
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। उपचुनाव वाले इलाकों की हकीकत जानने के लिए अब खुद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा मैदान में उतर गए हैं। वे स्वयं इन इलाकों में जाकर संगठन व प्रत्याशी बनने के लिए दावेदारी कर रहे पार्टी नेताओं की स्थिति का खुद आंकलन कर रहे हैं। दमोह उपचुनाव में मिली शर्मनाक हार के बाद होने जा रहे यह उपचुनाव पार्टी के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं। कांग्रेस भी उपचुनाव के साथ मैदानी स्तर पर संगठनात्मक बदलावों में जुट गई है। दरअसल यह चुनाव ऐसे समय होने जा रहे हैं जब प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव होने हैं। इन चुनाव परिणामों का असर स्थानीय सरकार के निर्वाचन पर पूरी तरह असरकारक माने जा रहे हैं। दरअसल भाजपा द्वारा दो दिन बाद उपचुनाव वाले सभी इलाकों के नेताओं को भोपाल बुलाया गया है। इनमें प्रभारी से लेकर संगठन के महत्वपूर्ण पदाधिकारी भी शामिल हैं।
शर्मा इस बीच जोबट का दौरा कर चुके हैं और अब वे खंडवा लोकसभा इलाके के तीन जिलों के दौरे पर हैं, जहां पर पार्टी को लेकर फीडबैक लेने का काम कर रहे हैं। भाजपा के लिए इस बार चारों ही उपचुनाव वाले इलाके बेहद कठिन माने जा रहे हैं। इनमें से दो विधानसभा सीटों पर तो कांग्रेस का कब्जा था, जबकि लोकसभा सीट के अलावा एक विधानसभा सीट पर भाजपा ने बीते चुनाव में जीत हासिल की थी। जोबट को कांग्रेस के प्रभाव वाली सीट माना जाता है , लेकिन भाजपा को भी इस सीट पर अपनी संभावनाएं दिख रही हैं। यही वजह है कि स्वयं शर्मा दावेदारों के बारे में खुद ही जानकारी जुटाकर लाए हैं। इसी तरह से वे आज से खंडवा लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले खरगौन, बुरहानपुर और खंडवा जिलों के भी सभी प्रमुख नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। खास बात यह है कि उनके साथ चुनावी मैनेजमेंट के महारथी विधायक रमेश मेंदोला भी दौरे पर हैं। इन दोनों ही नेताओं द्वारा जुटाई गई जानकारी को सर्वे रिपोर्ट और अन्य नेताओं से मिले फीडबैक से मिलान करने के बाद ही टिकट तय किया जाएगा।
दरअसल खंडवा लोकसभा सीट से तीन दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं। उधर, दो दिन बुलाई गई बैठक के बाद शर्मा पार्टी के लिए बेहद कठिन मानी जाने वाली पृथ्वीपुर विधानसभा सीट के दौरे पर भी जाने वाले हैं। इस सीट पर कांग्रेस को बेहद मजबूत बनाने में कांग्रेस से अधिक भाजपा संगठन और भाजपा की सत्ता में बेहद प्रभावशाली रह चुके कुछ नेताओं का बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस सीट पर भाजपा को एक अदद ऐसा चेहरा नहीं मिल पा रहा है जो चुनावी मैदान में उतरकर कांग्रेस को कड़ी चुनौती दे सके। बैठक में शुक्रवार को खंडवा और जोबट के साथ पृथ्वीपुर व रैगांव विधानसभा सीट के प्रभारियों को भी बुलाया गया है।
कांग्रेस भी लगा रही पूरी ताकत
उधर, कांग्रेस भी उपचुनाव की तैयारियों में लगी हुई है। यही वजह है कि जहां संगठन सर्वे करा रहा है तो वहीं एआईसीसी के राष्ट्रीय सचिव संजय कपूर के अलावा अन्य राष्ट्रीय प्रभार वाले पदाधिकारी भी इन इलाकों का दौरा कर हर जानकारी जुटा रहे हैं। कांग्रेस को इस बार उपचुनाव वाले इलाकों में अपनी अच्छी संभावनाएं लग रही हैं। इसके साथ ही मैदानी स्तर पर पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए भी कांग्रेस में बदलाव किया जा रहा है। इस बदलाव के तहत ही प्रदेश भर में मंडलम और सेक्टर की नई टीमों का पुनर्गठन किया जा रहा है। इसके लिए पार्टी की ओर से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व विधायक एनपी प्रजापति को जिम्मा दिया गया है। इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस की ओर से कांग्रेस जिलाध्यक्ष, विधायकों व विधानसभा प्रत्याशी रहे नेताओं को पत्र लिखकर निर्देश दिए जा चुके हैं। दरअसल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष खुद ही मानते हैं कि भाजपा संगठन बहुत मजबूत है और चुनावी मुकाबला पार्टी की जगह उसके संगठन से होना ही मानते हैं। यही वजह है कि अब उनका पूरा फोकस संगठन की मजबूती पर बना हुआ है।
दरअसल कांग्रेस में हर 5 पोलिंग बूथ पर एक सेक्टर और हर 10 से 17 पोलिंग बूथ पर एक मंडलम होता है। विधानसभा चुनाव 2018 से पहले तत्कालीन मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया ने संगठन को मजबूती देने के लिए ही इस अभिनव प्रयोग को शुरू किया था। इसका फायदा भी कांग्रेस को चुनाव में मिला था , जिसकी वजह से ही कांग्रेस सत्ता की सीढ़ी चढ़ सकी थी। प्रदेश में सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने संगठन को मजबूत करने के लिए कोई कदम नही उठाया। दरसअल प्रदेश में पार्टी की और सत्ता की कमान स्वयं नाथ के पास होने की वजह से उनके द्वारा ध्यान ही नहीं दिया गया। इस बीच कांग्रेस सरकार गिर गई और दीपक बाबरिया को प्रदेश प्रभारी के पद से हटा दिया गया था। इसके बाद से ही संगठन की मजबूती का काम भी बंद हो गया था।
खंडवा में यह हैं दावेदार
दरअसल खंडवा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से पांच दावेदार सक्रिय बने हुए हैं। बदली स्थितियों में इस सीट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव के अलावा निर्दलीय विधायक सुरेंद्रसिंह शेरा की पत्नी जयश्री सिंह, बड़वाह से विधायक सचिन बिरला व खरगौन से विधायक रवि जोशी की भी दावेदारी बनी हुई है। इधर दिग्विजय खेमे की विधायक झूमा सोलंकी द्वारा भी इस सीट से आदिवासी उम्मीदवार बनाने की मांग की जा रही है। इसी तरह से भाजपा की ओर से इस सीट पर हर्ष चौहान के अलावा पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस और कृष्णमुरारी मोघे की दावेदारी बनी हुई है। फिलहाल अब तक दोनों ही दलों से यह तय नहीं है कि आखिर प्रत्याशी कौन होगा।
शिवराज भी अब हुए सक्रिय
बताया जा रहा है कि संगठन के अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपचुनाव वाली सीटों पर सक्रिय होने जा रहे हैं। इसकी शुरुआत भी उनके द्वारा खंडवा लोकसभा से की जा रही है। इसके बाद उनका पृथ्वीपुर जाने का भी कार्यक्रम है। वे आज खरगौन जिले के रावेरखेड़ी में हैं। इस दौरे को उपचुनाव की तैयारियों से ही जोड़कर देखा जा रहा है। खास बात यह है कि इसी तरह से हाल ही में केन्द्रीय मंत्री बनाए गए श्रीमंत की जनआशीर्वाद यात्रा में खंडवा लोकसभा क्षेत्र के इलाकों को भी खासतौर पर शामिल किया गया है।