
- नीति तैयार, कैबिनेट में होगी पेश
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लोकसभा चुनाव के बाद से हो रहे इक्का दुक्का ताबदलों के बाद अब प्रदेश में जारी वर्षा के बीच बड़े पैमाने पर मंत्रालय से लेकर मैदानी स्तर तक के अफसरों के तबादलों की तैयारी लगभग कर ली गई है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री डां मोहन यादव के आज शाम दिल्ली से भोपाल लौटते ही ताबदला चूचियों को अंतिम रूप दिया जा सकता है। इसके बाद तबादला सूची जारी कर दी जाएंगी।
अफसरों से लेकर नेताओं तक को होने वाले तबादलों का लंबे समय से इंतजार बना हुआ है। संभावित बड़े प्रशासनिक फेरबदल के लिए कर्मचारी संगठन, मंत्री, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की ओर से मुख्यमंत्री को लगातार सिफारिशें भेजी जा रही हैं। माना जा रहा है कि बड़े स्तर पर होने वाले तबादलों में पहली सूची आईएएस और आईपीएस अफसरों की जारी होगी। जिसमें कई जिलों के कलेक्टर से लेकर मंत्रालय स्तर पर पदस्थ अफसर तक प्रभावित होंगे।
मैदानी स्तर पर किए जताने वाले तबादलों के पहले सरकार न केवल नई तबादला नीति जारी करेगी , बल्कि जिलों के प्रभारी भी मंत्रियों को आवंटित करेगी। ऐसे में मैदानी स्तर के अफसरों व कर्मचारियों के तबादलों के लिए एकाध हफ्ते का समय लगना तय है। बताया जा रहा है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने तबादला नीति तैयार भी कर ली है। शासन से संकेत मिलते ही कैबिनेट बैठक में तबादला नीति का प्रस्ताव रखा जाएगा। नीति को मंजूरी मिलते ही प्रदेश भर में थोकबंद तबादलों का रास्ता साफ हो जाएगा। माना जा रहा है कि मंगलवार को संभावित कैबिनेट की बैठक में तबादला नीति को रखा जा सकता है।
इसकी वजह से माना जा रहा है कि संभवत: अगस्त महीने में बारिश के साथ तबादलों की भी झड़ी लग सकती है। शासन स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों की तबादला सूची पहले ही तैयार कर ली है। जिसमें कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, संभागायुक्त, रेंज आईजी के अलावा अन्य अधिकारी भी शामिल हैं। अधिकारियों की सूची विधानसभा सत्र के तत्काल बाद जारी होने वाली थी, लेकिन टल गई।
इस बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की समीक्षा के दौरान आधा दर्जन कलेक्टरों की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए, कलेक्टरों की ग्रेडिंग करने के निर्देश मुख्य सचिव को दिए थे। इसके बाद शासन स्तर पर कलेक्टरों के साथ-साथ पुलिस अधीक्षक एवं अन्य मैदानी अधिकारियों की परफार्मेंस रिपोर्ट भी तैयार की गई है। अब प्रशासनिक अधिकारियों की तबादला सूची में इसी रिपोर्ट के आधार पर बदलाव होगा। संभवत: अगले हफ्ते अधिकारियों की तबादला सूचियां जारी की जा सकती हैं। तीन दिन पहले मंदसौर एवं कटनी जिलों के कलेक्टरों की नई पदस्थापनाएं की गई हैं।
दो साल बाद हटेगा तबादलों से प्रतिबंध
प्रदेश में दो साल से तबादला नीति नहीं आई है। कर्मचारियों की ओर से बड़ी संख्या में तबादला आवेदन एवं सिफारिश आ रही हैं। ऐसे में राज्य शासन तबादलों से सीमित प्रतिबंध हटाने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी कर्मचारी हितैषी के तौर पर उभरकर सामने आए हैं। ऐसे में अगले महीने तबादला नीति आने की पूरी संभावना है।
एक पखवाड़े के लिए हटेगा प्रतिबंध
सूत्रों का कहना है कि नई नीति में किए जा रहे प्रावधानों के तहत महज 15 दिनों के लिए सभी विभागों को 20 फीसदी तक तबादले करने की अनुमति मिलेगी। वहीं, कुछ अधिकारियों-कर्मचारियों की निजी समस्याएं भी हैं। मंत्री भी मैदानी स्तर पर अपने हिसाब से जमावट करना चाहते हैं। इन सभी स्थितियों को देखते हुए तबादला नीति घोषित कर तबादलों पर से प्रतिबंध हटाने की तैयारी की गई है। प्रथम श्रेणी के सभी अधिकारियों के मुख्यमंत्री, द्वितीय व तृतीय श्रेणी के अधिकारियों के विभागीय मंत्री और जिले के भीतर कर्मचारियों के तबादले कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से होंगे। तबादला नीति का पालन सुनिश्चित करने का दायित्व विभागीय अधिकारियों का होगा।
इन जिलों के कलेक्टर होंगे प्रभावित
संभावित तबादला सूची में इस बार ग्वालियर चंबल के कलेक्टर ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। श्योपुर और ग्वालियर छोडक़र शेष सभी जिलों के कलेक्टर बदले जा सकते हैं। गुना कलेक्टर पर असमंजस की स्थिति है। इसके अलावा सागर, छतरपुर, सतना, रीवा, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, खंडवा, खरगोन, झाबुआ, नीमच के कलेक्टर शामिल हैं। छिंदवाड़ा कलेक्टर को दूसरे जिले की कमान सौंपी जा सकती है। उन्हें भोपाल कलेक्टर भी बनाया जा सकता है।