
- डेढ़ हजार से अधिक सवाल पहुंचे विधानसभा सचिवालय
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश विधानसभा का 20 दिसंबर से शुरू होने जा रहा शीतकालीन सत्र इस बार आदिवासी समाज को लेकर गर्म रहने वाला है। इसकी वजह है कांग्रेस विधायकों द्वारा लगाए गए वे सवाल जो जनजातीय सम्मेलन को लेकर हैं। इनमें से विपक्ष द्वारा अधिकांश सवाल भाजपा सरकार द्वारा आयोजित किए गए जनजातीय सम्मेलन पर खर्च को लेकर लगाए गए हैं। यह सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में किया गया था। इस बार विधानसभा सचिवालय को विधायकों के 1578 सवाल मिले हैं, जिनमें से कांग्रेस विधायकों के 1089 सवाल हैं। अधिकांश कांग्रेस विधायकों ने अपने सवालों में पूछा है कि भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुए जनजातीय सम्मेलन में राज्य सरकार ने कितने करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसके अलावा कोरोना से निपटने के इंतजाम, खाद संकट, खराब सड़कों, जल जीवन मिशन, लोकायुक्त-ईओडब्ल्यू कार्रवाई, कुपोषण और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर भी सवाल पूछे गए हैं। विधानसभा का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर से 24 दिसंबर के बीच पांच दिनी बुलाया गया है। इस बार भी आॅनलाइन और आॅफलाइन के माध्यम से विधायकों को सवाल पूछने की सुविधा दी गई है। इसमें कुल 1589 से ज्यादा सवाल अब तक पूछे गए हैं। खास बात यह है कि इस बार भी कांग्रेस के साथ ही भाजपा विधायकों ने भी सरकार को घेरने वाले मामलों के कई सवाल भेजे हैं। कांग्रेस विधायकों द्वारा जो सवाल लगाए गए हैं उनमें जनजाीय सम्मेलन को लेकर बसों की व्यवस्था, भोजन, विश्राम की जानकारी तो मांगी ही है साथ ही टंट्या मामा की प्रतिमा की स्थापना पर पातालपानी और इंदौर में आयोजित कार्यक्रम के खर्च का ब्यौरा भी मांगा है। इसके अलावा भ्रष्टाचार के मुद्दों पर भी कई विधायकों ने सवाल पूछे हैं। इनमें विपक्षी दल कांग्रेस विधायकों के सवाल बेहद आक्रामक हैं। विधानसभा सचिवालय ने सभी सवाल राज्य सरकार को जबाब के लिए भेज दिए हैं।
नहीं रास आ रही ऑनलाइन व्यवस्था
शीतकालीन सत्र के लिए इस बार 1578 लिखित सवाल पूछे गए हैं। पिछली बार की तरह ऑनलाइन और ऑफलाइन सवाल भेजने की दोनों ही सुविधाएं दी गई हैं। इनमें ऑफलाइन सवाल सबसे ज्यादा आए। विधानसभा सचिवालय को इनमें 879 ऑफलाइन तो 699 सवाल ऑनलाइन मिले हैं। ऑफलाइन सवालों में भी सर्वाधिक सवाल कांग्रेस विधायकों द्वारा लगाए गए हैं। इन सवालों से यह तो तय हो गया है कि तमाम प्रयासों के बाद भी विधायकों को विधानसभा सचिवालय की ऑनलाइन व्यवस्था अब तक पूरी तरह से रास नहीं आयी है। 1578 सवालों में कांग्रेस विधायकों की ओर से सर्वाधिक 1089 सवाल आए हैं।
इन मामलों में भी सरकार को घेरेगा विपक्ष
प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई के मुद्दों पर भी विपक्ष सरकार को घेरने का प्रयास करेगी। इसके लिए विधायकों से कहा गया है कि वे इससे जुड़े मामले तथ्यों के साथ लाएं। स्मार्ट सिटी के नाम पर आई राशि में भ्रष्टाचार की बात कांग्रेस शुरू से ही कहती रही है, मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में समीक्षा बैठक में इसमें घोटाले की बात कह कर कांग्रेस के इन मुद्दों को हवा दी है। यही वजह है कि इससे जुड़े सवाल भी पूछे गए हैं।
वैक्सीन के दोनों डोज लगावने वालों को ही प्रवेश
विधानसभा सत्र में कोरोना के चलते संक्रमण पर रोकथाम के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। वैक्सीनेशन के दोनों डोज लगवाने वालों को ही विधानसभा परिसर में प्रवेश दिया जाएगा। विधानसभा परिसर और विधायक विश्राम गृह में सभी प्रवेश द्वार पर तापमान और ऑक्सीजन लेवल के जांच की व्यवस्था की जा रही है। परिसर के सभी प्रवेश द्वारों पर आरटी पीसीआर टेस्ट की सुविधा रहेगी। इस बार भी बीते सत्रों की ही तरह प्रवेश सीमित संख्या में दिया जाएगा।
पक्ष व विपक्ष 19 को बनाएगी रणनीति
सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष की क्या रणनीति रहेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने अपने -अपने दल के विधायक दल की बैठक सत्र के एक दिन पहले यानि की 19 दिसम्बर को अलग -अलग बुलाई है। कांग्रेस जहां विधायक दल की बैठक में सदन में सरकार को घेरने की रणनीति बनाएगी तो वहीं सत्ता पक्ष विपक्ष के हमलों को नाकाम कर मुंहतोड़ जबाव देने की रणनीति को अंतिम रुप देगा।