
- कलेक्टर ने भूमि चिन्हित करने के दिए निर्देश
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में मोहन सरकार औद्योगिक विकास पर पूरा फोकस कर रही है। इसी कड़ी में सरकार श्योपुर जिले में नए सिरे से औद्योगिक विस्तार करने जा रही है। इसके तहत श्योपुर जिले में उद्योग विकास अब गति पकड़ने जा रहा है, क्योंकि विजयपुर में जहां अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्टरी खुलना तय है, वहीं वीरपुर के पास में भी 100 बड़ी यूनिटों के लिए 492 हेक्टेयर जमीन एमपीआईडीसी को दी जा चुकी है। अब जिले में पृथक फूड क्लस्टर बनाने की तैयारी है। जिसमें सिर्फ कृषि आधारित उद्योग खुलेंगे।
इसके लिए जमीन तलाशने के निर्देश भी कलेक्टर किशोर कन्याल राजस्व विभाग के अधिकारियों को दे चुके हैं। जानकारी के अनुसार श्योपुर जिले में औद्योगिक विकास के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। यहां फूड आधारित इंडस्ट्रीज को बढ़ावा दिया जा रहा है। श्योपुर जिले में धान और गेहूं का उत्पादन काफी होता है, इसलिए यहां खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां लगाने की संभावनाएं हैं। जिला स्तरीय लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि फूड क्लस्टर के लिए भूमि चिह्नांकन करने की कार्रवाई की जाए। श्योपुर जिला कृषि प्रधान जिला है, यहां कृषि आधारित उद्योगों की बेहतर संभावना है। जिले में उद्योगों की स्थापना के लिए औद्योगिक वातावरण तैयार किया जाये तथा उद्यमियों को जिले में उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जायें। उन्होंने कहा कि बैंकर्स का समूह बनाकर वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराएं। श्योपुर जिले में औद्योगिक विकास के लिए काम किए जा रहे हैं। जिले में औद्योगिक क्षेत्र के लिए जमीन का आवंटन किया गया है। ग्राम पच्चीपुरा में औद्योगिक क्षेत्र के लिए ज़मीन का आवंटन किया गया है। श्योपुर जिले में फूड कलस्टर के लिए जमीन चिह्नित करने की कार्यवाही की जा रही है। जिले में धान मिल, शुगर मिल, और वनोपज आधारित फैक्ट्रियां लगाने की संभावनाएं हैं। श्योपुर जिले में लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड की बैठक आयोजित की जाती है। जिले में औद्योगिक विकास के लिए वातावरण तैयार किया जा रहा है। वहीं अटल प्रोग्रेस-वे के जरिए श्योपुर, मुरैना, और भिंड जिलों को जोड़ा जाएगा। इससे यहां औद्योगिक क्षेत्र बनेगा।
औद्योगिक विकास की संभावनाएं जिले में भरपूर
श्योपुर जिले में औद्योगिक विकास की संभावनाएं भरपूर हैं, क्योंकि वर्तमान में जिला तेजी से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। एनएच-552 के साथ ही रेलवे ट्रैक का कार्य निर्माणाधीन है। दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस भी नजदीक है, जो कि औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। बता दें औद्योगिक क्षेत्र में वित्तीय सहायता के रूप में सयंत्र एवं मशीनरी में न्यूनतम एक करोड रुपए का और अधिकतम 10 करोड़ रुपए का निवेश करने वाली इकाई को परिसर तक पानी, सडक़ और बिजली के अधोसंरचना विकास में किये गये व्यय का 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता जो कि अधिकतम 25 लाख रुपए हो सकती है। इसके साथ ही 10 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश पर अधिकतम एक करोड़ रुपए की सीमा तक 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। शहर से सटे ग्राम बगवाज में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर रहा है। यह उद्योग नगर 7 हैक्टेयर भूमि में विकसित होगा। इसको 18 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया जाएगा। इस औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 24 औद्योगिक यूनिट लगाए जाने का ले-आउट जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र द्वारा तैयार किया गया है। इसी प्रकार पच्चीपुरा में भी औद्योगिक क्षेत्र के लिए भूमि का आवंटन किया गया है। वीरपुर तहसील के रघुनाथपुर क्षेत्र में भी उद्योग नगर बनाया जा रहा है। यह बड़े उद्योगों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। एमपीआईडीसी इसकी तैयारी कर रही है। इसके लिए 492 हैक्टेयर भूमि आवंटित की गई है।
पृथक से बनेगा फूड क्लस्टर
जिला स्तरीय लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि फूड क्लस्टर के लिए भूमि चिह्नांकन करने की कार्रवाई की जाए। श्योपुर जिला कृषि प्रधान जिला है, यहां कृषि आधारित उद्योगों की बेहतर संभावना है। जिले में उद्योगों की स्थापना के लिए औद्योगिक वातावरण तैयार किया जाये तथा उद्यमियों को जिले में उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जायें। उन्होंने कहा कि बैंकर्स का समूह बनाकर वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराएं। कलेक्टर ने जमीन की तलाश के निर्देश के बाद फूड क्लस्टर की संभावना के लिए जीएम डीआईसी को निर्देश दिए कि ऐसे 100 उद्यमियों की सूची तैयार की जाये जो औद्योगिक इकाइयों की स्थापना एवं उद्योग क्षेत्र में निवेश के इच्छुक है तथा किस प्रकार की इंडस्ट्रीज लगाना चाहते है। उद्योगों के संबंध में प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्राप्त की जाये तथा उद्योग लगाने के लिए कार्य योजना प्रस्तुत की जायें। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कार्यालय में हेल्पडेस्क तथा सूचना केन्द्र स्थापित किये जायें। कलेक्टर श्योपुर किशोर कन्याल का कहना है कि जिले में कृषि से जुड़े उद्योग धंधों की भारी संभावना है, इसीलिए इसका एक अलग क्लस्टर बनाया जाएगा, जहां सिर्फ कृषि आधारित उद्योग धंधे शुरू हो सकेंगे। इसके लिए जमीन तलाशने के निर्देश दिए गए हैं।