मानसिक डिटॉक्स क्या है? जाने एक्सपर्ट से

डिटॉक्स
  • डॉ. भावना राय पटेल

डिटॉक्स शब्द सुनते ही हमारे मन में सैंकड़ों सवाल उठते हैं ये क्या है, कैसे करते है,कब करते हैं? तो आईए जानें कि डिटॉक्स का हिंदी शब्दावली में मतलब होता है विषहरण और शारीरिक डिटॉक्स का मतलब होता है, शरीर में जमा विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकलना।  इसे फिजिकल डिटॉक्स (physical detox) भी कहते हैं। उसी तरह हमारे दिमाग को भी डिटॉक्स करना उतना ही महत्वपूर्ण है , जितना शारीरिक डिटॉक्स, और मानसिक डिटॉक्स में हमारे दिमाग में जमा सारे विषैले तत्व यानी नेगेटिव थॉट्स, नेगेटिव इमोशंस, नेगेटिव फीलिंग्स, चिंता, तनाव, क्रोध, द्वेष इत्यादि को हमारे दिमाग से निकाला जाता है और इस प्रक्रिया को  मानसिक डिटॉक्स (mental detox) कहते हैं ।
 डिटॉक्स के फिजियोलॉजिकल चेंजेज
– शारीरिक और मानसिक व्यायाम करने से सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम उत्तेजित होता है, जो की शरीर में विभिन्न प्रतिक्रियाओं को प्रभावी रूप से कार्यरत होने के लिए सिग्नल देता है। जिसमे रेस्पिरेटरी, कार्डियक और पाचन तंत्र प्रभावशाली ढंग से काम करते हैं।
– व्यायाम द्वारा डिटॉक्स से केटाकोलामिन (इपिनेफरिन और नोरएपिनेफरिन) ये दो प्रकार के न्यूरोट्रांसमीटर/हार्मोन्स रिलीज होकर एक्टिव हो जाते हैं। जो कि फ्लाइट एन फाइट मैकेनिज्म पर काम करते हैं।
– डिटॉक्स से  हमारे शरीर में  प्रतिक्रियाओं के कारण आए हुए बदलावों जैसे रक्त में ऑक्सीजन का बढऩा न्यूट्रिएंट डिमांड का बढ़ना और कार्बन डाइऑक्साइड के निष्कासन और मेटाबोलिक वेस्ट प्रोडक्ट के निष्कासन को बढ़ाता है और  जिसके कारण शरीर का तापमान और एसिड इंबैलेंस बढ़ जाता है और द्धशद्वशद्गशह्यह्लड्डह्लद्बह्य (शरीर को अंदरूनी तौर पर बैलेंस में लाने की प्रक्रिया) होती है।
मानसिक डिटॉक्स  कैसे करें?
– नियमित दिनचर्या अपनाएं?
– डिजिटल डिटॉक्स अपनाए। दिन में कम से कम तीन बार गैजेट्स जैसे मोबाइल लैपटॉप, टीवी इत्यादि का त्याग करें।
– टॉक्सिक यानी नेगेटिव लोगों और एनिगेटिव बातों का त्याग करें। जो आपको न समझे आपकी मानसिक शांति को भंग करें, उनको जीवन से अलविदा कहें।
– पॉजिटिव लोग जो आपको समझें आपके मन को खुशी दें, ऐसे लोगों का साथ अपनाएं।
– दिमाग में आ रहे अनचाहे ख्यालों से बचें।
– माइंडफुलनेस प्रैक्टिस करें। पॉजिटिव माइंडफुलनेस अपनाएं।
– सुबह उठकर और सोने से पहले पॉजिटिव अफरमेशन सुनें और  दोहराएं।
– शारीरिक व्यायाम अपनाएं।
– योगासन और मेडिटेशन अपनाएं। मेडिटेशन से मन एकाग्रचित एवं शांत होता है।
– हॉबी को जाने और उस पर काम करें।
– म्यूजिक सुनें।
– हेल्थी एवम संतुलित भोजन करें । तला हुआ मसालेदार भोजन को न करें। पैक्ड फूड का सेवन कम करें।
– पानी का सेवन बढाएं यानी कम से कम आठ से दस ग्लास पानी पिएं।
– मानसिक डिटॉक्स जरूरी है। ये आपके जीवन के लिए संजीवनी है।
 

गायनेकोलॉजिस्ट/साइकोलॉजिस्ट/ काउंसलर, मदर एन बेबी केयर सेंटर, भोपाल

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