पिछड़ों की सियासत में कौन पिछड़ा भाजपा या कांग्रेस

भाजपा या कांग्रेस

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण समाप्त किए जाने के मामले में अब प्रदेश की राजनीति पूरी तरह से इस पर ही केन्द्रित हो गई है। दोनों दलों के नेता इस मामले में एक दूसरे पर हमलावर हो गए हैं। इसके लिए वे एक दूसरे को न केवल दोषी बता रहे हैं, बल्कि इसके लिए मैदानी मोर्चा तक खोल चुके हैं। दोनों दलों के नेताओं में इस मामले में एक दूसरे को इसका विरोधी बताने की होड़ सी मच गई है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी इस वर्ग की आरक्षण में सहभागिता बढ़ाने को लेकर भी यही स्थिति बन चुकी है। इस मामले में भाजपा-कांग्रेस काफी समय से आमने-सामने हैं। कमल नाथ सरकार ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी , जिसके बाद वह भाजपा सरकार में लागू किया जा सका। इसे भी भाजपा ने मुद्दा बनाया था। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस पर विचार करने के लिए नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने रविवार को अपने निवास पर पिछड़ा वर्ग के सभी संगठनों के नेताओं की बैठक बुलाई है।इस बैठक में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने की रणनीति पर विचार किया जाएगा। दोनों दलों के बीच इस मामले में मची खींचतान को इससे ही समझा जा सकता है कि भाजपा की ओर से खुद प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा तो कांग्रेस की ओर से उसके सांसद और देश के जाने माने वकील विवेक तन्खा तक ने मोर्चा खोल रखा है। यही नहीं दोनों दलों के अन्य वे नेता भी इस मसले में कूद गए हैं, जो अपने-अपने दलों में इस वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें शिव कैबिनेट के मंत्री से लेकर नाथ कैबिनेट में मंत्री रह चुके कमलेश्वर पटेल तक शामिल हैं।
कांग्रेस हमेशा ओबीसी कल्याण में अड़ंगा लगाती है: यादव
उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव का कहना है कि कांग्रेस नेताओं ने ओबीसी वर्ग के कल्याण में हमेशा अड़ंगे लगाए हैं। इसका उदाहरण पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को स्थगित कराना है। कांग्रेस सरकार ने 15 महीने में विधानसभा और कोर्ट में भी प्रदेश में 27 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या की गलत जानकारी देकर चुनौतियां पैदा की हैं।
कांग्रेस की नकारात्मक भूमिका : शर्मा
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि पंचायत चुनावों को लेकर कांग्रेस के नेताओं की शुरू से ही नकारात्मक भूमिका रही है। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस योजनाबद्ध तरीके से पिछड़ा वर्ग समाज के विरुद्ध षडयंत्र कर रही है। उनका आरोप है कि कांग्रेस नेताओं के लिए चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाना तो केवल बहाना था। असल में तो उसकी आंखों में पिछड़ा वर्ग समाज का विकास खटक रहा था। चुनाव में कांग्रेस ने जो व्यवधान डालने का प्रयास किया है उसका कारण यह कि कांग्रेस के नेता यह समझ गए थे कि उनके कार्यकर्ता जहां-जहां चुनाव लड़ेंगे, वहां उनकी पराजय तय है।
सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया: पटेल
पूर्व पंचायत मंत्री और कांग्रेस की राज्य समन्वय समिति के संयोजक कमलेश्वर पटेल का कहना है कि सरकार ने एक बार फिर अदालत में अपना ओबीसी विरोधी चेहरा पेश किया है। अगर सरकार जोरदार तरीके से कोर्ट में ओबीसी वर्ग का पक्ष रखती तो आरक्षण समाप्त होने की नौबत नहीं आती। भाजपा-आरएसएस की सोच हमेशा से आरक्षण को समाप्त करने की रही है। इसलिए जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया में संवैधानिक प्रविधानों का उल्लंघन किया। अब अपने षड्यंत्र, गलतियों और ओबीसी विरोधी चरित्र को छिपाने के लिए भाजपा कांग्रेस पर झूठे आरोप लगा रही है।
भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने : यादव
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने लगातार तीन ट्वीट कर कहा है कि भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा जनता के सामने आ गया है। प्रदेश के ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का मामला हो या पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण समाप्त करने का। भाजपा एवं आरएसएस हमेशा से ही दलित, आदिवासी, ओबीसी आरक्षण विरोधी रहे हैं। सरकार ने कोर्ट को ओबीसी का प्रमाणित डाटा नहीं दिया। इसलिए यह फैसला आया। मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट को ओबीसी का डाटा दें। ताकि पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण खत्म न हो।
हमारा विरोध रोटेशन पर : तन्खा
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद व वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा का कहना है कि हमारे द्वारा हमेशा पिछड़ा वर्ग के हितों की कानूनी लड़ाई लड़ी गई है। 14 दिसंबर को मेरे द्वारा ही ओबीसी संगठन के लिए सरकार को एमपीपीएससी प्रमोशन के रूल एक हफ्ते में संशोधित करने के लिए विवश किया। क्या भाजपा एवं शिवराज सिंह चौहान की सरकार मुझसे 17 दिसंबर को अपनी ओबीसी प्रकरण में कानून की नाकामी और गैर जिम्मेदार रवैये के लिए असत्य आरोप लगा रही है। हमारी पिटीशन पंचायत चुनावों में रोटेशन को लेकर थी, जिसका हर वर्ग को फायदा मिले।
कांग्रेस ने रचा था षड्यंत्र: भूपेंद्र सिंह
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह का आरोप है कि कांग्रेस ने षडयंत्र रचकर  पंचायत चुनाव में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगवाई है। कोर्ट में राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने आरक्षण का विरोध किया। कांग्रेस ओबीसी वर्ग की विरोधी रही है। पहले भी भाजपा सरकार ने सरकारी नौकरी में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया, तब कांग्रेस ने बाधा डाली। मुख्यमंत्री ने तीन परीक्षाओं को छोड़कर शेष में अभ्यर्थियों को लाभ देने का निर्णय लिया है। कांग्रेस ने विधानसभा को लिखित में दिया कि प्रदेश में पिछड़ा वर्ग की आबादी 27 प्रतिशत है। यही जानकारी न्यायालय को भी दी गई। कांग्रेस को मालूम है कि उसके कार्यकर्ता जीत नहीं पाएंगे। इसलिए पिछड़ा वर्ग को मुख्य धारा से अलग करने की योजना बनाई गई।

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