
- उज्जैन एयरपोर्ट 2028 सिंहस्थ महाकुंभ से पहले होगा शुरू
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश’ कार्यक्रम के दौरान उज्जैन एयरपोर्ट बनने का रास्ता साफ हो गया है। उज्जैन एयरपोर्ट के विकास के लिए मध्यप्रदेश शासन के विमानन विभाग एवं एयरपोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बीच महत्वपूर्ण समझौता एमओयू साइन हुआ है। अब जल्द ही एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हो सकेगा। एमओयू, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू की उपस्थिति में संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि यह समझौता उज्जैन को हवाई संपर्क से जोडऩे की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इससे न केवल उज्जैन, बल्कि पूरे मालवा क्षेत्र को नए औद्योगिक, पर्यटन और आर्थिक अवसर प्राप्त होंगे। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य देश के प्रत्येक प्रमुख तीर्थ एवं पर्यटन केंद्र को हवाई संपर्क से जोडऩा है। इस एमओयू का उद्देश्य उज्जैन एयरपोर्ट को एटीआर-72 श्रेणी के विमानों के संचालन के लिए विकसित करना और भविष्य में ए-320/321 श्रेणी के बड़े विमानों के संचालन लायक भी बनाया जाएगा।
नाइट लैंडिंग की सुविधा भी मिलेगी
उज्जैन के निकट स्थित दताना हवाई पट्टी को हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया जाएगा। उज्जैन एयरपोर्ट एटीआर-72 विमानों के लिए आईएफआर कंडीशन्स, जिसमें रात में भी उड़ान भरी जा सकेगी। इस कार्य के लिए 241 एकड़ अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता होगी, जो की मध्य प्रदेश शासन एएआई को नि:शुल्क उपलब्ध कराएगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा एयरपोर्ट का विकास कार्य शीघ्र आरम्भ किया जाएगा। यह प्रदेश का 9वां एयरपोर्ट होगा। वर्तमान में प्रदेश में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, खजुराहो, रीवा, सतना और शहडोल में एयरपोर्ट हैं।
45 करोड़ की राशि स्वीकृत
उज्जैन सीधे देश-विदेश से हवाई मार्ग से जुड़ सकेगा। एयरपोर्ट स्थापित होने से लगभग 100 प्रत्यक्ष और 300 अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। उज्जैन प्रदेश का नौवां एयरपोर्ट होगा। भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा 45 करोड़ की प्रारंभिक राशि उज्जैन एयरपोर्ट के लिए स्वीकृत की गई है। उज्जैन एयरपोर्ट 2028 के सिंहस्थ महाकुंभ से पहले शुरू हो जाएगा।
एमओयू पर इन्होंने किए हस्ताक्षर
एमओयू पर मध्यप्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव, विमानन विभाग संजयकुमार शुक्ला और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से अध्यक्ष विपिन कुमार, आईएएस ने हस्ताक्षर किए। एयरपोर्ट को 2028 के सिंहस्थ महाकुंभ के पहले संचालन योग्य बनाने का लक्ष्य रखा है।
भोपाल से कम दृश्यता में भी उड़ सकेंगे विमान
राजा भोज हवाई अड्डा बैरागढ़ में स्थित है। शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर है। यह एक घरेलू और मौसमी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। इसे हाल ही में एक सीमा शुल्क हवाई अड्डे के रूप में भी अधिसूचित किया गया है। यह मध्य और पश्चिमी भारत का पहला हवाई अड्डा है, जिसे लो विजिबिलिटी प्रोसेस की मंजूरी मिली है। यहां से दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, अहमदाबाद और रायपुर के लिए घरेलू और जेद्दाह के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ान की सुविधा है। देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। क्षेत्रफल 729 एकड़ है। 18 हजार वर्ग मीटर का टर्मिनल भवन है। 2750 मीटर लंबा रन-वे है। रात में लैंडिंग की सुविधा के साथ 24&7 संचालन। नए टर्मिनल में 16 चैक-इन और 16 इमिग्रेशन काउंटर हैं, जो प्रति घंटे 700 यात्रियों को संभाल सकता है। रन-वे दोगुना होगा: हवाई पट्टी को एयरपोर्ट के रूप में डेवलप करने के लिए रन-वे को दोगुना किया जाएगा। लंबाई बढ़ेगी: वर्तमान में 950 मीटर का रन-वे है। इसे बढ़ाकर 1800 मीटर किया जाएगा।
पुरानी अवंतिका, नई उज्जयिनी
देश की आध्यात्मिक राजधानी उज्जयिनी जो युगों से धर्म, ज्ञान और शक्ति की धुरी रही है, अब आधुनिक विकास की नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है। मध्यप्रदेश सरकार ने कालों के काल, भूत-भावन भगवान, अवंतिकानाथ बाबा महाकाल को भेंट स्वरूप उज्जैन में एयरपोर्ट निर्माण का निर्णय लिया है। यह एयरपोर्ट न केवल एक हवाई विकास परियोजना है, बल्कि आस्था और सेवा का प्रतीक भी है। सरकार द्वारा एयरपोर्ट निर्माण की प्रारंभिक प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गई है। राज्य के स्थापना दिवस अवसर पर एक नवंबर 2025 को मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री किंजरापु राममोहन नायडू की मौजूदगी में एक बड़ा काम पूरा हुआ। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और तय निर्माण एजेंसी के मध्य उज्जैन जिले की वर्तमान दताना-मताना हवाई पट्टी पर एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने के लिए तैयार विकास अनुबंध पर हस्ताक्षर कर आदान-प्रदान किया गया।
