
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। संघ प्रमुख मोहन भागवत के चार दिवसीय प्रवास पर मप्र आने से ठीक पहले भाजपा व संघ के बीच हुई समन्वय बैठक में तय किया गया है कि अगले साल होने वाले विधानसभा के आम चुनाव के मद्देनजर अब प्रदेश में पूरे डेढ़ साल तक भाजपा व संघ मिलकर सामजिक समरसता पर फोकस करेंगे। यह फैसला बीते दिन हुई भाजपा व संघ की समन्वय बैठक में किया गया है। यह पूरी कवायद चुनाव से पहले आदिवासी और अनुसूचित जाति में पार्टी की पैठ बढ़ाने के लिए की जा रही है। इसकी वजह है बीते आम विधानसभा चुनाव में इन दोनों वर्ग की भाजपा से दूरी होने की वजह से उसे लगातार चौथी बार प्रदेश की सत्ता से बाहर होना पड़ा था। बीते रोज भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिग्गज नेताओं के बीच राजधानी के बावड़िया कला स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समाज सेवा न्यास भवन में बैठक हुई, जिसमें संघ के क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते मौजूद थे। भाजपा की ओर से बैठक में प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव और राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, सह संगठन मंत्री हितांनद भी मौजूद रहे। कोरोना संक्रमित होने की वजह से पूर्व निर्धारित इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल नहीं हो सके। इस बैठक में तय किया गया कि प्रदेश में सत्ता बनाए रखने के लिए भाजपा अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग में पैठ बढ़ाने की जारी कवायद को और तेज करेगी। बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत के 19 फरवरी से मालवा प्रांत के चार दिवसीय दौरे पर चर्चा हुई। भागवत उज्जैन में कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इसके अलावा संघ के अनुषांगिक संगठनों के रुके हुए कामों को पूरा करने और कोरोनाकाल में प्रभावित हुई संघ की गतिविधियों को आगे बढ़ाने पर भी मंथन किया गया। दरअसल प्रदेश में भाजपा की लगातार 2003 से 2013 के तक हुए तीन चुनावों में जीत की वजह इन दोनों ही वर्गों का साथ मिलना रहा है। बीते आम विधानसभा चुनाव 2018 में इस वर्ग के मोहभंग की वजह से भाजपा को सत्ता से दूर होना पड़ा था। प्रदेश की 230 विस सीटों में से 35 सीटें एससी और 47 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। पिछले चुनाव में अजा की 35 सीटों में से भाजपा को महज 18 सीटें ही मिली थीं जबकि, इसके पहले चुनाव में इन सीटों की संख्या 28 थी। इसी तरह से अजजा की 47 सीटों में भाजपा को महज 16 सीटों पर ही जीत मिली थी, जबकि इसके पूर्व के चुनाव में भाजपा के खाते में 32 सीटें आयी थीं। इसके उलट कांग्रेस को बीते चुनाव में 30 सीटों पर जीत मिली , जबकि पूर्व के चुनाव में उसे महज 14 पर ही जीत मिली थी।
यह भी दी गई जानकारी
भाजपा नेताओं ने बूथ विस्तार महाअभियान, वर्तमान में चलाए जा रहे आजीवन सहयोग निधि संग्रह अभियान समेत बीजेपी के आगामी कई कार्यक्रमों के बारे में बताया। भाजपा के पिछले वर्ष के कामकाज की समीक्षा भी इस दौरान की गई। इसके अलावा 5 राज्यों में चल रहे चुनाव खासकर उत्तर प्रदेश को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में संघ के स्वर्ण जयंती वर्ष पर बात हुई। संघ ने समाज के हर वर्ग को सक्रिय करने का लक्ष्य बनाया है। संघ पहली बार विशाल रूप से वर्ष 2025 में अपनी स्वर्ण जयंती मनाएगा।
तैयार किया जाएगा विधायकों का रिपोर्ट कार्ड
संघ व भाजपा की इस संयुक्त बैठक में तय किया गया की सरकार और संगठन के कामकाज में कसावट लाई जाए। बूथ विस्तारक योजना से मिले फीडबैक के आधार पर भाजपा संगठन द्वारा अपने विधायकों का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा। इसी तरह जिले में प्रवास के दौरान कार्यकर्ताओं से न मिलने और जनता से दूरी बनाए रखने वाले मंत्रियों की भी पृथक से रिपोर्ट तैयार करने का तय किया गया है।
बस्ती प्रमुखों को नया एजेंडा
कोरोना काल के दौरान संघ के आनुषांगिक संगठनों द्वारा प्रदेश की गरीब बस्तियों और झुग्गी-झोपड़ियों के क्षेत्र में शुरू किए गए सेवा कार्यों के साथ अब बस्ती प्रमुखों को कार्ययोजना का नया एजेंडा सौंपने की भी तैयारी कर ली गई है। इसके लिए संघ के पदाधिकारियों ने रविवार को राजधानी के सभी बस्ती प्रमुखों की बड़ी बैठक भी बुलाई है। यही नहीं अब संघ अपनी शाखाओं को एक बार फिर से पूरी तरह से सक्रिय भी करने जा रहा है। कोरोना महामारी के चलते संघ की शाखाएं भी बंद कर दी गई थीं। इस दौरान स्वयंसेवकों को आमजन की मदद के लिए लगा दिया गया था। दरअसल संघ आगामी तीन वर्षों के दौरान समाज के हर वर्ग को सक्रिय करते हुए विशाल रूप से 2025 में अपनी स्वर्ण जयंती मनाने की तैयारी भी कर रहा है। यही वजह है कि अब मैदान पर संघ की सक्रियता बढ़ती हुई नजर आएगी।
संघ प्रमुख का 4 दिवसीय प्रवास आज से
संघ प्रमुख डॉ.भागवत चार दिवसीय प्रवास पर आज उज्जैन आ रहे हैं। इस दौरान वह मालवा प्रांत के कामकाज की समीक्षा के साथ अन्य कई कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे। वे 22 फरवरी तक उज्जैन प्रवास पर रहेंगे। इस दौरान वह मालवा प्रांत के पदाधिकारियों के साथ अगले 3 साल के कामकाज की रूपरेखा पर विचार विमर्श कर उसे अंतिम रुप देंगे। उनके प्रवास के दौरान उज्जैन में विद्या भारती के नए भवन का लोकार्पण भी किया जाएगा। माना जा रहा है कि अगर कोरोना संक्रमण से ठीक हो गए तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उज्जैन जा सकते हैं। मुख्यमंत्री इस दौरान मार्च में महाशिवरात्रि महोत्सव की तैयारी और महाकाल मंदिर विस्तार को लेकर होने वाले विकास कार्यों की समीक्षा भी कर सकते हैं।