
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र सरकार आज मंगलवार को बॉन्ड मार्केट से 2000 करोड़ रुपए का नया कर्ज उठाने जा रही है। इस कर्ज का पूर्ण भुगतान दस साल बाद किया जायेगा और इस दौरान साल में दो बार कूपन रेट पर ब्याज का भुगतान किया जायेगा। वर्तमान वित्त वर्ष में राज्य सरकार 23 जून को 2 हजार करोड़ रुपये एवं 28 जुलाई 2022 को भी 2 हजार करोड़ रुपये का बाजार से कर्ज उठा चुकी है तथा अब तीसरी बार कर्ज उठाने जा रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार पर कर्ज का कुल भार तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है। दरअसज सरकार यह कर्ज लेती तो है विकास कामों के लिए , लेकिन उसका अधिकांश हिस्सा अन्य कामों में कर दिया जाता है। यही नहीं लगातार आर्थिक तंगी का सामना कर रही सरकार वित्तीय कुप्रबंधन और फिजूलखर्ची पर रोक लगाने में अब तक असफल बनी हुई है।
इससे पहले सरकार जारी वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 9,000 करोड़ रुपए के कर्ज के लिए बॉन्ड लेकर बाजार गई थी। दूसरी तिमाही में भी उसके कुल 10 हजार करोड़ रुपए जुटाने का अनुमान है। मप्र सरकार के सालाना कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष वह कुल 37,948 करोड़ रुपए मार्केट से कर्ज उठा सकती है। इससे पहले राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में केवल 22,000 करोड़ रुपए का कर्ज बाजार से लिया था। वहीं 20-21 में कोविड को लेकर दी गई रियायतों के बाद सरकार ने 41,100 करोड़ रुपए मार्केट से उठाए थे। यानी इस बार सरकार के कर राजस्व में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के बाद भी सरकार का कर्ज कोविड ईयर के ही बराबर पहुंच सकता है। अगर कर्ज बढ़ता है तो ब्याज भी बढ़ेगा ही। बता दें कि राज्य सरकार ने वर्ष 2017-18 में 11045 करोड़ का ब्याज दिया, वर्ष 2020-21 में 15917 करोड़ रुपए का ब्याज दिया, वहीं वर्ष 2021-22 में 20040 करोड़ रुपए दिए, जो अब वर्ष 2022-23 में बढ़कर 22166 करोड़ हो जाएगा।