कल आएंगी प्रदेश में खाद की 32 रैक प्रदेश में आएगा 12 लाख मीट्रिक टन

शिव सरकार
  • मुख्यमंत्री ने की समीक्षा, कालाबाजारी करने वालों पर रासुका की कार्यवाही करने के दिए निर्देश

भोपाल/रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। उपचुनाव से फ्री होते ही प्रदेश की शिव सरकार पूरी ताकत के साथ किसानों को खाद संकट से मुक्ति दिलाने के प्रयासों में जुट गई है। इसके लिए पूरी कमान अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद ही सम्भाल ली है। यही वजह है कि प्रदेश में कल एक दिन में खाद के 32 रैक आ रहे हैं, जबकि अगले माह प्रदेश में 12 लाख मीट्रिक टन खाद आएगा। माना जा रहा है कि कल आने वाले 32 खाद के रैक आने की वजह से एक दो दिन में प्रदेश में खाद संकट बहुत हद तक समाप्त हो जाएगा।
यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सीएम हाउस में की गई खाद की समीक्षा के समय दी गई है। समीक्षा करने के बाद मुख्यमंत्री द्वारा किसानों के नाम एक संदेश भी जारी किया गया है। इसमें उनके द्वारा कहा गया है कि किसान आश्वस्त रहें, हम पूरी ताकत से खाद की व्यवस्था में लगे हैं। चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, बस धैर्य रखें। खाद को ब्लैक में बेचने वालों को कुचल दिया जाएगा। उन्होंने इस दौरान अफसरों से कहा कि प्रदेश में जो लोग ज्यादा खाद खरीद रहे हैं, उन पर नजर रखी जाए।
कोई यदि खाद की कालाबाजारी करता है, तो उन्हें रासुका लगाकर जेल भेजा जाए। मुख्यमंत्री ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि 31 अक्टूबर तक 32 रैक प्रदेश में आ रही हैं। मैं लगातार भारत सरकार के संपर्क में हूँ। आज भी केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया से फोन पर चर्चा की है। उन्होंने नवंबर के लिए आश्वस्त किया है कि मध्यप्रदेश को आवश्यकता अनुसार यूरिया और डीएपी उपलब्ध कराया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश में बीते एक पखवाड़े से अधिक समय से खाद का बड़ा सकंट बना हुआ है। इसकी वजह से किसान जगह – जगह आंदोलनरत हैं। अब प्रदेश में हालात इतने खराब हो गए हैे कि किसान जगह-जगह सडकों पर उतर रहे हैं इसके बाद भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा है। इस बीच प्रशासन यह दावा जरुर करता रहा है कि प्रदेश में खाद का र्प्याप्त भंडारण है। सरकारी दावे के बाद किसानों को एक -एक बोरी खाद के लिए कई दिनों तक भटकने के बाद भी निराशा ही हाथ लग रही है। खास बात यह है कि सरकारी गोदामों से किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है जबकि खुले बाजार में वहीं खाद महंगे दामों पर आसानी से उपलब्ध है। सरकारी दावों के उलट वास्तविकता यह है कि सरकारी गोदामों में या तो खाद है नहीं और जिन गोदामों खाद है भी तो वहां बांटने की जगह उसे रात के अंधेरे में ब्लैक में बेंचा जा रहा है। यही वजह है कि अब तो हर दिन प्रदेश के कई -कई जिलों में किसान सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर बने हुए हैं। इस बीच कोरे आश्वासन देकर अफसर किसानों की आक्रोशित करने का काम कर रहे हैं। इस खाद संकट के लिए अफसरों का कुप्रबंधन अधिक सामने आ रहा है।  
प्रदेश भर से मिल रही खबरों के मुताबिक अशोकनगर, सागर, दमोह, सिवनी रीवा और नरसिंहपुर समेत कई जिलों में पिछले एक पखवाड़े से खाद के लिए मारामारी मची है और अधिकारी भंडारण होने के बाद भी इन जिलों में खाद नहीं पहुंचा पा रहे हैं। अशोकनगर से खाद की मांग शासन को भेजी गई थी, बावजूद अब तक डीएपी की रैक जिले में नहीं पहुंची। हालात यह है कि किसान वितरण केंद्रों पर सुबह से शाम तक कतार में खड़ा होकर मायूस लौट रहा है। इसी तरह सागर जिले में खाद संकट बरकरार है। यही वजह है कि अशोकनगर जिले में किसानों को खाद के लिए घंटों मशक्कत करनी पड़ रही है। हालात बिगड़ते देख कई जगहों पर तो पुलिस की मौजूदगी में खाद का वितरण कराना पड़ रहा है। इस दौरान किसानों की लाइन इतनी लंबी हो जाती हैं कि कई जगहों पर तो सड़कें तक जाम होने की स्थिति बन जाती है। यही नहीं कई जगहों पर खाद वितरण न होने की वजह से किसानों द्वारा परेशान होकर हंगामा कर चक्काजाम तक कर दिया जाता है।
अगले माह कितना मिलेगा
केन्द्र द्वारा नवम्बर माह में मप्र को 12 लाख मीट्रिक टन खाद की आपूर्ति करने की जानकारी दी गई है। इसमें 6 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 6 लाख मीट्रिक टन डीएपी होगा।  सीएम  ने कहा कि खाद की कमी की मानसिकता को छोड़े। पर्याप्त खाद मिलेगी। चौहान ने बैठक में अफसरों को कहा कि कंट्रोल रूम बनाकर जिलों में खाद की आपूर्ति और न्यायपूर्ण वितरण की व्यवस्था पर लगातार निगरानी रखी जाए। जो जरूरत से अधिक खाद खरीद रहे हैं, उन पर नजर रखी जाए। कलेक्टर अपने स्तर पर लोगों को खाद की आपूर्ति और राज्य सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं के संबंध में जागरूक करें।

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