
- पीडब्ल्यूडी में क्यों नहीं टिक रहे पीएस-एसीएस
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में सबसे सक्रिय विभागों में लोक निर्माण विभाग शामिल है। लेकिन विडंबना यह है कि इस विभाग में प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव टिक नहीं पा रहे हैं। करीब सात माह तक प्रभारी मुख्य सचिव के हवाले रहे विभाग को सुखवीर सिंह के रूप में मुख्य सचिव मिला है। सुखवीर सिंह अगस्त, 2024 से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मप्र के पद पर पदस्थ थे। करीब 10 महीने बाद मंत्रालय में उनकी वापसी हुई है। राज्य शासन ने 1 जुलाई को देर रात चार आईएएस अफसरों की नई पदस्थापना के आदेश जारी किए है। सुखवीर सिंह के स्थान पर सदस्य राजस्व मंडल संजीव कुमार झा को मप्र का मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पदस्थ किया डॉ. मोहन यादव सरकार में लोक गया है। निर्माण विभाग में अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव ज्यादा समय तक नहीं टिक पा रहे है। पिछले डेढ़ साल में विभाग में 2 अपर मुख्य सचिव और 2 प्रमुख सचिव बदले जा चुके हैं। दरअसल, नई सरकार में पहले सुखवीर सिंह, डीपी आहूजा और केसी गुप्ता, तीनों को कुछ ही महीनों में इस पद से हटाया गया। ऊर्जा विभाग के एसीएस नीरज मंडलोई को पीडब्ल्यूडी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। अब करीब सात महीने बाद राज्य शासन ने 1 जुलाई को सुखबीर सिंह को दोबारा प्रमुख सचिव बनाया गया है। गौरतलब है कि राज्य शासन ने भोपाल के ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग के 90 डिग्री वाले ओवरब्रिज मामले में 7 इंजीनियरों के निलंबन की कार्रवाई के बाद लोक निर्माण विभाग में फूल फ्लैक्ड प्रमुख सचिव की पदस्थापना कर दी है। सुखबीर सिंह को प्रमुख सचिव लोक निर्माण पदस्थ किया गया है। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नीरज मंडलोई के पास सात महीने से लोक निर्माण विभाग का अतिरिक्त प्रभार था।
सुखवीर सिंह बने थे पहले प्रमुख सचिव
13 दिसंबर को मोहन सरकार बनने के बाद से पीडब्ल्यूडी विभाग में लगातार बदलाव देखने को मिल रहे हैं। सबसे पहले सुखवीर सिंह पीडब्ल्यूडी के प्रमुख थे। उन्हें सरकार बनने के केवल 48 दिन बाद ही हटा दिया गया। जनवरी, 2024 में राज्य शासन ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण सुखवीर सिंह के स्थान पर डीपी आहूजा को प्रुमख सचिव पीडब्ल्यूडी पदस्थ किया था। सुखवीर सिंह पीएस उद्यानिकी बनाए गए थे। करीब सात महीने बाद अगस्त, 2024 में डीपी आहूजा को पीएस लोक निर्माण के पद से हटाते हुए केसी गुसा को अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग पदस्थ किया गया था। इसके चार महीने बाद ही केसी गुप्ता की राजभवन में पदस्थापना कर दी गई और अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नीरज मंडलोई को लोक निर्माण विभाग का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया। सूत्रों का कहना है कि नीरज मंडलोई के पास ऊर्जा जैसे बड़े विभाग की जिम्मेदारी होने के कारण उनकी लोक निर्माण विभाग का अतिरिक्त प्रभार संभालने में रुचि नहीं थी। ये दिसंबर, 2024 से पीडब्ल्यूडी में सिर्फ रूटीन की जरूरी फाइलें निपटा रहे थे। नीरज मंडलोई कई बार मुख्य सचिव अनुराग जैन से पीडब्ल्यूडी का अतिरिक्त प्रभार वापस लेने का आग्रह कर चुके थे। अब जाकर सुखवीर सिंह को पीएस पीडब्ल्यूडी पदस्थ किया गया है। इससे पूर्व सुखवीर सिंह के पीएस पीडब्ल्यूडी रहते सडक़ और पलाय ओवर निर्माण से जुड़े कई बड़े प्रोजेक्ट को केंद्र से मंजूरी मिली थी। उनके पिछले कार्यकाल को देखते हुए उन्हें फिर से पीडब्ल्यूडी में पदस्थ किया गया है।
थोकबंद तबादले नहीं
राज्य शासन ने सचिव तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार रघुराज एमआर को सचिव श्रम विभाग पदस्थ किया है। ऐसे ही सचिव सामान्य प्रशासन विभाग अनिल सुचारी को संभागायुक्त सागर पदस्थ किया है। संभागायुक्त सागर वीरेंद्र सिंह रावत गत 30 जून को सेवानिवृत्त हुए थे। प्रमुख सचिव राजस्व विवेक पोरवाल को पीएस तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। मप्र में पिछले पांच महीने से आईएएस अफसरों की बड़ी प्रशासनिक सर्जरी को लेकर अटकले जारी है। इस प्रशासनिक फेरबदल में अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव रैक के अधिकारियों एवं कुछ कलेक्टरों की नई पदस्थाधना किए जाने की वर्चा है, लेकिन सरकार एक-एक, दो-दो अफसरों के तबादले कर रही है। दरअसल, मप्र कैडर के सीनियर आईएएस अफसरो के प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में पदस्थ होने के कारण प्रदेश में अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के अफसरों की कमी हो गई है। यही वजह है कि एसीएस और पीएस रैंक के अधिकतर अफसरों के पास अन्य विभागों का अतिरिका प्रभार है। चूंकि अधिकारी अतिरिक्त प्रभार वाले विभागों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं, वे सिर्फ रुटीन की फाइलें आगे बढ़ा रहे हैं, जिससे इन विभागों में कामकाज प्रभावित हो रहा है।