अचानक नाथ और दिग्गी वीडी पर क्यों हुए हमलावर

 कमलनाथ
  • प्रदेश सरकार की चुप्पी से संगठन नाराज

    भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। उपचुनाव की बेला में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पर अचानक हमलावर हो गए हैं। सरकार और संगठन को छोड़कर इन दोनों कांग्रेसी नेताओं का वीडी शर्मा पर हमलावर होना चर्चा का विषय बन गया है। प्रदेश की राजनीतिक और प्रशासनिक वीथिका में इसकी वजह तलाशी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि दिग्विजय और कमलनाथ बिना वजह किसी को टारगेट नहीं करते हैं। उधर  प्रदेश भाजपा ने कमलनाथ को घेरने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले का मुद्दा उठाया है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी, प्रदेश महामंत्री कविता पाटीदार, प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल, प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कमलनाथ पर आरोपों की बौछार कर दी है। लेकिन प्रदेश सरकार की चुप्पी साधे हुए है। सूत्र बताते हैं कि सरकार के इस मौन से संगठन नाराज है।
    गौरतलब है कि खंडवा में उपचुनाव का आगाज करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को पर जमकर हमला बोला। शिवराज सिंह चौहान को लेकर कमलनाथ ने कहा कि वह जेब में नारियल लेकर चलते हैं, जहां मर्जी आए वहीं फोड़ देते हैं। इन उपचुनावों में होने वाली सभाओं में वह 100 झूठ बोलेंगे। 16 सालों में 22 हजार घोषणाएं की हैं, जिनका फायदा जनता को नहीं मिला। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पर तंज कसते हुए कमलनाथ ने कहा कि जब वह निक्कर पहनना सीख रहे थे तब से मैं सांसद हूं। वह मुझसे सवाल पूछते हैं? कमलनाथ ने भाजपा के नेताओं से कहा कि वह जनता को मूर्ख बनाना छोड़ें और 16 सालों का हिसाब दें। कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निक्कर वाले बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित भाजपा के कई नेताओं ने पलटवार किया है।
    निशाने पर क्यों हैं वीडी
    प्रदेश की राजनीतिक वीथिका में चर्चा यह भी है कि आखिरकार दिग्विजय और कमलनाथ के निशाने पर वीडी शर्मा क्यों हैं? जानकारों का कहना है कि दिग्विजय सिंह यूं ही किसी से व्यक्तिगत विवाद मोल नहीं लेते। दिग्विजय सिंह और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के बीच शुरू हुआ राजनीतिक विवाद अब व्यक्तिगत हो गया है। खबर है कि दिग्विजय सिंह ने वीडी शर्मा के खिलाफ शिकायत करने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से समय मांगा है। बताया जाता है कि दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि पन्ना में वीडी शर्मा का बंगला बनाने के लिए गरीबों की जमीन हड़पी जा रही है। पन्ना जिला भाजपा अध्यक्ष ने दिग्विजय के दामाद रंजीत सिंह पर आदिवासियों की जमीन हड़पने के आरोप लगाए हैं। इस बीच पन्ना जिला प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। प्रशासन ने दिग्विजय सिंह समर्थक दिव्यारानी सिंह का कथित अतिक्रमण हटा दिया गया है। भोपाल में यह सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर दिग्विजय सिंह ने किसके इशारे पर वीडी शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोला है?
    भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं कमलनाथ और बेटे बकुलनाथ
    वीडी शर्मा ने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में कमलनाथ और उनके पुत्र बकुलनाथ का नाम मीडिया रिपोर्ट में सामने आया यह वही कमलनाथ हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा बना दिया था। कमलनाथ हों या दिग्विजय सिंह कांग्रेस के नेता भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए है। कांग्रेस दल नहीं, समूह है जो अब टूटने की ओर है। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर  है। आंतरिक कलह के चलते कांग्रेस के कार्यकर्ता तो पलायन कर ही चुके हैं, अब नेता भी पलायन कर रहे हैं। प्रदेश और देश में कांग्रेस अपना अस्तित्व खो चुकी है। दिग्विजय सिंह यह स्वीकार चुके हैं कि उनका चेहरा देखकर जनता वोट नहीं देती। जहां जाते हैं कांग्रेस के  वोट कट जाते हैं।
    टीम वीडी भी हुई हमलावर
    उधर, भाजपा की प्रदेश महामंत्री कविता पाटीदार ने प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा पर कमलनाथ द्वारा की गई टिप्पणी की निंदा की। पाटीदार ने कहा शर्मा की नेतृत्व क्षमता के सामने कमलनाथ अपने आप को बौना पा रहे हैं, इसलिए ऐसे शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कहा कि कमलनाथ मप्र के माथे पर वो कलंक है, जिसने पहली बार किसी प्रदेश को लिखित में धोखा दिया। वे बुजुर्ग हैं, बड़े नहीं हो पाए। वहीं भोपाल में भाजपा के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी और प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने भी कमलनाथ पर कटाक्ष किए। सबनानी ने कहा कि कमलनाथ बूढ़े हो गए हैं लेकिन बड़े नहीं हो पाए। मर्यादाहीन टिप्पणी उनका चरित्र बताती हैं।
    सरकार के मौन से संगठन नाराज
    जहां वीडी शर्मा सहित पूरा संगठन कमलनाथ पर हमलावर हो गया है, लेकिन सरकार के तरफ से कोई बयान नहीं आया है। ऐसे में यह चर्चा जोरों पर है कि सरकार के खिलाफ आवाज उठने पर पूरी भाजपा आवाज उठाने वाले पर बयानी हमला कर देती है, लेकिन कमलनाथ के बयान पर सरकार की ओर से कुछ क्यों नहीं बोला गया। सूत्र बताते हैं  इसको लेकर संगठन में नाराजगी है।

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