
- सिंधिया परिवार की चौथी पीढ़ी राजनीति एंट्री के लिए तैयार
भोपाल/हरीश फतेह चंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया की राजनीतिक एंट्री की तैयारी तो नहीं शुरू हो गई। क्या महाआर्यमन सिंधिया भाजपा की सदस्यता लेगें? ग्वालियर-चंबल संभाग से लेकर पूरे प्रदेश की राजनीतिक वीथिका में इसको लेकर कयासबाजियां शुरू हो गई हैं। वो इसलिए क्योंकि 17 नवंबर को महाआर्यमन सिंधिया का 26 वां जन्मदिन था। वह पहली बार सार्वजनिक तौर पर हजारों लोगों के बीच अपना जन्मदिन मनाने पहुंचे।
गाजे-बाजे के साथ हुए आयोजन के बाद महाआर्यमन ने लोगों को शुक्रिया भी कहा, लेकिन राजनीति में प्रवेश को लेकर कुछ नहीं कहा। महाआर्यमन फिलवक्त तक भाजपा या अन्य किसी पार्टी के प्राथमिक या सक्रिय सदस्य नहीं हैं। राजमाता सिंधिया के जयंती समारोह में उनकी ग्वालियर भाजपा के सदर कमल माखीजानी से मुलाकात हुई थी और इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि युवराज जल्द ही भाजपा परिवार के औपचारिक सदस्य बन सकते हैं।
कयासों की एक वजह यह भी…
महाआर्यमन की भाजपा की सदस्यता लेने की अटकलें इसलिए भी तेज हो गई हैं, क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है जब वह अकेले भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच रहे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से व्यक्तिगत रूप से चर्चा की और केक भी काटा। राजनीति के जानकार इसे उनके राजनीति में प्रवेश की ओर बहुत बड़ा कदम मान रहे हैं, क्योंकि कार्यकर्ताओं से इस मुलाकात के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया उनके साथ नहीं थे। गौरतलब है कि पिछले महीने तीन दिवसीय प्रवास पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ महाआर्यमन निजी से लेकर सार्वजनिक कार्यक्रम में साथ रहे थे। एक-एक कार्यकर्ता से केंद्रीय मंत्री ने बेटे की व्यक्तिगत मुलाकात भी कराई थी। तभी से महाआर्यमन की राजनीति में आने की अटकलें शुरू हो गई थीं।
विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना
विदेश से पढ़ाई पूरी कर लौटने के बाद से युवराज अमूमन अभी तक अपना जन्मदिन दिल्ली में ही अपने दोस्तों के साथ मनाते आए हैं, लेकिन इस बार उन्होंने अपने जन्मदिन के जलसे के लिए अपने गृहनगर ग्वालियर को चुना। इससे संभावना जताई जा रही है कि आगामी विधानसभा चुनाव में महाआर्यान को ग्वालियर, शिवपुरी या गुना की किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है। कुछेक अपवाद छोड़ दें तो आमतौर पर सिंधिया परिवार के सदस्य राजनीति में प्रवेश के लिए लोकसभा का रास्ता चुनते हैं लेकिन यह परिपाटी तोड़कर महाआर्यमन विधानसभा चुनाव से अपनी राजनीतिक पारी शुरू कर सकते हैं। हालांकि युवराज की सियासत में एंट्री का प्रोजेक्ट अभी पाइपलाइन में ही है लेकिन, जल्दबाजों ने उनके लिए सीट ढूंढ़ऩा भी शुरू कर दिया है। महल खेमे के कुछ भक्त विधायक आगामी चुनाव में उनके लिए सीट छोड़ने की भी व्यग्रता दिखा रहे हैं। भाजपा के एक नेता का यह कमेंट भी आया है कि पार्टी के द्वार सभी के लिए खुले हैं ,लेकिन चुनाव लड़ाने या टिकट देने का फैसला तो पार्टी ही करती है और एक परिवार-एक पद का फामूर्ला पहले से ही पार्टी में लागू है। लेकिन प्रदेश के सत्ता समीकरणों में सिंधिया फैक्टर को देखते हुए फार्मूले में सुविधाजनक एडजस्टमेंट की गुंजाइश से इंकार भी नहीं किया जा सकता है।
रणनीति के तहत ग्वालियर में मनाया गया जन्मदिन
बताया जाता है कि महा आर्यन की राजनीति प्रवेश की पूरी पटकथा लिखी गई है। इसी रणनीति के तहत ग्वालियर में उनका जन्मदिन मनाया गया। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फैसला लिया था कि महाआर्यमन अपना जन्मदिन ग्वालियर में भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच मनाएं। ऐसा करने के पीछे दो कारण हैं। पहला- वह ग्वालियर के कार्यकर्ताओं के बीच जाएंगे तो उनको अनुभव मिलेगा और दूसरा- कार्यकर्ताओं से मुलाकात पर उनके राजनीति में प्रवेश की राह आसान होगी और कार्यकर्ताओं के बीच उनकी पैठ बनेगी। जयविलास पैलेस में भाजपा कार्यकर्ताओं एवं गणमान्य जनों की मौजूदगी में जिस धूमधाम से महाआर्यमन सिंधिया का जन्मदिन मनाया गया, उससे यही संकेत मिले हैं कि युवराज के सक्रिय राजनीति में प्रवेश की पूर्व-पटकथा लिख ली गई है।