प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान खरीदने वालों को मिलेगी लीज राशि से मुक्ति

प्रधानमंत्री आवास योजना

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। राजधानी में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकानों के खरीददारों को प्रदेश सरकार ने बड़ी रहात देने का फैसला किया है। यह राहत लीज के रूप में हर साल वसूली जाने वाली राशि के मामले में दी जा रही है। इसके लिए सरकार ने इस प्रॉपर्टी को लीज फ्री होल्ड करने का फैसला कर लिया है। इस पर अमल करने के लिए अब नगर निगम द्वारा एचएफए के तहत मिली जमीन को अपने नाम करने का प्रस्ताव कलेक्टर के पास भेजा है। राजधानी में अभी इस योजना में नए 51 हजार से ज्यादा ईडब्ल्यूएस एलआईजी और एमआईजी मकान बनाए जाना है, जबकि अभी लगभग आठ हजार मकानों का निर्माण किया जा रहा है। नए मकानों के निर्माण के लिए रिवेरा टाउनशिप और 12 नंबर बस स्टॉप पर बन रहे मकानों के लिए पंजीयन हो चुका है। इसके अलावा प्रदेश के छह लाख से अधिक मकान बनाए जाने हैं। इनमें 5.90 लाख ईडब्ल्यूएस, 48708 एलआईजी और 18238 एमआईजी मकान शामिल हैं। यह मकान बनाने का लक्ष्य 2022 तक का तय किया है। फिलहाल प्रदेश में इस योजना के तहत डेढ़ लाख से अधिक मकानों को बनाया जा चुका है, जबकि चार लाख का निर्माण किया जा रहा है। दरअसल इन मकानों के लीज रेंट को लेकर नगर निगम और मकान खरीदने वालों के बीच कई बार विवाद की स्थिति बन चुकी है। दरअसल लोगों ने इन मकानों को यह सुनकर खरीद लिया था कि वे फ्रीहोल्ड होंगे। इसकी वजह से ही लीज रेंट को लेकर विवाद के हालात बनने लगे। इसके बाद ही नगर निगम प्रशासन द्वारा एसएफए की प्रॉपर्टी को लीज फ्री होल्ड करने का प्रस्ताव इसी साल की शुरूआत में  भेजा गया था, जिसे हाल ही में शासन ने मंजूरी प्रदान की है।
बजट अभाव से अटका 18000 मकानों का निर्माण
नगर निगम द्वारा राजधानी में लगभग 18 हजार एमआईजी मकानों का निर्माण किया जा रहा है , लेकिन उनके निर्माण में फंड की कमी आड़े आ रही है। इसके साथ ही कुछ प्रोजेक्ट के लिए जमीन का अभाव भी आड़े आ रहा है। खास बात यह है कि प्रशासन द्वारा एक दर्जन प्रोजेक्टों के लिए तो नगर निगम सीमा के बाहर जमीन दे दी गई है, जिसकी वजह से सरकार ने हाउसिंग फॉर आॅल की गति धीमी कर दी है। इसकी वजह से चार इमली के ऋषि नगर,शाहपुरा सहित अन्य प्राइम लोकेशन पर झुग्गियों की जगह मकानों का निर्माणकार्य अटक गया है।

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