
- कुल राजस्व का 30 प्रतिशत दिया जाएगा कमीशन
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र सरकार ने राज्य के नौ महत्वपूर्ण टोल प्लाजा का संचालन महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने का फैसला लिया है। ये टोल प्लाजा वे हैं जहां सालाना राजस्व दो करोड़ रूपये से कम आता है। इस योजना के तहत महिला समूहों को टोल से प्राप्त कुल राजस्व का 30 प्रतिशत कमीशन के रूप में दिया जाएगा, जबकि बाकी 70 प्रतिशत राजमार्ग निधि में जमा कर सडक़ों के रखरखाव और सुधार के लिए उपयोग किया जाएगा।
राज्य सरकार की योजना के तहत, उज्जैन, ग्वालियर, सागर, भोपाल, रीवा, धार जैसे प्रमुख इलाकों में स्थित नौ टोल प्लाजा पर केवल महिला स्टाफ तैनात किया जाएगा। वे टोल प्लाजा हैं राज्य मार्ग-25 उज्जैन-शाजापुर अकोदिया-सारंगपुर रोड, उज्जैन-नीमच मनासा रोड, उज्जैन-गोगापुर-घोंसला रोड, ग्वालियर-मोहनपुर-बेहट रोड, ग्वालियर-डबरा-भितरवार-हरसी रोड, सागर-बीना-खिमलासा-मालथोन, भोपाल-गंज बसोदा, सिरोंज रोड, रीवा-हरदुआ-चाकघाट रोड और धार-सरदारपुर-बाघ रोड । इन टोल नाकों पर सालाना 2 करोड़ रुपये से कम राजस्व आता है, जिन्हें महिला समूहों को सौंपने से महिलाओं को रोजगार और आर्थिक अवसर मिलेंगे।
समूह की महिलाओं को टोल से प्राप्त राजस्व की 30 प्रतिशत राशि कमीशन बतौर दी जाएगी। वहीं 70 प्रतिशत राजस्व राजमार्ग निधि में जमा किया जाएगा। इससे सडक़ोंं का उन्नयन और रख-रखाव किया जा सके।
राजस्व वितरण की पारदर्शी व्यवस्था
टोल प्लाजा से प्राप्त कुल राजस्व का 30 प्रतिशत हिस्सा महिला स्व-सहायता समूहों को कमीशन के रूप में दिया जाएगा, जबकि बाकी 70 प्रतिशत राजमार्ग निधि में जमा किया जाएगा। इससे न केवल महिला समूहों को लाभ मिलेगा, बल्कि राज्य के राजमार्गों के रखरखाव और सुधार के लिए वित्तीय संसाधन भी सुनिश्चित होंगे। जानकारी के अनुसार इन टोल नाकों पर सरकार को कम राजस्व प्राप्त होता है। उज्जैन-शाजापुर अकोदिया-सारंगपुर रोड पर 1.21 करोड़, उज्जैन-नीमच मनासा रोड पर 82 लाख, उज्जैन-गोगापुर-घोंसला रोड पर 1.18 करोड़, ग्वालियर-मोहनपुर – बेहट रोड पर 1 करोड़, ग्वालियर-डबरा – भितरवार-हरसी रोड पर 60 लाख, सागर-बीना-खिमलासा-माल्थोन रोड पर 2 करोड़, भोपाल-गंज बसोदा, सिरोंज रोड पर 1.35 करोड़, रीवा-हरदुआ-चाकघाट रोड पर 1.15 करोड़ और धार-सरदारपुर-बाघ रोड पर 1.20 करोड़ सालाना राजस्व मिलता है।
सुरक्षा और प्रबंधन
महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा टोल प्लाजा के संचालन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। टोल नाकों पर तैनात महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा आवश्यक व्यवस्था की जाएगी, ताकि कार्य में किसी प्रकार की दिक्कत न आए। जिन मार्गों पर वार्षिक अनुमानित संग्रह, एपीसी दो करोड़ से कम होता है, वहां उपभोक्ता शुल्क संग्रहण, टोल टैक्स वसूली का काम स्वसहायता समूह की महिलाओं को जिला प्रशासन के अनुमोदन पर दिया जाता है। निगम द्वारा टोल प्लाजा की भौतिक अधोसंरचना जैसे केनोपी, फास्टैग सुविधा, शौचालय बनाकर दिया जाता है। एक साल से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तीन सडक़ मार्ग मलहरा-चंदला, शाजापुर-दोपाड़ा-नलखेड़ा और उज्जैन-मक्सी सडक़ पर टोल वसूली स्वसहायता समूह की महिलाएं कर रही हैं।