वीडी का दिग्गी पर… ‘दलालीझ् का आरोप बना यक्ष प्रश्न!

वीडी का दिग्गी
  • अवैध रेत खनन के आरोपों से गरमाई राजनीति….

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। सूबे के भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर बेहद तीखा हमला बोलते हुए उन पर दलाली खाने का आरोप लगाया है। उनके इस बयान के बाद से राजनैतिक बीथिकाओं में मायने तलाशे जाने लगे हैं। बीते कुछ दिनों से दिग्विजय के निशाने पर शर्मा बने हुए हैं। वे लगातार अवैध रेत के कारोबार को लेकर शर्मा पर न केवल आरोप लगा रहे हैं, बल्कि उन पर हमला करने का कोई भी मौका भी नहीं छोड़ रहे हैं। अब ताजा मामला होशंगाबाद जिले में अवैध रेत खनन के आरोप का है। इसके बाद शर्मा ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि वे दलाली खाकर नेताओं को बदनाम करने का टेंडर लेने का काम करते हैं। दिग्विजय सिंह द्वारा उन पर लगाए आरोप के जवाब में उन्होंने कहा कि मेरा जीवन कैसा है यह दिग्विजय सिंह तय नहीं करेगा या उसके जैसे देशद्रोही तय नहीं करेंगे। मेरी जनता मेरे कार्यकर्ता मुझ पर विश्वास करते हैं। इसके बाद से ही उनके इस बयान के मायने तलाशे जा रहे हैं। कुछ लोग इसे पार्टी की अंदरूनी अदावद के रूप में देख रहे हैं तो कई लोग इसे राजनैतिक मुद्दा मानकर चल रहे हैं। वास्तविकता तो यही है कि भाजपा की सरकार हो या फिर कांग्रेस की प्रदेश में अवैध रेत खनन को काम अनवरत जारी रहता है। इस बीच जिस तरह से दिग्विजय सिंह द्वारा अवैध रेत खनन के मामले में वीडी शर्मा के अलावा शिव सरकार के खनिज मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह पर लगातार हमला किया जा रहा है बल्कि उनके द्वारा इस मामले में लोकायुक्त से लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भी शिकायत की गई है। यही नहीं जब भी मौका मिलता है वे इन दोनों ही नेताओं पर रेत खनन में शामिल होने का आरोप लगा देते हैं। लगातार इन दो ही नेताओं के निशाने पर रहने की वजह भी तलाशी जा रही है। सिंह के भाजपा के कुछ नेताओं से बेहद मधुर संबंध हैं। यह वे भाजपा नेता हैं, जिन्हें पार्टी में वीडी शर्मा के विरोधी के रूप में देखा जाता है। इसकी वजह से भी दिग्विजय सिंह के आरोपों लेकर कई तरह के अर्थ निकाले जाना स्वाभाविक हैं। खास बात यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को कांग्रेस ने देशव्यापी आंदोलनों की समिति प्रमुख का जिम्मा दिया है। इन आंदोलनों को धार देने की जिम्मेदारी उनकी है, लेकिन उनके सियासी एजेंडे में इन दिनों सबसे ऊपर खजुराहो सांसद और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष शर्मा और शिव कबीना के सदस्य ब्रजेन्द्र सिंह बने हुए हैं। यही वजह है कि सियासी गलियारों में यह बड़ा प्रश्न बना हुआ है कि राष्ट्रीय आंदोलनों की जिम्मेदारी संभालने वाले सिंह के एजेंडे में आखिर सबसे ऊपर यह दोनों ही नेता क्यों है? हालांकि बीते कुछ दिनों की सियासी गतिविधि पर नजर दौड़ाई जाए तो एक बात सामने आती है कि  रेत खनन को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बड़ा मुददा बनाने की कोशिश की है। रेत खनन को लेकर वे लोकायुक्त गए हैं, तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी पत्र लिखे हैं। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि आखिर दिग्विजय सिंह पन्ना के मसले पर इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहे हैं, क्योंकि जमीनों पर कब्जे और रेत खनन तो प्रदेश के बहुत से हिस्सों में चल रहा है।
आप पर ही आरोप क्यों लग रहे हैं: सलूजा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने भी अब इस मामले में पलटवार किया। उन्होंने ट्वीट किया कि वैसे वीडी शर्मा जी, आप यह बताएंगे कि आपने अपनी पार्टी में किस पर आपके लिए दलाली देने का आरोप लगाया है। आप पर ही आरोप क्यों लग रहे हैं। इस पर भी स्थिति स्पष्ट कर दें।
शर्मा पर हमलों की यह तो नहीं है वजह  
पन्ना जिले में दिग्विजय कार्यकाल में सरकारी जमीन उनके कुछ करीबी प्रभावशाली लोगों को दी गई थी। इसमें 20 हेक्टेयर से अधिक जमीन पड़रिया कला की भी शामिल है। पन्ना कांग्रेस की पूर्व जिला अध्यक्ष दिव्या रानी सिंह को फलों की खेती के लिए दी गई जमीन हाल ही में प्रशासन ने कब्जा मुक्त कराई है। दिव्या रानी पर गलत जानकारी देने पर उच्च न्यायालय जबलपुर ने जुर्माना भी लगाया है। उधर केन नदी के किनारे एक जमीन कथित तौर पर दिग्विजय सिंह के दामाद द्वारा खरीदी की बात भी की जा रही है। इस पर जिला प्रशासन की नजर टेढ़ी बनी है, जिसकी वजह से ही दिग्विजय के एजेंडे में पन्ना सबसे ऊपर बना हुआ है।
इस तरह की भी चर्चा
इस मामले को लगातार उठाने की वजह से यह चर्चा भी जोरों पर है कि  राज्य की राजनीति में दिग्विजय सिंह ने हमेशा सोची समझी रणनीति के तहत चालें चली है, करीबियों को लाभ उनकी प्राथमिकता रही है। कमलनाथ की सरकार बनी तो बेटे को जूनियर होने के बावजूद केबिनेट मंत्री बनवाने का मामला इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इसके बाद अब पन्ना में उनके करीबियों के कारनामे उजागर होने की स्थिति है, तो वहां के सांसद विष्णु दत्त शर्मा को निशाने पर लिया। उनकी कोशिश होती है कि जो भी नेता उन पर या उनके करीबी को घेरे, तो उस नेता को दवाब में लाया जाए। अब वे पूरी तरह शर्मा को दवाब में लेना चाह रहे है । यही वजह है कि शर्मा और ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह उनके सियासी एजेंडे में सबसे उपर बने हुए हैं। कहा जा रहा है कि इस समय उनके सियासी दुश्मन नंबर वन शिवराज नहीं बल्कि शर्मा है। बीते दिनों शर्मा को भावी मुख्यमंत्री बताकर भी विवाद खड़ा करने की कोशिश की जा चुकी है।

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