्य सिखाए गए हैं। बैंक का खाता खोलने के साथ ही लोन दिलवाने, मनरेगा की राशि, पीएम आवास के लिए फंड, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, लाडली बहना योजना की राशि, लाड़ली लक्ष्मी योजना की राशि आदि कार्य पंचायत में बैठकर करेंगी। वहीं आवश्यकता होने पर यह घर-घर पहुंचकर भी बैंक संबंधी सेवा ग्रामीणों को देंगी। सीईओ जिला पंचायत ऋतुराज सिंह का कहना है कि भोपाल में मॉडल के रूप में इस योजना को शुरू किया जा रहा है। 222 पंचायतों में महिला बैंक सखी की नियुक्ति की जा रही है। यह मिनी बैंक के रूप में कार्य करेंगी। इन्हें बैंक द्वारा एक लाख की लिमिट दी जाएगी। यह लाडली बहना सहित अन्य योजनाओं की राशि हितग्राही के घरों में जा कर देंगी।