क्या मप्र में नौकरियों का लक्ष्य हासिल हो सकेगा?

मप्र

रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। कहा जाता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लक्ष्य बनाकर कोई भी मिशन साधने में महारथ हासिल है। उनकी सफलता और मप्र के विकास का सबसे बड़ा कारण भी यही है। इस चुनावी साल में मुख्यमंत्री ने एक लाख नौकरियां देने का ऐलान किया है। इसके लिए 15 अगस्त आखिरी तीथि है। लेकिन जिस तरह पटवारी परीक्षा का परिणाम आने के बाद भी विवादों के कारण नियुक्ति रोक दी गई है, उससे सवाल उठने लगा है कि क्या एक लाख नौकरियों का लक्ष्य समय सीमा में हासिल हो सकेगा? दरअसल, सरकार को तीन माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के कारण युवाओं के वोट बैंक की चिंता है। ऐसे में भर्ती का पूरा गणित चुनावी है। सरकार को उम्मीद है कि इस भर्ती से बंपर वोट का रास्ता खुलेगा। इसलिए, फोकस टाइम पर भर्ती का है। सीएम शिवराज सिंह चौहान खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
गौरतलब है कि चुनावी वर्ष में शिवराज सरकार 15 अगस्त तक एक लाख पदों पर भर्ती का लक्ष्य पूरा करेगी। अभी तक 65 हजार भर्तियां हो चुकी हैं। शेष पदों के लिए राज्य लोक सेवा आयोग और राज्य कर्मचारी चयन मंडल प्रक्रिया कर रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से अब तक हुई भर्ती को लेकर रिपोर्ट मांगी है। प्रदेश में राज्य और जिला संवर्ग के रिक्त पदों को चिह्नित करके भरने का काम चल रहा है। लोक सेवा आयोग साढ़े पांच हजार पद विज्ञापित कर चुका है। वहीं, कर्मचारी चयन मंडल को 90 हजार से अधिक पदों को भरने की जिम्मेदारी दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से जारी नियमों के अनुसार, जिन विभागों में एक से 50 तक के पद खाली हैं, वहां पर एक बार में ही भर्ती की जाएगी। जहां 51 से 500 पद खाली हैं, वहां पर दो चरणों में भर्ती होगी। वहीं, 500 से अधिक होने पर भर्ती तीन चरणों में की जाएगी। भर्ती नियम में साफ किया गया है कि डाइंग कैडर में किसी प्रकार की भर्ती नहीं होगी। अनुबंधित वाहनों पर चालकों की सीधी भर्ती नहीं की जाएगी, जिन विभागों के पास स्वयं के वाहन हैं, उनको चालक को आउटसोर्स करने को कहा गया है। यह पद 73 प्रतिशत आरक्षण के साथ भरे जाएंगे। इसमें एसटी को 20 प्रतिशत, एससी को 16 प्रतिशत, ओबीसी को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग से 10 प्रतिशत पद भरे जाएंगे। इसके बाद बचे पदों को अनारक्षित वर्ग से भरा जाएगा।
रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा
मप्र में चुनावी साल होने के कारण इस बार के चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार है। जिसको लेकर प्रदेश के सत्ताधारी दल ने एक साल पहले युवाओं को एक साल में एक लाख नौकरी देने का वादा किया था। जिसे पूरे होने में महज अब कुछ दिन ही बचे है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 30 जून को 12 विभागों के चयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपते हुए कहा कि मैंने 15 अगस्त 2022 को मोती लाल नेहरू स्टेडियम में घोषणा की थी कि एक साल के अंदर 1 लाख सरकारी नौकरियां देंगे। शायद किसी ने इसे अतिशयोक्ति माना हो, लेकिन आज तक 1 लाख 5 हजार 664 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया या तो पूरी हो गई है या कुछ पर प्रक्रिया चल रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 12 विभागों के चयनित 1945 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे हैं। सीएम शिवराज ने कहा कि हमने अब तक 55 हजार पदों पर भर्तियां कर ली हैं, आधे से अधिक लक्ष्य हमने पूरा कर लिया है, शेष भर्ती की प्रक्रिया भी चल रही है। 15 अगस्त तक 1 लाख से ज्यादा नौजवानों को शासकीय सेवा में आने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि 43 हजार 640 पदों पर परीक्षा पूर्ण कर परिणाम घोषित किए जा चुके हैं। 11 हजार 218 पदों पर परीक्षा पूर्ण कर परिणाम तैयार किए जा रहे हैं। 4 हजार 852 पदों पर परीक्षा करवाने की प्रक्रिया चल रही है और 23 हजार 16 पदों पर विज्ञापन जारी कर जल्द ही परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। 11 हजार 603 पदों पर जल्द ही विज्ञापन कर दिए जाएंगे। इतनी भर्तियां पूरी कर जल्दी ही 50 हजार पदों पर भर्तियां की जाएगी। लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए लगता नहीं है की समय पर लक्ष्य पूरा हो सकेगा।
65 हजार पोस्ट पर हुई भर्ती
अब तक 65 हजार पदों पर भर्ती हो चुकी है और शेष पद 15 अगस्त तक भरे जाएंगे। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि निर्धारित समय-सीमा में पदों की पूर्ति के लिए सभी विभागों से कहा गया है। साथ ही अब तक हुई भर्ती को लेकर विभागीय अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है। लेकिन, अभी यह पूरी तरह डेडलाइन से बाहर है। इसकी प्रक्रिया बाद में ही शुरू होने की बात बताई जा रही है। अभी 35-40 हजार पदों पर 25 दिन में नियुक्ति देना बड़ी चुनौती है। अभी 23016 पदों पर विज्ञापन कई स्टेज में हैं। इनकी भर्ती करना मुश्किल होगा। कुछ भर्ती हो सकती है, लेकिन बाकी 11 हजार पदों के अभी तक विज्ञापन और आवेदन प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पाई हैं। अधिकतर परीक्षा के विज्ञापन अभी जारी होने हैं। पटवारी परीक्षा के तहत भर्ती अब पूरी तरह 15 अगस्त की डेडलाइन पार हो गई है। भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों के सामने आने के बाद जांच अधिकारी को 31 अगस्त तक रिपोर्ट देने की डेडलाइन दी गई है। यानी सीधे तौर पर पटवारी परीक्षा की भर्ती का फैसला सितंबर से पहले होना मुश्किल है।
पटवारी परीक्षा बनी बाधा
जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने एक लाख सरकारी पदों पर भर्तियों का जो लक्ष्य बनाया है उसे पूरा करना अब चुनौतीपूर्ण हो गया है। पटवारी परीक्षा परिणाम के बाद नियुक्तियां अटकने से करीब 9000 पद बाकी रह जाएंगे। सिर्फ यही नहीं, 20 हजार से ज्यादा अन्य पद तय डेडलाइन पार कर सकते हैं। कारण यह है कि एक लाख पदों पर भर्ती के लिए अब सिर्फ 25 दिन ही बाकी है। दूसरी ओर 40 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती भी बाकी हैं। सिर्फ 12 से 20 हजार पद और ऐसे हैं, जो इस दौरान भरे जाने की स्थिति में हैं, बाकी में समय लग सकता है। इससे लक्ष्य चूकने की आशंका है। इसके चलते अब हर दिन सरकार को भर्ती को लेकर ताबड़तोड़ काम करना होगा।

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