सरकार की बचत पर अफसरों की फिजूलखर्ची

एरियर रोककर सरकार ने बचाए 9775 करोड़ रुपए

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भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। एक तरफ शिव सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के एरियर का भुगतान न कर 9775 करोड़ रुपए बचाए हैं, तो वहीं अफसर इस रकम की फिजूलखर्ची करने से भी बाज नहीं आए हैं। यह हाल तब बने हुए है जब प्रदेश सरकार फिजूलखर्ची बंद करने और लग्जरी सुविधाओं पर खर्च पर रोक के निर्देश बार-बार देती रही है। इसका उदाहरण भोपाल के कई सरकारी दफ्तर हैं। जिनमें लग्जरी सुविधाओं के साथ ही उनके सौंदर्यकरण पर लाखों रुपए हर माह खर्च किए जा रहे हैं। उधर, प्रदेश सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता केंद्रीय तिथि एवं केंद्रीय दर से भुगतान नहीं किए जाने की वजह से बीते 46 माह में लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है। अगर कुल मिलाकर आंकड़ा देखा जाए तो लाखों कर्मियों को महंगाई भत्ते का एरियर नहीं दिए जाने से बीते 46 माह में 9775 करोड़ रुपए की बचत के आंकड़े का दावा कर्मचारी संगठनों द्वारा दिया गया है। दरअसल प्रदेश के कर्मचारियों को जुलाई 2019 में 12  फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा था, जिसे 17 फीसदी करने की घोषणा हुई, लेकिन वह दिया ही नहीं गया। इसकी वजह से 12 फीसदी महंगाई भत्ता ही सितंबर 2021 तक मिलता रहा। इसमें कुल 27 महीने तक कर्मचारियों को बड़ी हुई दर के महंगाई भत्ता का नुकसान उठाना पड़ा है। इसके उलट केंद्र अपने कर्मियों को 17 फीसदी भत्ता दे रही थी। यह समय कोरोना से पहले का है। इसी प्रकार एक अक्टूबर 2021 से महंगाई भत्ते में 8 फीसदी की वृद्धि की गई और उसके बाद भी महज 20 फीसदी की दर से भुगतान किया गया। उसके बाद भी जब भी महंगाई भत्ता बढ़ा है, उसमें केंद्रीय दरों और तिथि का पालन नहीं होने से प्रदेश के कर्मचारियों को नुकसान उठाना पड़ा। इस मामले में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी का आरोप है कि सरकार कर्मचारियों के साथ कुठाराघात कर रही है। हम इसका विरोध करते हैं। महंगाई भत्ते का एरियर न देकर कर्मचारियों के साथ अन्याय किया जा रहा है। वर्तमान में लगातार महंगाई बढ़ रही है। ऐसे में कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जुलाई 2019 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को तो और भी ज्यादा नुकसान हुआ है।
यह भी दावा
कर्मचारी संगठनों ने सरकार व प्रशासन के इस रूख को देखते हुए नाराजगी जताई है। उनका तो यहां तक दावा है कि जुलाई 2019 से अप्रैल 2023 तक देय महंगाई भत्ते की एरियर राशि में यदि वेतन वृद्धि को जोडक़र इस नुकसान की गणना की जाय तो , इस नुकसान का आंकड़ा 12 हजार करोड़ रूपये तक पहुंचने की संभावना है। केंद्र द्वारा जनवरी 2023 से 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, जबकि राज्य सरकार अभी 38 प्रतिशत दे रही है। यदि इस अवधि में जुए नुकसान को जोड़ लिया जाय तो 15500 वेतनमान के तहत प्रति कर्मचारी जहां 80 हजार नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं दूसरी ओर 1 लाख 41 हजार के वेतनमान पर यह नुकसान 22560 तक पहुंच गया है। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया कि 9775 करोड़ रुपए की बचत के कारण चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को 51144 से 60000 रुपये, तृतीय श्रेणी को 64342 से 120000 और प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी अधिकारी को 185000 से 465244 रुपए तक का  नुकसान हुआ है।

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