कहीं डबल डेकर ट्रेन जैसे न हो जाएं वंदे भारत के हाल

वंदे भारत ट्रेन

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। सामान्य ट्रेन की तुलना में कई गुना अधिक किराए वाली वंदे भारत ट्रेन के हाल कहीं डबल डेकर ट्रेन की तरह न हो जाए। इस तरह के कयास आम आदमी लगाने लगे हैं। इसकी वजह है इसका तय किया गया किराया। यही वजह है कि भोपाल से अब तक शुरु हुईं किसी भी ट्रेन को पूरी क्षमता के साथ यात्री नहीं मिल पाए हैं। कहने को तो यह ट्रेनें लग्जरी सुविधाओं वाली हैं, लेकिन किराए की तुलना में यह सुविधाएं बेहद महंगी हैं। यही वजह है कि इनको लेकर यात्रियों में  रुचि नहीं दिख रही है। कुछ सालों पहले भोपाल-इंदौर के बीच चलाई गई डबल डेकर ट्रेन को भी उसके अधिक किराए की वजह से ही यात्री नहीं मिल सके थे , जिसकी वजह से उसे बंद करना पड़ गया था। अगर बंदे भारत ट्रेनों के किराए को देखें तो आम ट्रेनों , चार्टर्ड बस और टैक्सी के किराए से बेहद अधिक है। इसका किराया आम ट्रेनों और इंटरसिटी से करीब आठ गुना है, वहीं लोकल बस से किराया चार गुना अधिक है। वंदे भारत ट्रेन जितना ही समय लेने वाली चार्टर्ड बस से किराया दोगुना है। दरअसल इंदौर-भोपाल के बीच सफर के लिए वंदे भारत में जितना समय लग रहा है, करीब उतना ही समय इंटरसिटी और चार्टर्ड  बस में भी लगता है।
इंटरसिटी ही किफायती
वंदे भारत ट्रेन का किराया दूसरी ट्रेनों की तुलना में बेहद ज्यादा है। इंदौर से भोपाल का एसी चेयर कार का किराया 810 रुपए है। एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 1510 रुपए है। भोपाल से इंदौर वापसी में का किराया 910 और का किराया 1600 रुपए है। इसमें खाना भी शामिल है।  इंदौर-भोपाल इंटरसिटी में सेकंड सिटिंग का किराया 100 रुपए और एसी चेयर कार का किराया 360 रुपए है। इस किराए में खाना शामिल नहीं है। चार्टर्ड बस का किराया 435 रुपए है। ऐसे में इंटरसिटी एक्सप्रेस से वंदे भारत को चुनौती मिल सकती है, क्योंकि एक घंटा कम समय के 5 सौ रुपए अधिक चुकाना होंगे। चार्टर्ड बस का किराया भी 375 रुपए कम है। लोगों का कहना है कि चार्टर्ड बस में स्टॉपेज की संख्या अधिक होने के कारण भी उससे जाना पसंद करते हैं।

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