विजयवर्गीय के भाषण ने दिखाया आईना… जमकर बटोरी तालियां

  • गौरव चौहान
कैलाश विजयवर्गीय

भाजपा की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कार्यकर्ताओं की दुखती रग पर अपने भाषण में ऐसा हाथ रखा की मंचासीन नेताओं के साथ ही सत्ता व संगठन के बैठे लोग जहां सन्न रह गए तो वहीं कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने ऐसी तालियां बजाईं की आयोजन स्थल कुछ देर तक गूंजता ही रहा। दरअसल उनके द्वारा इस दौरान सत्ता व संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर बैठे बड़े नेताओं की हकीकत बयां करते हुए उन्हें आईना दिखा दिया गया। उनके द्वारा राष्ट्रीय नेताओं, मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक और कार्यकर्ताओं के सामने वो तमाम मुद्दे उठाए गए, जिनसे बीजेपी इन दिनों अधिक परहेज कर रही है। विजयवर्गीय ने कार्यकर्ताओं की नाराजगी की असल वजह बताते हुए मंत्रियों और जिला अध्यक्षों को खूब नसीहत दी तो वहीं, उनके द्वारा कर्नाटक का उदाहरण देते हुए कुछ सुझाव भी दिए गए।  
अपने भाषण में विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर नाराजगी है, कार्यकर्ता और नेता नाराज हैं, उनका दर्द कोई नहीं पूछ रहा है। वे अपनी अनदेखी से नाराज हैं। उनकी पूछ परख नहीं हो रही है। उनकी उपेक्षा चुनावी साल में पार्टी को भारी पड़ सकती है। प्रदेश में पार्टी की सरकार होने के बाद भी उन्हें सत्ता में होने का अहसास तक नहीं हो पा रहा है। विजयवर्गीय ने कहा कि प्रभारी मंत्री अपने जिलों में हवा की तरह जाते हैं और तूफान की तरह वापस आ जाते हैं। वे कार्यकर्ताओं से नहीं मिलते। जबकि प्रभारी मंत्रियों को हर दौरे में कार्यकर्ताओं के मिलने के लिए समय निश्चित करना चाहिए और हर बार अलग-अलग कार्यकर्ताओं से मिलकर उनकी नाराजगी दूर करनी चाहिए। वे यहीं नहीं रुके बल्कि, कहा कि आजकल के जिला अध्यक्षों में बहुत अकड़ है। वरिष्ठ नेताओं से मिलना तो दूर उनके पास कोई आ जाए तो कुर्सी से भी नहीं उठते। विजयवर्गीय ने कहा कि कर्नाटक की 37 विधानसभा सीटें हम इसी नाराजगी की वजह से हारे। इन सीटों पर हार-जीत का मार्जिन बहुत कम रहा। प्रदेश में हमें इस नाराजगी को दूर करना पड़ेगा। यह बात सिर्फ कार्यसमिति के मंच से ही की जाती है और इसीलिए मैं कह रहा हूं। गौरतलब है के बीते साल से संगठन सत्ता दोनों ही अपने मंत्रियों को लगातार प्रभार वाले जिलों में जाने और वहां पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलकर उनकी बात सुनने की नसीहत देती रही है , लेकिन मंत्रियों पर इस नसीहत का कोई असर नहीं पड़ा है। मंत्री जिलों में सिर्फ अफसरों से मिलकर लौट आते हैं। कार्यकर्ताओं द्वारा इस बात को कई बार दोनों ही मंचों पर उठाया जाता रहा है। यही नहीं मंत्री कार्यकर्ताओं तक के काम नहीं करते हैं, बल्कि उनके आसपास मौजूद काकस की बात को ही तवज्जो देते हैं।
दो माह पहले भी दी गई थी नसीहत
शिवराज सरकार की महत्वकांक्षी लाडली योजना की लॉन्चिंग से पहले करीब दो माह पहले पार्टी संगठन ने मंत्रियों की क्लास लेकर उन्हें 8 पाइंट में सख्त हिदायत देते हुए संगठन के कामों को प्राथमिकता देने के लिए कहा था। प्रदेश कार्यालय में हुई मंत्रियों की इस बैठक में खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ,प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भी मौजूद थे। तब कहा गया था कि यदि हम सरकार में हैं, तो संगठन और कार्यकर्ताओं की वजह से और इसी कारण से आप मंत्री हैं, इसलिए संगठन के कामों को प्राथमिकता दें। पार्टी जो भी कार्यक्रम तय  करे, उन्हें गंभीरता पूर्वक समयबद्ध तरीके से पूरा करें। हर हाल में  कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की कोशिश करें। कार्यकर्ताओं का संतुष्ट होना बहुत जरूरी है। जो मंत्री संगठन के कामों में गंभीरता नहीं दिखाएंगे, आगे स्वयं उत्तरदायी होंगे। इस दौरान उन्हें आठ बिंदु नसीहत के रुप में बताए गए थे। इनमें कहा गया था कि हर महीने कोर कमेटी की बैठक के लिए उपलब्ध रहें। प्रभार के जिलों में एक रात जरूर गुजारें। जिले के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ कभी-कभी भोजन करते रहें। जिले में प्रवास के दौरान सबसे पहले जिला कार्यालय जाकर जिला पदाधिकारी, मंडल अध्यक्षों से चर्चा करें, इसके बाद सरकारी बैठकों में जाएं। जिले के 2-3 कार्यकर्ताओं के मोबाइल नंबर अलर्ट पर रखें, ताकि आपात स्थिति में वे सीधे बात कर सकें। जिले में होने वाली सरकारी नियुक्तियां जल्द से जल्द पूरी करें और किसी भी सामाजिक संस्था संगठन के किसी कार्यक्रम में सहमति देने से पहले स्थानीय जिला अध्यक्ष से चर्चा जरूर कर लें।
विधानसभावार बनाओ नाराज कार्यकर्ताओं की सूची
विजयवर्गीय ने कहा कि जिला अध्यक्षों को हर विधानसभा में नाराज कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं की सूची बनानी चाहिए। इन नेताओं से जिला अध्यक्षों और प्रभारी मंत्रियों को मिलना चाहिए। एक व्यक्ति यदि दस वोट भी प्रभावित कर सकता है तो चुनाव में बड़ा नुकसान हो सकता है।
बिगड़े बोल
बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के एक बार फिर से बिगड़े बोल सामने आए हैं, जिसमें वे पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को बुढ़ऊ बता रहे हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस के बारे में क्या कहूं,कांग्रेस के दो जासूस बोलूं,बुढऊ बोलूं,क्या बोलूं,घूम रहे हैं,75-75 साल की उम्र है,वो जब चलते हैं,खाली चाल ही देख लो आप,कमलनाथ जी जब चलें तो उसका एक वीडियो निकाल लेना और शिवराज जी चलें तो उसका वीडियो निकाल लेना,स्पीड से पता लग जाएगा कि भारतीय जनता पार्टी कितनी तेज है।

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