जहां कम उद्योग वहां अब सरकार का रहेगा फोकस

  • मुख्यमंत्री ने प्रदेश में एक समान औद्योगिक विकास का खाका किया तैयार

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व प्रदेश में औद्योगिक विकास पर फोकस किया जा रहा है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में एक समान औद्योगिक विकास का खाका तैयार करते हुए अफसरों से कहा है कि उद्योग एवं रोजगार वर्ष 2025 के संकल्प को साकार करने के लिए सभी विभागों और एजेंसियों को समन्वित प्रयास करना होगा।
उन्होंने निर्देश दिए कि वर्ष-भर के लिए तैयार किए गए कार्यक्रम कैलेंडर के अनुसार सभी गतिविधियों का कुशलतापूर्वक संचालन सुनिश्चित कर हर माह इनकी प्रगति की गहन समीक्षा करें। मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा है कि जहां कम उद्योग है वहां अधिक ध्यान दें। इसके लिए औद्योगिक दृष्टि में पिछड़े क्षेत्रों में इंडस्ट्री कॉन्क्लेव सरकार करेगी।   मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय में उच्च-स्तरीय बैठक में उद्योग एवं रोजगार वर्ष 2025 में प्रस्तावित कार्यक्रमों और गतिविधियों की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रत्येक आयोजन प्रदेश के संतुलित और समावेशी औद्योगिक विकास की दिशा में ठोस कदम साबित हो, ऐसे प्रयास किए जाए।
उन्होंने कहा कि सेक्टर कॉन्क्लेव जैसे प्रमुख आयोजन उन्हीं स्थलों पर आयोजित किए जाएं, जहां औद्योगिक गतिविधियां स्वाभाविक रूप से संचालित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोजन केवल जिलों के मुख्यालयों तक सीमित नहीं रहें, बल्कि सुदूर अंचलों और औद्योगिक संभावना वाले क्षेत्रों में भी उनका विस्तार किया जायें, जिससे प्रदेश का हर कोना औद्योगिक उन्नति की धारा से जुड़ें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उन क्षेत्रों की ओर भी विशेष ध्यान दे, जहाँ औद्योगिक गतिविधियां अपेक्षाकृत धीमी रही हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि इन क्षेत्रों में सेक्टर-केंद्रित आयोजनों और विशेष प्रयासों के माध्यम से औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन की प्रक्रिया को तीव्र गति से किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सक्रिय औद्योगिक क्षेत्रों में उपलब्ध ऊर्जा और संसाधनों का उपयोग करते हुए अन्य क्षेत्रों में भी औद्योगिक वातावरण का विस्तार किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को कृषकों के हित में डिजाइन किया जाए, ताकि सौर ऊर्जा उनकी आय में वृद्धि का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन सके। उन्होंने निर्देश दिए कि महिला सशक्तिकरण के लिए भी स्व-सहायता समूह की गतिविधियों पर आधारित कार्यक्रम किये जाए जिससे अधिक से अधिक महिलाएं स्व-सहायता समूह से जुड़कर आत्मनिर्भर बने और प्रदेश के विकास में सहयोगी बन सकें। कृषि से जुड़े प्रत्येक आयोजन में सौर ऊर्जा एवं सौर पम्प के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए तथा कृषकों को इस संबंध में संचालित शासकीय योजनाओं की जानकारी दी जाए।
उद्योग और रोजगार पर ही हो फोकस
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि जब उद्योग की बात की जाए तो केवल उद्योग और रोजगार पर ही फोकस कर कार्य करें। इधर उधर की बातें न हों। गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी (महिला) सशक्तीकरण का समग्र विकास हो इस उद्देश्य से कार्य करें। बैठक में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, खनिज साधन, नवकरणीय ऊर्जा, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश कृषि आधारित प्रदेश है, यहां कृषि विकास दर भी बहुत अच्छी है। इसी के दृष्टिगत औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहन के साथ-साथ हम कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं। प्रत्येक संभाग में कृषि मेले लगाए जाएंगे। किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से होने वाले यह आयोजन उन्नत कृषि तकनीकों, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और कृषि में सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित होंगे। तीन मई को मंदसौर जिले में वृहद कृषि मेला आयोजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डा. यादव ने जारी संदेश में कहा कि मंदसौर के कृषि मेले में उन्नत कृषि यंत्र, बीजों के प्रकार, आधुनिकतम यंत्र, खेती की उन्नत तकनीकों का प्रदर्शन होगा।
आयोजनों की मासिक समीक्षा की जाए
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष-भर चलने वाले इन आयोजनों की मासिक समीक्षा नियमित रूप से की जाए। प्रत्येक कार्यक्रम के आयोजन के बाद उसकी उपलब्धियों, चुनौतियों और सुधार के बिंदुओं का विश्लेषण किया जाए, जिससे अगली गतिविधियों में उन्हें समाहित किया जा सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में उद्यमिता का माहौल केवल विकसित जिलों तक सीमित न रहे, बल्कि औद्योगिक रूप से पिछड़े अंचलों तक उसकी पहुंच बने, जिससे रोजगार के अवसरों का विकेंद्रीकरण हो और प्रदेश का समग्र विकास सुनिश्चित हो।

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