
भोपाल/गौरव चौहान /बिच्छू डॉट कॉम। एक तरफ सरकार का खजाना आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसकी वजह से सरकार को लगातार हजारों करोड़ रुपए का कर्ज लेना पड़ रहा है, तो दूसरी तरफ सरकारी अफसर वसूली करने में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं। इस मामले में सिंचाई विभाग के अफसर भी शामिल हैं। अगर सिंचाई विभाग की बात की जाए तो इस साल अब तक सिंचाई के लिए लिए जाने वाले पानी के एवज में वसूले जाने वाले कर के मामले में तीन चीफ इंजीनियर बुरी तरह से फिसड्डी बने हुए हैं।
यह तीन चीफ इंजीनियर ग्वालियर, सागर तथा दतिया के हैं। इस वित्त वर्ष के लिए सरकार द्वारा सिंचाई के कर के रुप में 423.89 करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अब तक ग्यारह माह का समय निकल जाने के बाद भी महज 289.83 करोड़ की वसूली की गई है। इससे विभाग के एसीएस एसएन मिश्रा बेहद नाराज हैं। यही वजह है कि उनके द्वारा संबंधित अफसरों को फटकार लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस दौरान फटकार लगाते हुए कहा कि कहा कि राजस्व वसूली के आंकड़ों से यह प्रतीत होता है कि अधिकारियों द्वारा राजस्व वसूली का कार्य गंभीरता से नहीं किया जा रहा है। इस मामले में चीफ इंजीनियर क्या कर रहे हैं, उन्हें वसूली के लिए कार्यपालन यंत्रियों पर दवाब बनाना चाहिए। एसीएस ने उद्योग, नगरीय निकाय, विद्युत ताप परियोजना तथा कृषकों से लिए जाने वाले जल कर की राशि की समीक्षा की। इस साल किसानों से सिंचाई के एवज में लिए जाने वाले कर के लिए 69.78 करोड़ का लक्ष्य तय किया गया था , जिसमें से महज 30 करोड़ 31 लाख रुपए की ही वसूली की गई है। यह राशि तय लक्ष्य की तुलना में महज 45 प्रतिशत होती है। अब वित्त वर्ष के समाप्त होने में महज दो माह का ही समय रह गया है , ऐसे में लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल दिख रहा है। यह हाल तब हैं , जबकि फील्ड में 90 कार्यपालन यंत्री और 927 वसूली करने वाले अमीन पदस्थ हैं। अब लक्ष्य पूर्ति के लिए विभाग द्वारा इस माह के लिए वसूली का लक्ष्य 60 करोड़ रुपए का तय किया गया है।
सख्ती दिखाने की तैयारी
इस मामले में अब विभाग द्वारा सख्ती दिखाने की तैयारी की जा रही है। तय लक्ष्य के अनुरूप वसूली नहीं करने वाले जिम्मेदार अफसरों और कर्मचारियों की गोपनीय चरित्रावली में भी इसका उल्लेख किया जाएगा। यही नहीं ऐसे अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ विभाग नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई भी करने जा रहा है।
यह हैं सिंचाई के संभागों में वसूली की स्थिति
प्रदेश में सिंचाई विभाग के नौ संभागों की स्थिति देखी जाए तो इस मामले में सबसे फिसड्डी ग्वालियर संभाग बना हुआ है। इस संभाग के लिए 18.61 करोड़ रुपए का वसूली लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन दस माह में महज 04.67 करोड़ रुपए की ही वसूली की गई। इसी तरह से भोपाल को 128.07 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें से 90.14 की वसूली हुई। गंगा कछार रीवा के लिए 189.19 का लक्ष्य है , जिसमें से 129.08 करोड़ की वसूली हो गई है। नर्मदा ताप्ती, इंदौर को मिले 8.27 करोड़ की तुलना में 06.45, होशंगाबाद में 24.33 की तुलना में 18.25, उज्जैन संभाग में 9.52 करोड़ की तुलना में 7.77 करोड़, राजघाट-दतिया में 9.44 की तुलना में 5.40 करोड़ , धसान केन, सागर में 12.89 की तुलना में 7.96, वैनगंगा सिवनी में 23.54 की तुलना में 20.06 करोड़ रुपए की वसूली की गई है।