
- 313 विकासखंडों में पदस्थ महिला ऑफिसर हर दिन परेशान
सिस्टम कितना जवाबदेह है? कृषि विभाग से यह अंदाजा लगाया जा सकता है। साल 1999 के बाद 2022 और 2024 में डिपार्टमेंट के अंतर्गत एक हजार महिला ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की नियुक्ति हुई है। दुर्भाग्य देखें कि इन्हें पदस्थ तो कर दिया गया है, लेकिन जिस शौचालय जैसी बुनियादी जरूरत इन्हें उपलब्ध होना चाहिए वह व्यवस्था नियुक्ति के तीन साल बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से कोरोना के समय पूरे राज्य में एक हजार महिला अधिकारी कर्मचारियों की भर्ती की गई थी। प्रत्येक विकासखंड स्तर पर अधिकारी एवं कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था। अब दिक्कत यह है कि एक विकासखंड में किसानों की समय से समस्या सलझाने के लिए 30 से लेकर 35 सेंटर निर्धारित हैं। एक केंद्र के अधीन 10 से लेकर 15 गांव आते हैं। नियम के अनुसार विकासखंड कार्यालय से लेकर हर केंद्र पर शौचालय होना चाहिए। देवास, शाजापुर, सीहोर, बैतूल, होशंगाबाद, हरदा, नीमच, डिंडोरी, बालाघाट, जबलपुर, कटनी एवं छिंदवाड़ा सहित अन्य जिलों से महिला अधिकारियों का कहना है कि शौचालय जैसी कमी होने के कारण हर दिन दिक्कत हो रही है।
सेंटरों पर आ रहे किसानों को भी परेशानी
महिला अधिकारियों का कहना है की सेंटरों पर जो किसान आ रहे हैं उनके साथ महिलाएं एवं बच्चे भी आते हैं। कृषक अपनी समस्या बताने के लिए तो आते हैं लेकिन कई बार शौचालय की कमी मुसीबत का कारण बनती है। सक्षम अधिकारियों को निरंतर पत्र भी लिखा जा रहे हैं, उसके बाद भी इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं देना बड़ी चिंता का कारण है।
भोपाल में हो रहा है निर्माण
प्रदेश में राजधानी पहला जिला है जहां महिला अधिकारियों के लिए बैरसिया और फंदा विकासखंड में शौचायलयों का निर्माण अंतिम चरणों में है। यहां महिला अधिकारियों का कहना है कि दोनों ही विकासखंडों में डेढ़ सौ केंद्र है जहां शौचालय का निर्माण हो चुका है। सीहोर के आष्टा में काम प्रगति पर चल रहा है, लेकिन अन्य जिलों में अभी इस निर्माण में गति नहीं आ पाई है।
इंदौर-उज्जैन में हो चुका है विरोध
बताना होगा कि शौचालय की कमी होने के कारण पिछले साल अक्टूबर और दिसंबर माह में उज्जैन एवं इंदौर संभाग में विरोध भी हो चुके हैं। महिला अधिकारियों द्वारा कमिश्नर कार्यालय के समीप प्रदर्शन किया गया और खुलकर अपनी समस्या बताई गई। महिलाओं का आरोप था कि विभाग में भारी भरकम बजट है, लेकिन शौचालय निर्माण क्यों नहीं कराया जा रहा है। यह बात समझ में नहीं आ रही है। एक तरफ केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार स्वच्छता की दिशा में घर-घर शौचालय निर्माण करवा रही है, दूसरी ओर कृषि विभाग में महिला अधिकारियों को परेशान किया जा रहा है।
इनका कहना है
शौचालयों का निर्माण शीघ्र हो। इस संबंध में निरंतर विभाग को पत्र दिए जा रहे हैं। ग्रामीण कृषि विस्तार महिला अधिकारी बहनों के लिए यह व्यवस्था तत्काल होना चाहिए। यही हमारी मांग रही है।
– धमेन्द्र पाटीदार, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी
शौचालय बहुत जरूरी है, हालांकि निर्माण कार्य शुरू हुआ है। प्रदेश में जहां-जहां महिला अधिकारियों की पदस्थापना है, वहां यह व्यवस्था प्राथमिकता के साथ समय-सीमा में होना चाहिए।
– आरती परमार, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी
इस कमी के कारण प्रतिदिन दिक्कतें आ रही हैं। कई जगहों पर इस मामले को अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया हैं। महिला अधिकारियों के लिए शौचालयों के प्रबंध अत्यंत आवश्यक हैं।
– अक्षी राय, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी