
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना महामारी के चलते बीते दो साल से नहीं होने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के शिक्षा वर्ग अब जल्द ही आयोजित किए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसकी वजह से दो सालों से प्रशिक्षण के लिए बना हुआ स्वयंसेवकों का इंतजार अब समाप्त होने वाला है। इन वर्गों के आयोजन के लिए संघ के मुख्यालय द्वारा अपने प्रांतीय पदाधिकारियों को तैयारी करने के लिए कह दिया गया है। बताया जा रहा है कि यह वर्ग कहां और कब लगाए जाएंगे इसका फैसला मार्च में प्रस्तावित संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में किया जाएगा। इसके साथ ही इन वर्गों के लिए पूरा खाका तैयार करने का भी काम इसी बैठक में किया जाएगा। दरअसल प्रदेश ही नहीं देशभर में संघ के हर साल लगने वाले शिक्षा वर्गों को कोरोना की वजह से बंद कर दिया गया था। गौरतलब है कि आरएसएस अपने स्वयंसेवकों को हर साल प्रशिक्षण के लिए इस तरह के वर्ग आयोजित करता है। इसमें उन्हें शारीरिक प्रशिक्षण के साथ संघ की विचारधारा और राष्ट्रवाद की अवधारणा आदि के बारे में जानकारी दी जाती है। यह प्रशिक्षण एक से तीन सप्ताह का होता है। इस तरह के संघ द्वारा चार प्रशिक्षण वर्ग लगाए जाते हैं। इनमें जिलास्तर पर होने वाला प्रारंभिक प्रशिक्षण सात से दस दिनों तक का आयोजित किया जाता है।
इस तरह के वर्ग लगाए जाते हैं
स्वयं सेवकों का प्रशिक्षण तीन सालों में पूरा होता है। इसके लिए उन्हें प्रारंभिक वर्ग के अलावा तीन मुख्य वर्ग में प्रशिक्षण लेना होता है। इसके लिए संघ द्वारा अपने स्वयंसेवकों को तीन साल में तीन बार प्रशिक्षण दिया जाता है। सबसे पहले स्वयंसेवकों के लिए जिलास्तर पर प्रारंभिक वर्ग आयोजित किया जाता है। इसके बाद प्रथम वर्ष होता है। इसका आयोजन 21 दिनों के लिए किया जाता है। यह आयोजन प्रांत स्तर पर किया जाता है। दूसरे साल का प्रशिक्षण क्षेत्र स्तर पर होता है। एक क्षेत्र में तीन प्रांत आते हैं। इसके बाद अंतिम साल का प्रशिक्षण अखिल भारतीय स्तर पर होता है। संघ में प्रचारकों से लेकर अन्य बड़े दायित्व तीन साल का प्रशिक्षण पूरा करने वाले स्वयंसेवकों को दिए जाते हैं।
पहले सैन्य प्रशिक्षण के लिए होते थे वर्ग
संघ में इस तरह के वर्ग की पंरपरा 90 साल पुरानी है। यह वर्ग पहले सैन्य प्रशिक्षण के लक्ष्य के लिए आयोजित किए जाते थे। इसके लिए पूर्व सैनिकों को प्रशिक्षण देने के लिए बुलाया जाता था। वर्ष 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के बाद डॉ. हेडगेवार स्वयंसेवकों को सैन्य प्रशिक्षण दिलाना चाहते थे। इसकी वजह थी स्वयंसेवकों में अनुशासन व समूह भावना को बढ़ाना। प्रशिक्षण वर्ग के विस्तार के लिए डॉ. हेडगेवार ने जून 1927 को मोहिते वाड़ा मैदान में 40 दिन के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया था, जिसमें 17 स्वयंसेवक शामिल हुए थे। इसके बाद 1929 में नियमित संघ शिक्षा वर्ग की शुरूआत की गई। आरंभ में इन वर्गों को आफिसर्स ट्रेनिंग कैंप कहा जाता था। 1934 तक नागपुर में ही संघ शिक्षा वर्ग होता था। 1935 में प्रथम व द्वितीय शिक्षा वर्ग का आयोजन पुणे में हुआ। तृतीय वर्ग प्रशिक्षण वर्ग का सामान्य तौर पर स्नातक स्तर के विद्यार्थियों का प्रशिक्षण वर्ग के रूप में देखा जा सकता है। इस वर्ग में 20 से 40 वर्ष आयु के युवा शामिल होते हैं। तृतीय वर्ष प्रशिक्षण वर्ग के पहले प्राथमिक, प्रथम व द्वितीय वर्ग चलता है। प्रथम वर्ग प्रांत स्तरीय, द्वितीय क्षेत्र स्तरीय व तृतीय वर्ग राष्ट्रीय स्तर का होता है। पहले तृतीय वर्ष प्रशिक्षण वर्ग 30 दिन का होता था, फिर 25 दिन का होने लगा। 15 दिन का भी वर्ग प्रयोग किया जा चुका है। वर्ग में विद्यार्थी, उच्च शिक्षित के अलावा विविध प्रोफेशन से जुड़े युवा शामिल रहते हैं।
20 दिनों की साधना है प्रशिक्षण वर्ग
संघ के स्वयंसेवकों के लिए आयोजित प्रशिक्षण वर्गों में संघ की रीति-नीति और शाखा लगाने की पूरी शिक्षा दी जाती है। 20 दिनों तक स्वयंसेवक पूरी साधना करते हैं। सुबह चार बजे उठना पड़ता है। सुबह पांच बजे शाखा लग जाती है। उसके बाद दिन भर अलग-अलग कार्यक्रमों में स्वयंसेवकों को व्यस्त रखा जाता है। रात्रि 10 बजे सभी सोते हैं। इन 20 दिनों तक आज के समय में भी स्मार्टफोन से सभी को दूर रखा जाता है। इन प्रशिक्षण वर्गों से ही संघ के प्रचारक भी निकलते हैं।
मार्च में प्रस्तावित है प्रतिनिधि सभा की बैठक
संघ सूत्रों के अनुसार इस साल मार्च में संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक होनी है। यह बैठक कहां आयोजित की जाएगी इसका अभी फैसला नहीं हुआ है। हालांकि माना जा रहा है कि यह बैठक दिल्ली या नागपुर में हो सकती है। इसके पहले यह बैठक बेंगलुरु में आयोजित की जा चुकी है। इस बैठक में संघ के अगले सालभर के पूरे कार्यक्रमों का खाका तैयार किया जाता है। इस बैठक के बाद संघ के पदाधिकारियों के दायित्वों में भी बदलाव किए जाते हैं। उधर, माना जा रहा है कि इस बार पहला व दूसरा वर्ग प्रदेश में शिवपुरी या भोपाल में लगाए जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि मार्च में होने वाली प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद मई से जून के बीच इन शिक्षा वर्गों का आयोजन किया जा सकता है। प्रांत स्तर के ये वर्ग ग्वालियर-चंबल के स्वयंसेवकों के लिए शिवपुरी और मध्यभारत के स्वयंसेवकों के लिए भोपाल में आयोजित करने पर विचार चल रहा है।
बंदी के समय नहीं हो पाया
संघ पर समय-समय पर केंद्र सरकार ने पाबंदियां लगाईं। उस दौरान ये प्रशिक्षण वर्ग नहीं हो पाए। संघ जानकारों के अनुसार, अब तक 5 बार तृतीय वर्ष प्रशिक्षण वर्ग नहीं हो पाया। महात्मा गांधी की हत्या के बाद देश में राजनीतिक उथल-पुथल मची थी। तब 1948 व 1949 में संघ का तृतीय वर्ष प्रशिक्षण वर्ग नहीं हो पाया। इंदिरा गांधी के शासनकाल में देश में आपातकाल लगा था। 1976 में संघ का तृतीय वर्ष प्रशिक्षण वर्ग नहीं हो पाया। 1992 में मंदिर आंदोलन के बाद बनी स्थिति में संघ पर बंदी लगी। लिहाजा 1993 में संघ का यह प्रशिक्षण वर्ग नहीं हो पाया था।