इस बार शिव सरकार के खजाने में केन्द्र से आएंगे 17 हजार करोड़ अधिक

  • केंद्रीय करों के साथ ही सहायता अनुदान में वृद्वि होना तय
शिव सरकार

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। केन्द्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट के बाद अब मप्र की शिव सरकार के खजाने में बीते साल की तुलना में नए वित्त वर्ष में करीब 17 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि आने की संभावना बन चुकी है।
इस राशि की वजह से प्रदेश की जर्जर होती जा रही अर्थ व्यवस्था को बड़ा सहारा मिलना तय है। दरअसल प्रदेश के खजाने की हालत खराब होने की वजह से इन दिनों प्रदेश सरकार संसाधनों से जूझ रही है। दरअसल यह अधिक राशि प्रदेश सरकार को केन्द्रीय करों में हिस्सेदारी के अलावा केंद्रीय सहायता अनुदान में वृद्वि के रुप में मिलने वाली है। बताया जा रहा है कि नए वित्त वर्ष में प्रदेश को केंद्रीय करों में 52 हजार 246 करोड़  की जगह 64 हजार करोड़ रुपए मिल सकते हैं। यह राशि बीते साल की तुलना में 12 हजार करोड़ रुपए अधिक होगी। चालू वित्त वर्ष में अब तक प्रदेश को 52 हजार 246 करोड़ में से 47 हजार करोड़ मिल चुके हैं। इसी तरह से केंद्रीय योजनाओं में मिलने वाली सहायता अनुदान की राशि भी इस बार 35 हजार करोड़ से बढ़कर 40 हजार करोड़ रुपए मिल सकती है।
इसके अलावा यह भी अनुमान है कि इस बार केन्द्र सरकार करीब एक दर्जन से अधिक योजनाओं में मिलने वाले फंड में भी वृद्वि कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो प्रदेश में चल रहे विकास के कामों को तो गति मिलेगी ही साथ ही सरकार को कर्ज भी कम लेना पड़ेगा। दरअसल प्रदेश में संचालित अधिकांश जनहितैषी योजनाओं का संचालन केंद्र से मिलने वाली राशि से ही किया जाता है। अगर बीते सालों के आंकड़ों पर  नजर डालें तो केंद्रीय सहायता अनुदान में वर्ष 2019-20 में 31,952 करोड़ , 2020-21 में केंद्र से 30,933 करोड़ मिले थे , जबकि चालू वर्ष में 35 हजार 774 करोड़ की राशि मिलने जा रही है और अगले साल इसमें करीब पांच हजार करोड़ की बढ़ोत्तरी होना संभावित है। इसी तरह से मध्यप्रदेश को केंद्रीय सहायता अनुदान में 40 हजार करोड़ रुपए मिल सकते हैं।  
इस साल केंद्र से अभी तक प्रदेश को करीब 47 हजार करोड़ रुपए मिल चुके हैं और 31 मार्च तक यह राशि 52 हजार 246 करोड़ हो जाएगी। नए वित्त वर्ष में इसमें काफी बढ़ोतरी संभावित है। वित्त विभाग के सूत्रों की मानें, तो केंद्रीय करों में मप्र को वित्तीय वर्ष 2022-23 में 64 हजार 400 करोड़ रुपए मिलने की संभावना है। यानि इससे 12 हजार करोड़ रुपए तक की बढ़ोतरी होने की उम्मीद लगाई जा रही है।
बढ़ जाएगी कर्ज लेने की पात्रता
अभी प्रदेश सरकार केन्द्र द्वारा तय किए गए मानकों के हिसाब से सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 4.5 फीसदी तक का कर्ज ले सकती है। इसके हिसाब से राज्य सरकार 49 हजार 463 करोड़ तक का कर्ज बाजार से मिल सकता है।  फिलहाल राज्य सरकार पर 2 लाख 53 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज है। यदि केंद्र सरकार आर्थिक संकट में एक प्रतिशत राशि बढ़ाती है, तो कर्ज लेने की पात्रता 52 हजार करोड़ से अधिक हो जाएगी।
किस कर में प्रदेश का कितना हिस्सा  
अगर प्रदेश को केन्द्र के करों में मिलने वाले हिस्से की बात की जाए तो इस साल कॉपोर्रेशन टैक्स में15,201, आयकर  से 15,447,जीएसटी 16,881,कस्टम से 3,156, यूनियन एक्साइज से1,528 ,सर्विस टैक्स से 32 और अन्य करों से 10 करोड़ रुपए मिलने हैं, जबकि अब नए वित्त वर्ष में कॉपोर्रेशन टैक्स17,500 , इनकम टैक्स 18,800, जीएसटी में 20,300, कस्टम से आय में 3,900,यूनियन एक्साइज में 2,300, सर्विस टैक्स में 36 और अन्य करों से 20 करोड़ रुपए मिल सकते हैं।

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