टमाटरों के दामों से किसानों के चेहरे हुए लाल

  • जानवरों को खिलाने से लेकर फेंकने को हो रहे मजबूर
  • विनोद उपाध्याय
टमाटरों

प्रदेश में इन दिनों टमाटर की फसल उगाने वाले किसानों के लिए बेहद कठिन समय चल रहा है। बारिश में मेहनत कर टमाटर की फसल उगाई, लेकिन वही फसल उनके लिए मुसीबत बन चुकी है। फसल अच्छी हुई तो दाम बुरी तरह से गिर गए हैं। हालात यह हैं कि फसल की लागत निकलना तो दूर, उनकी तुढ़ाई तक नहीं निकल पा रही है। इसकी वजह से किसान या तो टमाटर की उपज को फेंकने या फिर उसे जानवरों को खिलाने पर मजबूर बने हुए हैं। इस बार तो व्यापारी भी टमाटर खरीदने के लिए गांवों तक नहीं पहुंच रहे हैं। इनमें उन किसानों की हालत बेहद खराब है जो बड़े पैमाने पर टमाटर का उत्पादन करते हैं। यह बात अलग है कि बिचौलिए अब भी टमाटर में भारी मुनाफा कम रहे हैं। वे किसानों से खरीदने के बाद 7 रुपए से  लेकर दस रुपए प्रतिकिलो तक फुटकर में बेंच रहे हैं। इस मामले में कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार अच्छी बारिश हुई है। दूसरी ओर, जनवरी-फरवरी में ओलावृष्टि नहीं हुई और न ही ज्यादा दिन तक शीतलहर चली। इस कारण प्रदेश में टमाटर की पैदावार भी बंपर हुई। शिवपुरी, छिंदवाड़ा, सागर, सतना, दमोह, रायसेन, अनूपपुर, सिंगरौली, रीवा, जबलपुर, शाजापुर, उज्जैन, आगर-मालवा, विदिशा, सीहोर जैसे टमाटर उत्पादक जिलों में पैदावार भी अच्छी हुई है। यहां दो तरह से फसलें ली गईं। पहली खेतों में और दूसरी नेट हाउस, पॉली हाउस में। खेत में एक एकड़ में 500 से 600 क्विंटल और नेट-पॉली हाउस में 1500 क्विंटल तक पैदावार हुई है। इससे खपत से कई गुना ज्यादा टमाटर मंडियों में पहुंच गया।  बड़वानी जिले में किसान दीपक गेहलोद ने 8 एकड़ में टमाटर की खेती की। 3 महीने में फसल तैयार हुई। जब फसल मंडियों में बिकने पहुंची तो रेट सुनकर वे दंग रह गए। प्रति एकड़ जिस फसल पर 1 लाख रुपए तक खर्च किए, उसी के दाम 1 से 2 रुपए प्रतिकिलो ही मिल रहे हैं। मजबूरन वे टमाटर को मवेशियों को खिला रहे हैं। यह पीड़ा सिर्फ दीपक की नहीं, बल्कि प्रदेश के सभी टमाटर उत्पादक किसानों की है। अच्छी क्वालिटी और बड़ी साइज के टमाटर के रेट भी 2 से 3 रुपए किलो तक ही पहुंच रहे हैं। दूसरी ओर, जनता को यह 8 से 10 रुपए किलो तक मिल रहा है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य टमाटर उत्पादन जिलों में नगभग यही हाल बने हुए हैं।
जानवरों को ही खेत में छोड़ा
पांढुर्णा में टमाटर की खेती से किसान बर्बाद हो गए हैं। उनका मेहनताना तक नहीं निकल रहा है। कई किसान मवेशियों को खेतों में छोड़ रहे हैं। यहां 30 से 50 रुपए में एक कैरेट (25 से 30 किलो) टमाटर बिक रहा है। इससे किसान को एक किलो के 1 से डेढ़ रुपए ही मिल रहे हैं।
कहां क्या हैं भाव
भोपाल में दो साइज और क्वालिटी का टमाटर बिक रहा है। बड़ी और अच्छी क्वालिटी वाला टमाटर थोक में 2-5 रुपए और फुटकर में 8 से 10 रुपए किलो तक बेचा जा रहा है। छोटी साइज के टमाटर के बाजार में रेट 5 रुपए किलो तक है। इस्लामपुरा, सीहोर, नर्मदापुरम, राजगढ़ समेत आसपास के जिलों से टमाटर भोपाल पहुंच रहा है। इंदौर मंडी में भाव 50 से 80 रुपए प्रति कैरेट तक पहुंच गए हैं। आवक 6 से 7 हजार कैरेट है। क्वालिटी के अनुसार भाव 3 से 5 रुपए प्रति किलो तक है। इससे किसानों का उत्पादन खर्च भी नहीं निकल रहा है। खरगोन के किसान अशोक वर्मा, भूपेंद्र वर्मा ने बताया कि फिलहाल गाड़ी भाड़ा, मजदूरी, तुड़ाई, बीज, दवाई, खाद खर्च निकालने में मुश्किलें आ रही हैं। एक कैरेट पर 80 से 90 रुपए लागत आती है। नुकसान तो हो रहा है, लेकिन क्या कर सकते हैं? माल तो मंडी में लाकर बेचना ही होगा, नहीं तो खेतों में खराब हो जाएगा। इसी तरह से जबलपुर में इस समय टमाटर के दाम औंधे मुंह गिरे हुए हैं। 2024 के मार्च माह में जहां टमाटर थोक में 30 रुपए और फुटकर में 40 रुपए प्रति किलो थे, वहीं इस साल दाम आधे से भी कम रेट पर आकर ठहर गए हैं। जबलपुर में बरगी, चरगवां के साथ भोपाल, बरेली, सिवनी छपारा से भी बड़ी मात्रा में टमाटर बिकने आ रहा है। इसी तरह से ग्वालियर में फुटकर में टमाटर का रेट 8 रुपए प्रति किलो तक है। वहीं, थोक में भाव 4 रुपए किलो है। ग्वालियर में टमाटर की अच्छी पैदावार होती है, जबकि शिवपुरी समेत आसपास के जिलों से भी टमाटर बिकने पहुंचता है।
गौशाला में भेजे टमाटर
सावरगांव के किसान लीलाधर भांगे ने बताया के उनकी एक एकड़ में लगाई टमाटर की खेती पर 40 हजार लागत आई है, लेकिन मुनाफा एक रुपए भी नहीं मिला है। पीपला नारायणवार के किसान प्रवीण पालीवाल, राजेश चेडग़े, बाल्या चौधरी ने कहा कि अच्छे रेट नहीं मिलने से टमाटर से भरी पिकअप को जामसांवली हनुमान मंदिर की गोशाला में ही छोड़ आए हैं। बड़वानी में टमाटर की कीमतों में आई गिरावट से किसान परेशान हैं। स्थानीय बाजार में टमाटर 10 रुपए प्रति किलो बिक रहा है, जबकि थोक में इसकी कीमत महज 2 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है। यहां किसानों ने इस बार बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती की थी। श्योपुर में थोक में टमाटर का भाव 1 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। तलावदा और टोंगनी गांव के किसान अपनी फसल को खेत में ही छोडऩे को मजबूर हो गए हैं। कई किसान ग्रामीणों को मुफ्त में टमाटर ले जाने की अनुमति भी दे रहे हैं।
मुरैना में 20 रुपए में ढाई किलो टमाटर
मुरैना में टमाटर के भाव 20 रुपए में ढाई किलो तक हैं। थोक में यह 5 रुपए किलो बिक रहा है। व्यापारी मोहन ने बताया कि अगर कोई 1 किलो लेता है तो 10 रुपए किलो देते हैं। इसी तरह से नर्मदापुरम की फुटकर मंडी में टमाटर 10 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। थोक में यह 5 से 7 रुपए प्रति किलो तक है। खंडवा में भी टमाटर के यही रेट हैं। कई किसान तो टमाटर तुड़वा ही नहीं रहे हैं। इस कारण खड़ी फसल में टमाटर सड़ रहे हैं। रतलाम मंडी में टमाटर अच्छी मात्रा में आ रहा है। यहां एक कैरेट टमाटर 50 से 100 रुपए में बिक रहा है। बाजार में रिटेल में भाव 10 से 15 रुपए प्रति किलो हैं।

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