
- रिजर्व बैंक से लिया जा रहा 5 हजार करोड़ का कर्ज
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार एक ही महीने में दूसरी बार कर्ज लेने जा रही है। राज्य सरकार ने अब 5 हजार करोड़ का कर्ज लेने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य सरकार रिजर्व बैंक के मुंबई कार्यालय के माध्यम से 27 अगस्त को यह कर्ज लेगी। इस कर्ज को सरकार 14 और 21 साल में चुकाएगी। प्रदेश सरकार द्वारा इसके पहले 7 अगस्त को दो किश्तों में 5 हजार करोड़ का लोन लिया था।
एक महीने के भीतर सरकार 10,000 करोड़ का लोन लिया है। हर महीने सरकार पर लाड़ली बहना योजना के चलते 2600 करोड़ का भार पड़ रहा है। वहीं कर्मचारियों के वेतन भत्ते और विकास के लिए 1700 करोड़ का खर्च सरकार कर रही हैं। प्रदेश सरकार को इस साल 88 हजार 450 करोड़ रुपए का कर्ज लेना है, जो पिछले साल के मुकाबले 38 फीसदी ज्यादा है। राज्य सरकार पर पहले से ही 4 लाख 18 हजार 056 करोड़ का कर्ज पहुंच चुका है। हालांकि लगातार कर्ज लेने के बाद भी सरकार चिंतित नहीं हैं। प्रदेश के वित्त मंत्री और डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कर्ज को लेकर हाल ही में कहा था कि कर्ज नियम के हिसाब से ही लिया जा रहा है। यह कर्ज विकास कार्यों के लिए लिया जाता है और इसका सरकार समय-समय पर भुगतान भी करती है।
दो किस्तों में लेने की है तैयारी
लोन के संबंध में गवर्नमेंट प्रेस ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके अनुसार लोन दो किस्तों (ढाई-ढाई हजार करोड़) में लिया जाएगा। इससे पूर्व सरकार ने 6 अगस्त को 5 हजार करोड़ का लोन लिया था। यह वित्त वर्ष 2024-25 का पहला लोन था। चालू वित्त वर्ष में सरकार की लोन लेने की अधिकतम सीमा 64 हजार करोड़ रुपए है। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कर्ज की राशि इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर खर्च की जाएगी। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना या ऐसी अन्य किसी योजना पर यह राशि खर्च नहीं होगी। सरकार ने लाड़ली बहना योजना के लिए बजट में पहले से ही राशि का प्रावधान कर रखा है। मप्र सरकार पर 31 मार्च, 2024 की स्थिति में 3 लाख 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने 42 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इसमें से 17 हजार 500 करोड़ रुपए का लोन मोहन सरकार के समय और 25 हजार करोड़ रुपए का लोन तत्कालीन शिवराज सरकार के समय लिया गया था। बीते वित्त वर्ष में मप्र सरकार की कर्ज लेने की सीमा 47 हजार 560 करोड़ रुपए थी। सरकार ने मप्र विधानसभा के मानसून सत्र में 3 जुलाई को वित्तीय वर्ष 2024-25 का 3.65 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था।
5वीं बार र्ज लेने जा रही मोहन सरकार
प्रदेश में डॉ. मोहन सरकार के गठन के बाद 5वीं बार सरकार कर्ज लेने जा रही है। सरकार ने 23 जनवरी को 2500 करोड़ का कर्ज लिया था। इसके बाद सरकार ने 7 फरवरी को 3 हजार करोड़ का कर्ज लिया। 22 मार्च को सरकार ने 5 हजार करोड़ का कर्ज लिया था। 7 अगस्त को सरकार ने फिर 5 हजार करोड़ का कर्ज लिया था। कोई भी राज्य अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का अधिकतम 3 प्रतिशत की सीमा तक ऋण ले सकता है। मप्र का सकल घरेलू उत्पाद करीब 15 लाख करोड़ रुपए है। इसी के अनुपात में मप्र सरकार की कर्ज लेने की सीमा निर्धारित की गई है। वित्त अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 293 (3) के तहत किसी भी राज्य सरकार को कर्ज लेने की सहमति देती है। केंद्र की सहमति के बिना कोई राज्य ऋण नहीं ले सकता है।