
- सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में सामने आए तथ्य
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। राजधानी सहित प्रदेशभर में आत्महत्या रोकने के लिए सरकारी और निजी तौर पर अभियान चलाए जा रहे हैं। इस कारण लोगों में जागरूकता आ रही है और आत्महत्या के मामलों में कमी दर्ज की जा रही है। लेकिन सूचना के अधिकार के तहत कुछ चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जिसमें बताया गया है की पुरूषों की आत्महत्या के पीछे सबसे बड़ी वजह महिलाएं है। गौरतलब है कि आत्महत्या को रोकने के लिए भोपाल में लगातार लव यू जिंदगी अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान रंग भी ला रहा है।
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में पता चला है कि आत्महत्या के मामले में भोपाल प्रदेश में छठें स्थान पर है। हमारा शहर पहले पांचवें नंबर पर था, जबकि इंदौर अभी भी पहले नंबर पर है। लेकिन सबसे चौकाने वाली बात यह है की महिलाओं की अपेक्षा पुरूष अधिक आत्महत्या कर रहे हैं। वह भी महिलाओं की प्रताड़ना से आत्महत्या करने वालों की संख्या अधिक है।
पत्नी या महिलाओं के द्वारा प्रताड़ित
आत्महत्या की कोई एक वजह नहीं होती है। लोग अलग-अलग कारणों से आत्महत्या करते हैं। भाई वेलफेयर सोसाइटी का कहना है कि पुरुषों में आत्महत्या के बढ़ते मामलों की वजह पत्नी या महिलाओं के द्वारा प्रताड़ित किए जाना हैं। संस्था के फाउंडर मेंबर जकी अहमद का कहना है कि प्रदेश में वर्ष 2020-21 में जहां 9663 पुरुषों ने आत्महत्या की है वहीं पर 4915 महिलाओं ने आत्महत्या की है। इसमें सबसे ज्यादा 905 आत्महत्या इंदौर में हुईं हैं, जबकि भोपाल में 359 लोगों ने जान दी है। यह जानकारी पौरुष संस्था ने सूचना के अधिकार के तहत मध्यप्रदेश पुलिस से ली है। मनोवैज्ञानिक मेखला श्रीवास्तव का कहना है कि महिलाओं को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर माना जाता है। जबकि सच्चाई इसके विपरीत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक आत्महत्या करने वालों में पुरुषों की संख्या, महिलाओं की अपेक्षा दोगुनी है। इससे साबित होता है कि पुरुष महिलाओं की अपेक्षा मानसिक और भावनात्मक रुप से ज्यादा कमजोर होते हैं।
32 फीसदी की कमी आई
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी ने अनुसार वर्ष 2019-2020 के मुकाबले 2020-21 में पुरुषों की खुदकुशी में 32 फीसदी की कमी आई है। जबकि महिलाओं की जान देने की घटना भी 28 फीसदी कम हुई है। हालांकि महिलाओं के मुकाबले खुदकुशी करने वाले पुरुषों की संख्या अभी भी ज्यादा है। 2019-20 में 347 पुरुषों, 147 महिलाओं ने आत्महत्या की थी, जबकि 2020-21 में 249 पुरुषों और 110 महिलाओं ने जान दी है। लव यू जिंदगी अभियान चलाने वाली साइकोलॉजिस्ट डॉ. अंजली सहाय का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 13 से 30 वर्ष उम्र का हर चार व्यक्ति में एक व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार है। उनका कहना है कि अवसाद जैसे मानसिक रोग के लक्षण समय रहते पता नहीं चलते। जिसके परिणाम आत्महत्या के रूप में सामने आते हैं।