बिजली उत्पादन के लक्ष्य पर खरे नहीं उतर रहे ताप विद्युत गृह

बिजली उत्पादन
  • उत्पादन प्रभावित होने से लगता है करोड़ों का फटका

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। बिजली कंपनियां तमाम तरह के घाटों की भरपाई आम उपभोक्ताओं सेकरने वाली बिजली कंपनियां अपने ही लक्ष्यों की पूर्ति पर खरा नहीं उतरती है। अगर बिजली उत्पादन में ही तय लक्ष्य हासिल कर लें तो उनका घाटा आधा कम हो जाए। ऐसा नही है कि ऐसा एकाध ससाल होता है बल्कि लगातार उत्पादन तय लक्ष्य से पीछे रहता है। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि बिजली उत्पादन के सरकारी आंकड़ों से पता चलता है। अगर तीन सालों के आंकड़े देखें तो मप्र पॉवर जनरेशन कंपनी के अंतर्गत आने वाले प्रदेश के ताप विद्युत गृह तय लक्ष्य के मुताबिक बिजली का उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं। इससे बिजली कंपनियों को घाटा हो रहा है। इसकी भरपाई के लिए हर साल टैरिफ बढ़ाया जाता है। इनमें पॉवर जनरेशन कंपनी के संजय गांधी ताप विद्युत गृह, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह और अमरकंटक ताप विद्युत गृह प्रमुख हैं। कोयले से बनने वाली बिजली के लिए ऊर्जा विभाग इन्हीं ताप विद्युत गृहों पर निर्भर है। इन विद्युत गृहों में कई बार खराबी आ जाती है। इससे कुछ इकाइयां एक से दो महीने तक बंद हो जाती हैं। इससे बिजली उत्पादन प्रभावित होता है और बिजली कंपनी को करोड़ों का घाटा लग जाता है। इसकी भरपाई बिजली कंपनियां टैरिफ बढ़ाकर और सरकार से सब्सिडी लेकर कर रही हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में बिजली की डिमांड अब लगातार बढ़ रही है। इस साल बिजली की डिमांड 18 हजार मेगावॉट से ऊपर पहुंच गई है। ऐसे में अब प्रदेश को आने वाले समय में और अधिक बिजली की जरूरत रहेगी। ऐसे में ताप विद्युत गृहों का पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन करना जरूरी है, नहीं तो लोगों को अधोषित कटौति या फिर आयतित बिजली के भरोसे रहना होगा।
आयोग ने दिया था लक्ष्य
यह दिया था बिजली उत्पादन का टॉरगेट प्रदेश के ताप विद्युत गृहों के लिए मप्र विद्युत विनियामक आयोग ने टारगेट दिया था। इसके तहत ताप विद्युत गृहों को साल 2019-20 से 2021-22 की अवधि में 27451 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करना था।
संजय गांधी ने 1479 मिलियन यूनिट कम बनाई बिजली
संजय गांधी ताप विद्युत गृह की 500 मेगावॉट की एक यूनिट में भी लक्ष्य से कम बिजली का उत्पादन हुआ है। यूनिट में तीन सालों में 1479 मिलियन यूनिट बिजली कम बनी। यूनिट को 11326 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन का लक्ष्य दिया गया था। यूनिट ने साल 2019 से 2022 तक की अवधि में 9847.399 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया। ताप विद्युत गृहों से इस अवधि में 24674 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हो पाया है। बिजली उत्पादन लक्ष्य से 2777 मिलियन यूनिट कम रहा है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति डिमांड बढ़ी ऊर्जा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में बिजली की प्रति व्यक्ति डिमांड भी हर साल बढ़ रही है। पिछले पांच साल में प्रति व्यक्ति बिजली की डिमांड 1095 किलोवॉट घंटे से बढक़र 1280 किलोवॉट घंटे हो गई है।

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