पर्यटकों को रास नहीं आ रहे नामीबियाई चीते

  • औसतन दर्जनभर लोग भी नहीं पहुंचते कुनो नेशनल पार्क

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। इन दिनों भले ही देशभर में कूनों नेशनल पार्क की चर्चा होती हो , लेकिन वास्तविकता यह है कि यह पार्क अब भी पर्यटकों की पसंद नहीं बन पा रहा है। दरअसल, यह देश का एकमात्र ऐसा पार्क है, जहां पर चीते कुलांचे भरते हैं। देश में लुप्त हो चुके चीतों को फिर से आबाद करने के लिए यहां पर नामीबाया से चीते लाकर बसाए गए है। इसके बाद भी औसतन हर रोज एक दर्जन लोग भी वहां नहीं पहुंचते हैं। इतना जरुर है कि  सप्ताह के अंतिम दिनों में जरुर दो  -चार लोग अपनी उपस्थिति दर्शाते रहते हैं। यह हाल तब हैं, जबकि इस पार्क में बीते दो माह से अग्नि और वायु नामक दो चीते खुले में घूम रहे हैं। इसके बाद बीते रोज दो चीते और तीन शावकों भी खुले में छोड़ा गया है। इसके बाद भी यहां वह भीड़ नहीं दिखाई दे रही है, जिसकी उम्मीद की जा रही थी। हालांकि, प्रबंधन को उम्मीद है कि खुले बाड़े में चीतों की संख्या बढऩे से अब यह कमी भी दूर हो जाएगी। बता दें कि श्योपुर कूनों राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से चीतों को लाकर यहां बसाया गया है। देश का यह इकलौता पार्क है जहां चीता मौजूद है। इसके बाद भी यह देशी-विदेशी पर्यटकों की पसंद नहीं बन पाया है। आंकलन इसी से लगाया जा सकता है कि औसतन 10 पर्यटक भी यहां रोज नहीं पहुंच पाते हैं। शनिवार और रविवार जैसे साप्ताहांत के दिनों को छोड़ दें तो अन्य दिनों में कई बार यह संख्या शून्य रह जाती है। प्रवेश के लिये यहां तीन गेट अहेरा, टिकतौली और पीपलबावड़ी बनाये गए हैं।
2023-24 में ३ हजार आए पर्यटक
पार्क को लेकर पर्यटकों के रुझान को वर्ष 2023-24 के प्रवेश आंकड़ों से समझा जा सकता है। हालांकि, यह साल 2022-23 के मुकाबले बहुत अधिक है। बावजूद इसके कूनों के तीनों गेटों से एक अक्टूबर 2023 से 30 सितंबर 2024 तक 3172 पर्यटक आए, इनमें 28 विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। यह संख्या औसतन 9 हर दिन है।  
व्यवस्थाएं बनाने में जुटा प्रबंधन
जानकारी के अनुसार, इसको देखते हुए प्रबंधन पर्यटन सुविधाओं को बढ़ाने के साथ ही व्यवस्थाएं बनाने में जुटा है। फील्ड डायरेक्टर उत्तम शर्मा की माने तो कई परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। इसके पूरा होने के बाद बहुत कुछ बदलाव दिखेगा। कूनो अभ्यारण में नाइट स्टे की भी व्यवस्था है। जो यहां आने वाले सैलानियों को विशेष पैकेज पर उपलब्ध कराई जाती है।
7 दिसंबर को दिखा था चीता
पार्क में दो चीते, अग्नि और वायु यहां खुले में घूम रहे हैं। बावजूद इसके बताया जाता है कि यह सात दिसंबर के बाद पर्यटकों को नहीं दिखे हैं। इस बीच पहुंचे पर्यटकों को निराशा ही हाथ लगी है। इसलिये भी यहां भीड़ नहीं दिख रही है। इसके अलावा पार्क के मार्गों के मरम्मत की भी दरकार समझी जाती है।
26 हो गई है चीतों की संख्या
मादा चीता वीरा द्वारा 2 नन्हें शावकों के जन्म के बाद यहां चीतों की संख्या बढक़र 26 हो गई है। नेशनल पार्क में अब 14 शावक और 12 वयस्क चीते हैं। इनमें सिर्फ 2 खुले में घूम रहे हैं। शेष वाड़ों में रखे गये हैं।

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