जल संसाधन विभाग ने बिना टेंडर के 3 ठेकेदारों को करोड़ों के थमाए काम

जल संसाधन विभाग

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश का जल संसाधन महकमा हमेशा अपने अफसरों की कार्यशैली की वजह से विवादों में बना रहता हैं। यह वो विभाग है जिसकी वजह से पिछले कुछ सालों में मप्र की बदनामी देशभर में हो चुकी है इसके बाद भी इस विभाग के अफसरान सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। विभाग के अफसरों ने अब फिर बगैर टेंडर जारी किए ही तीन चहेते ठेकेदारों को करोड़ों रुपए के ठेके थमा दिए हैं। इस मामले की सामने आ रही शिकायतों में कहा गया है कि पेंच व्यपवर्तन परियोजना के नहर संभाग सिवनी कैनाल का 156 करोड़ का ठेका मेंटाना कंपनी को दिया गया था।
 मेंटाना ग्रुप इस परियोजना का पूरा भुगतान लेकर काम अधूरा छोड़ भाग गया। इसके बाद विभाग ने उसकी जमा जमानत राशि को जप्त कर लिया है। इसके बाद ही विभाग के अफसरों ने अपने चहेते अफसरों को उपकृत करने के लिए अधूर कामों का टेंडर करने की जगह बगैर टेंडर के ही 10 करोड़ के नए सिरे से तीन ठेकेदार को दे दिया गया है। इसमें जल संसाधन विभाग ने छिंदवाड़ा काम्पलेक्स का करीब 2 हजार करोड़ की लागत का ठेका मेंटाना कंपनी को दिया था। इस काम को कंपनी ने नहीं किया और अफसरों ने उक्त कंपनी को 500 करोड़ का भुगतान भी कर दिया। इस मामले में मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी दी गई है। इसी तरह से दूसरा मामला पेंच व्यपवर्तन परियोजना सिवनी कैनाल का है। 156 करोड़ा ेका ठेका मेंटाना कंपनी को दिया गया था, लेकिन कंपनी ने विभाग से मशीनरी एडवांस के नाम पर करीब 50 करोड़ की राशि का भुगतान लिया और उसके बाद भाग गई। इसके बाद विभाग द्वारा कंपनी की जमानत राशि को जप्त कर लिया गया।
विधायक ने की है शिकायत
इस मामले की शिकायत स्थानीय भाजपा विधायक दिनेश राय मुनमुन ने की है। उनका कहना है कि सिवनी कैनाल का ठेका बिना टेंडर 10 करोड़ में दे दिए गए हैं। इसकी शिकायत उनके द्वारा मुख्यमंत्री के अलावा लोकायुक्त सहित अन्य जांच एजेंसियों से की गई है। हालांकि इस सबंध में विभाग के एक आला अफसर का कहना है कि यदि किसी ठेकेदार द्वारा काम छोड़ दिया गया है, तो विभाग को अधिकार है कि उसके द्वारा जमा कराई गइ एफडी जब्त कर उक्त कार्य दूसरे ठेकेदार से कराया जा सकता है।

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