
- मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कर रही अध्ययन
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। बिजली चोरी और कटौती से निजात पाने के लिए मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी राजधानी भोपाल में अंडरग्राउंड बिजली व्यवस्था लागू कर सकती है। इस व्यवस्था का लागू करने से पहले कंपनी उत्तर प्रदेश के आगरा मॉडल का अध्ययन कर रही है। आगरा शहर में बिजली तार अंडर ग्राउंड है जिसके कारण बिजली बिना रुकावट के चालू रहती है। चोरी भी नही होती है।
गौरतलब है कि मप्र में बिजली की चोरी और कटौती सबसे बड़ी समस्या है। खरीदी गई बिजली का काफी बड़ा हिस्सा हर साल चोरी हो जाता है। इसका सीधा नुकसान कंपनी और सरकार को उठाना पड़ रहा है। तारों में जो आपूर्ति दी जाती है वह बेमौसम बारिश, तूफान और अन्य कारणों से बाधित होती है। जिससे उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ता है। ऐसे में कंपनी आगरा की तर्ज पर अंडरग्राउंड बिजली व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर रही है। इस व्यवस्था का मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बीते दिनों अध्ययन कराया है जो पसंद आ गया है। यह व्यवस्था पहले चरण में भोपाल शहर में लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
एक बार बड़ा खर्च, फिर समस्या से निजात
अंडर ग्राउंड बिजली व्यवस्था काफी महंगी होती है। बिजली कंपनी के जानकारों का कहना है कि यह काफी बड़े खर्चे का काम है क्योंकि वर्तमान में मौजूदा व्यवस्था के तहत जमीन के ऊपर तार, बिजली के पोल, स्टेशन है। इनमें से कुछ तार तो अभी भी खुले हुए हैं। अंडरग्राउंड माडल के तहत यह सभी व्यवस्था भूमिगत की जाएगी। इसमें बड़ा खर्च आएगा। सरकार के बिना सहयोग के कंपनियां कुछ नहीं कर सकेगी। बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि इतना बड़ा खर्च उठाने के लिए कंपनी और सरकार के पास बजट नहीं है। ऐसे में यह योजना निजी हाथों में दी जाएगी। जिसके बदले निजी कंपनियां उपभोक्ताओं से बिल की राशि लेकर अपना खर्च निकालेगी।
लाखों उपभोक्ताओं को होगा फायदा
उल्लेखनीय है की सरकार भोपाल को देश का सबसे सुव्यवस्थित शहर बनाना चाहती है। इसके लिए सबसे जरूरी है अंडर ग्राउंड बिजली व्यवस्था। भोपाल शहर में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को अंडर ग्राउंड करने के लिए प्रोजेक्ट डिटेल रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराई जा रही है। यह डीपीआर रिवेम्ड रिफार्म बेस्ड रिजल्ट लिंक डिस्ट्रीब्यूशन योजना के तहत तैयार कराई जा रही है। आने वाले समय में इस मॉडल के तहत शहर में बिजली व्यवस्था को अंडरग्राउंड किया जाएगा। इसके लिए अलग से बजट का इंतजाम होगा। भोपाल शहर में इस व्यवस्था के लागू होने से 4.50 लाख उपभोक्ताओं को फायदा होगा। इनमें सबसे बड़ा तबका सामान्य व घरेलू उपभोक्ताओं का है जिन्हें सामूहिक व्यवस्था के तहत आपूर्ति दी जा रही है। कुछ उपभोक्ता ऐसे हैं जिनके लिए अलग से ट्रांसफार्मर व फीडर है जिन्हें सामान्य उपभोक्ता की तुलना में कम परेशान होना पड़ता है।