अनोखा मामला: कलेक्टर ने रोकी सीमांकन की कार्रवाई

कलेक्टर
  • हत्या के मामले में फंसाने की धमकी देकर जमीन खाली करवाई

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) में जनसुनवाई के दौरान एक अनोखा मामला सामने आया। जानकारी के अनुसार मालनपुर थाने के लहचुरा गांव के हरिराम का पुरा में अनुसूचित जाति, ओबीसी एवं सामान्य वर्ग के कुछ किसानों की जमीन पर जादौन नाम के एक व्यक्ति का कब्जा था। उसने 2017 में यह जमीन सिकरवार नाम के एक व्यक्ति को बगैर कागजातों के बेच दी। इस जमीन का कब्जा लेने के लिए सिकरवार पुलिस बल और प्रशासन के कुछ लोगों को साथ लेकर पहुंचा और सीमांकन कराने लगा। जब गांव के लोगों ने विरोध किया तो सिकरवार के साथ गए पुलिसकर्मियों और प्रशासन के कर्मचारियों ने गांव वालों को हत्या के मामले में फंसाने की धमकी दी। सिकरवार के भाई की लगभग पांच साल पहले हत्या हो गई थी। ग्रामीणों को इसी केस में फंसाने की धमकी देकर उनसे जमीन खाली कराने को कहा जा रहा था। इस जमीन के संबंध में एक रोचक तथ्य यह भी उजागर हुआ है कि जमीन खरीदने वाले के पास जमीन के सही दस्तावेज भी नहीं थे।
एडीजी ने लगाया कलेक्टर को फोन तो रुकी कार्यवाही
घटना की शिकायत लेकर भोपाल प्रीएचक्यू पहुंचे गांव के सुमित मौर्य, अनिल शर्मा, मुरारीलाल, दामोदर सिंह और वासुदेव ने इसकी शिकायत एडीजी राजाबाबू सिंह को की। एडीजी ने शिकायत सुनने के बाद तत्काल जिले के कलेक्टर को फोन लगाया। इसके बाद कलेक्टर ने सीमांकन की कार्यवाही रोकते हुए जमीन के रिकॉर्ड की जांच कराने के निर्देश अफसरों को दिए हैं। शिकायत में पुलिसकर्मियों के भी लिप्त होने के कारण जिले के एसपी को भी मालनपुर थाने के पुलिसकर्मियों की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि हरिराम का पुरा वही इलाका है जहां पान सिंह तोमर का एनकाउंटर हुआ था।
37 आवेदनों पर लिया तत्काल एक्शन
पीएचक्यू की जनसुनवाई में कुल 37 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें हत्या के शक में इंदौर के 2, दहेज एवं ससुराल द्वारा प्रताड़ित करने संबंधी भिंड में 1, दतिया में 1 और भोपाल में एक आवेदन आया। इसके अलावा पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने के संबंध में विदिशा के 2, भोपाल के 2 और बैतूल की 1 शिकायत आई। झूठे मामले में फंसाने और जान से मारने की धमकी के संबंध में 3, भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही का एक, जमीनी विवाद संबंधी सीहोर की 1, भोपाल की 3, भिंड की 1 और झाबुआ की 1 शिकायत आई। इसके अलावा पति की दूसरी शादी, चैक वापस व पैसे ना देने, ट्रांसफर, पेंशन, ग्रेच्युटी का भुगतान, पुलिस द्वारा चालान पेश न करने, अनुकंपा नियुक्ति, मर्जी से विवाह करने पर परिवारजन द्वारा प्रताड़ित करने, अपहरण और पुलिस भर्ती में मेडिकल बोर्ड के गठन न होने जैसी शिकायतें पीएचक्यू में आईं।

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