ई-अटेंडेंस व्यवस्था का तीन माह का ट्रायल समाप्त

ई-अटेंडेंस व्यवस्था
  • अब ऑनलाइन उपस्थिति के आधार पर ही शिक्षकों का वेतन

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लोक शिक्षण संचनालय द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति की ई-अटेंडेंस व्यवस्था का तीन माह का ट्रायल समाप्त हो गया है। अब ऑनलाइन उपस्थिति के आधार पर ही शिक्षकों का वेतन मिलेगा। अधिकारियों का कहना है कि पूरे राज्य में कहीं पर भी इंटरनेट सेवा प्रभावित नहीं है। ट्रायल के तौर पर टीचरों को यह छूट इसलिए भी दी गई थी कि इनकी ओर से निरंतर शिकवा शिकायत आ रही थी। प्रत्येक जिले में हर विकासखंड का अध्ययन किया। कहीं पर भी इंटरनेट की समस्या नहीं है। इसलिए अब नवंबर से सख्त व्यवस्था होगी।
दरअसल, ई-अटेंडेंस को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने सख्ती बरती है। अब किसी भी शिक्षक का वेतन बिना ऑनलाइन उपस्थिति के आहरित नहीं हो पाएगा। इन्हें स्कूल खुलने और बंद यानि छुट्टी के समय हमारे शिक्षक ऐप पर हाजिरी लगाना होगी। विभाग का कहना है कि दो की बजाय तीन माह का ट्रायल हो चुका है। शिक्षकों की जो समस्या थी उसको सुना और समझा गया। अब व्यवस्था के आधार पर काम करना होगा। विभाग के अनुसार अब यह नहीं चलेगा कि व्यावहारिक या तकनीकी खामियां आ रही हैं।
जुलाई से सितंबर तक चला ट्रायल
जानकारी के अनुसार, जुलाई से लेकर सितंबर तक हर ब्लॉक में मोबाइल संचालन, इंटरनेट सहित प्रत्येक पहलुओं को परखा गया है।  कमिश्नर लोक शिक्षण संचालनालय शिल्पा गुप्ता का कहना है कि ट्रायल पूरी तरह से समाप्त हो चुका है। शिक्षकों की शिकायतों को मान्य करते हुए दो की बजाय तीन माह का ट्रायल किया। कहीं कोई समस्या नहीं है। अब हर स्कूल में शिक्षक के वेतन का आहरण ऑनलाइन उपस्थिति के आधार पर निकलेगा। अधिकारियों का कहना है कि पूरे राज्य में कहीं पर भी इंटरनेट सेवा प्रभावित नहीं है। ट्रायल के तौर पर टीचरों को यह छूट इसलिए भी दी गई थी कि इनकी ओर से निरंतर शिकवा शिकायत आ रही थी। प्रत्येक जिले में हर विकासखंड का अध्ययन किया। कहीं पर भी इंटरनेट की समस्या नहीं है। इसलिए अब नवंबर से सख्त व्यवस्था होगी। नवंबर का जो दिसंबर में वेतन तैयार होगा। वह ऑनलाइन उपस्थिति के आधार पर ही निकलेगा। जिला शिक्षा अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं। वेतन बिल तैयार करने की जो व्यवस्था है। वह अभी पूर्ववत रहेगी। संकुलों से बिल विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय जाएंगे। जहां बीईओ कार्यालय से ही शिक्षकों के ऑनलाइन बिल पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे। लोक शिक्षण संचालनालय कहना है कि यदि सिस्टम में कहीं छेड़छाड़ की जाती है तो वह भी दो मिनट में पकड़ ली जाएगी। लोक शिक्षण संचालक का कहना है कि जुलाई जुलाई से से यह व्यवस्था शुरू की गई थी। इसलिए जुलाई और अगस्त में इसका ट्रायल था। फिर भी शिक्षकों ने इंटरनेट संबंधी समस्या बताई तो सितंबर तक इसे बढ़ा दिया गया था। इसके बाद निर्देश दिए गए थे कि अक्टूबर का जो वेतन आहरण होगा वह ई-अटेंडेंस पर ही आधारित रहेगा।
अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण
जानकारी है कि कई जिलों में अक्टूबर माह के बिल भी अनेक विकासखंड शिक्षा अधिकारियों ने ऑफलाइन लगाए हुए हैं। इसलिए इनका परीक्षण करने की तैयारी है। लोक शिक्षण संचनालय द्वारा जिस ऑनलाइन उपस्थिति को शुरू किया गया है। मैदानी स्तर पर उसकी व्यवस्था की पूरी चाबी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों के हाथों में है। कारण है कि जब यह नया काम प्रारंभ किया गया था तो प्रत्येक ब्लॉक के विकासखंड शिक्षा अधिकारी और वहां कार्यरत ऑपरेटर को ही भोपाल में प्रशिक्षण दिया गया था। इन्हें पूरी विधियां बताई गई थी कि किस प्रकार शिक्षकों की प्रतिदिन की ऑनलाइन उपस्थिति को दर्ज करना है। विभाग का कहना है कि सिस्टम का नियंत्रण मुख्यालय स्तर से भी है। इसलिए वहां जो कुछ हो रहा है कि यहां से भी उसका अवलोकन किया जा रहा है।

Related Articles