हजारों गौवंश चिढ़ा रहे गौ शालाओं को मुंह

 गौवंश

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश भर के साथ ही भोपाल में सडक़ों पर इन दिनों आवारा पशुओं का कब्जा सा हो गया है। अनुमान के मुताबिक अकेले भोपाल जिले में ही करीब दस हजार आवारा गौ वंश सडक़ों पर हर रोज घूमते रहते हैं। जिले में यह हाल तब बने हुए हैं, जबकि उनके लिए 14 गौ शालाएं 4 करोड़ 84 लाख की लागत से बनाई जा चुकी हैं। यह बात अलग है कि यह अभी भी खाली पड़ी हुई है, और आवारा पशु सडक़ों पर डेरा जमाकर इन गौशालाओं के साथ ही जिम्मेदार सरकारी अमले को मुंह चिढ़ा रहे हैं। बताया जा रहा है कि जिले में जिन 14 गौशालाओं का निर्माण कराया गया है, उनमें पशुओं के लिए बुनियादी सुविधाओं को जुटाना जिम्मेदार भूल ही गए हैं, जिसकी वजह से पशुओं को उनमें रखने की शुरुआत ही नहीं हो पा रही है। दरअसल गोशालाओं में बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नही हैं। बारिश के मौसम में स्ट्रीट लाइट बंद रहने और जानवरों के सडक़ों पर बैठने की वजह से दुर्घटनाओं में इजाफा हो जाता है। इसके बाद भी गोवंश को सडक़ों से हटाने को लेकर कोई ठोस पहल होते आज तक नहीं दिखी है। जबकि इनके कारण भोपाल जिले में रोजाना पांच से ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें लोगों की जान तक चली जाती है। इसके अलावा आम दिनों में भी दुर्घटनाओं की बड़ी वजह यह आवारा जानवर बनते हैं, और यातायात में बड़ी बाधक भी बने रहते हैं। बेहद अहम बात यह है कि जिन सडक़ों पर जानवरों का दिन में भी कब्जा रहता है, उन सडक़ों पर से दिनभर निकलने वाले अफसरों व जन प्रतिनिधियों को भी जनता को होने वाली परेशानी नहीं दिखती है। दरअसल बारिश के मौसम में मैदानों के गीले हो जाने और जलभराव होने से गोवंश सूखे स्थान की तलाश में सडक़ों व गलियों में बैठने की जगह तलाशते हैं। ऐसे में जुलाई से अक्टूबर के बीच गाय के कारण होने वाले हादसों की संख्या बढ़ जाती है। ऐसे में वाहन चालकों के साथ ही गोवंश भी गंभीर रूप से चोटिल हो जाते हैं और कभी -कभी तो दोनों की ही मौत हो जाती है।
किसकी कितनी लागत
जिन 14 गोशालाओं का निर्माण किया गया है, उनमें से आठ 38 लाख रुपए और छह के निर्माण पर 30 लाख रुपए की लागत आयी है। इनमें से समधा, करदई, कलाखेड़ी झिरनिया, बरोड़ी, दामखेड़ा और धूतखेड़ी स्थित गोशालाओं की लागत 30 लाख रुपए आयी है जबकि, बरखेड़ा सालम, बिलखिरिया कलां, आदमपुर छावनी, कालापानी, सिकंदराबाद, अगरिया, अमझरा और बरीं बगराज में 38 लाख रुपए की लागत आयी है।
अभी भी 14 को पूरा होने का इंतजार
दरअसल जिले में मनरेगा के माध्यम से ग्राम पंचायतों में 30 गौशालाओं के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है। इनके निर्माण पर करीब 10 करोड़ की राशि खर्च की जानी है। इन गौशालाओं की स्वीकृति 2020-21 में प्रदान की गई थी। इनमें से जो 16 बनकर तैयार हो चुकी हैं, उनमें से 14 में अब भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। जो दो पूरी हो चुकी गोशालाएं है वे ही अब तक शुरू हो पायी हैं,। यह ग्राम पंचायत मनीखेड़ी और ललोई में संचालित हैं। इसके पूर्व 2019-20 में मनरेगा के तहत एक दर्जन गोशालाओं का 3.32 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण किया जा चुका है। इनमें 1100 से अधिक गोवंश को एक साथ रखा जा सकता है।

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