- अक्टूबर में चार सौ खाली पदों पर होगी नियुक्तियां

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
राज्य में मरीजों के लिए अच्छी खबर है। सालों से खाली करीब चार हजार पदों पर नये चिकित्सक बैठकर रोगियों की सेवा करेंगे। शुरुआत अगले माह से हो रही है। अगले महीने तक पीएससी के माध्यम से प्रारंभिक तौर पर चार सौ पद भरे जाएंगे। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद चरणबद्ध रुप से पदों की भर्ती की जाएगी। लंबे समय से राज्य के अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं। जिला चिकित्सालयों से लेकर सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, हर जगह डॉक्टरों की दरकार है। जिन मेडिकल कॉलेजों से डॉक्टर बेहतर चिकित्सा शिक्षा लेकर निकलते हैं, उनके अधीन चलने वाले अस्पताल भी इस समस्या से जूझ रहे है। चिकित्सालयों में मेडिसिन, सर्जरी, एनेस्थीसिया, रेडियोग्राफर, कार्डियोलॉजिस्ट, ऑप्यैल्मोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिक्स, आर्थोपेडिक्स सहित अनेक विशेषज्ञों की कमी से अस्पतालों में उपचार सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। हालात यह है कि रोगियों को समय पर उपचार देने वैकल्पिक तौर पर बांड का सहारा लिया गया है। अब अस्पतालों में मरीजों को इलाज के लिए स्थाई तौर पर विशेषज्ञ डॉक्टर मिल रहे हैं। मौजूदा वर्ष में राज्य भर के अस्पतालों में चार हजार नये डॉक्टरों की पोस्टिंग होगी। अगले माह तक प्रारंभिक तौर पर चार सौ डॉक्टर पदस्थ होंगे। इसके लिए पीएससी के माध्यम से प्रक्रिया चल रही है।
पद संरचना में पूर्ति का लक्ष्य
प्रदेश के अस्पतालों में पद संरचना के अनुसार पद पूर्ति को विभाग ने अभियान के रूप में लिया है। कारण है कि मैदानी स्तर से जी रिपोर्ट आ रही है, उसने डिपार्टमेंट को भी चिंता में डाल दिया है। सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों का अभाव होने से रोगियों को मजबूरन प्राइवेट अस्पतालों में लुटना पड़ रहा है। इससे पीड़ित मानवता को लाभ पहुंचाने सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन सतह पर प्रभावी रूप से नहीं हो पा रहा है। नतीजतन समीक्षा कर रिक्त पदों पर भर्ती में गति लाई जा रही है।र
अटैचमेंट भी होगा अब समाप्त
स्वास्थ्य विभाग में अटैचमेंट भी बड़े पैमाने पर है। विभाग के अनुसार जिन डॉक्टरों की अस्पतालों में पदस्थापना है, वह मूल जगह सेवाएं देने की बजाय संभागीय स्वास्थ्य संचालनालयों, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऑफिस या फिर अन्य जगहों पर अटैच होकर काम कर रहे है। अटैचमेंट को खत्म करने भोपाल में जरूर अभियान चला। यहां सभी डॉक्टर मूल जगह भेजे गये लेकिन अन्य जिलों में यह काम पूरी तरह से ठप पड़ा है। अस्पतालों में डॉक्टरों के रिक्त पदों की पूर्ति हो रही है। पीएससी के माध्यम से विभाग प्रदेश के अस्पतालों में चिकित्सकों की नई नियुक्तियां करने जा रहा है। जल्द ही चिकित्सालयों को वार सौ नये डॉक्टर मिलेंगे।
अभी बांड पर सेवाएं यथावत
जब तक राज्य में स्थाई तौर पर चिकित्सकों के रिक्त पद नहीं भरे जाते है तब तक बांड पर विभाग सेवाएं जारी रखेगा। अनुबंध का यह रास्ता विभाग ने इसलिए निकाला है, ताकि नियुक्त कोई भी डॉक्टर बीच में सेवा छोडक़र न जा सके। विभाग का कहना कि इस कार्य की नियमित तौर पर समीक्षा की जा रही है। जिलो में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से रिपोर्ट भी ली जा रही है कि बांडेड डॉक्टरों की सेवाएं कितनी सतोषजनक हैं? चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के अधीन संस्थानों में करीब पांच हजार डॉक्टरों की जरूरत सालों से है। यह मांग भी उठती रही है। तत्काल सरकार को अभियान के रूप में पदों की पूर्ति करना चाहिए।