- नियामक आयोग ने तय किए बिजली कटौती के मानक
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मप्र में सरकार के दावे के बावजूद बिजली कटौती लगातार हो रही है। बड़े शहर हों या इंडस्ट्रीयल एरिया सभी को बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है। इसकी मिल रही शिकायतों के बाद अब मप्र विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली कटौती का मानक तय किया है। इसके तहत इंडस्ट्रियल एरिया में एक माह में मात्र 5 घंटे की ही बिजली कटौती की जा सकती है।
गौरतलब है कि मप्र देश में सबसे अधिक बिजली उत्पादक राज्यों में शामिल है। लेकिन यहां बिजली कटौती बड़ी समस्या है। इसको देखते हुए मप्र विद्युत विनियामक आयोग ने औद्योगिक क्षेत्र और 11 केवी फीडर्स में बिजली कटौती की संख्या और घंटे के मानक तय किए हैं। इसके तहत संभाग मुख्यालय, जिला मुख्यालय और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए अलग-अलग मापदंड हैं। संभाग मुख्यालय और औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली कटौती बहुत सीमित (महीने में अधिकतम 5 बार और 5 घंटे) हो सकेगी। जिला मुख्यालयों में थोड़ी ज्यादा छूट (महीने में 25 बार और 15 घंटे तक) दी गई है। साल 2026-27 तक कोशिश यह है कि बड़े शहरों में उपभोक्ता को साल भर में अधिकतम 90 बार ही कटौती झेलनी पड़े और वह भी कुल 60 घंटे से ज्यादा नहीं। वहीं औद्योगिक क्षेत्रों में भी 2026-27 तक बिजली कटौती को अधिकतम 82 बार और 60 घंटे तक सीमित करना है। ह्यह्यह्यह्य
13 साल पहले तय हुए थे मानक
गौरतलब है कि आयोग ने 2012 में पहली बार वितरण प्रदर्शन मानक तय किए थे। साल 2021 में संशोधन किया गया था। अब एक बार फिर आयोग ने बिजली कटौती के मानक नए सिरे से तय कर दिए हैं, जिसका पालन करने के निर्देश बिजली कंपनियों को दिए हैं। बिजली कंपनियों को तय मानकों को पूरा करने के लिए अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना होगा। आयोग ने निर्देश दिए हैं बिजली कंपनियां इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करें, तकनीक और प्रशिक्षित मानव संसाधन का उपयोग करें, ताकि तय किए गए मानकों को हासिल किया जा सके। आवश्यकता पडऩे पर पूंजीगत व्यय प्रस्ताव आयोग के पास अनुमोदन के लिए भेजें।
तीन साल का रोडमैप तय
प्रदेश के एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए आयोग ने तीन साल का रोडमैप तय किया है। इसके मुताबिक साल 2024-25 के लिए साल में अधिकतम बिजली कटौती 120 और 90 घंटे तय है। इसे साल 2027-28 तक साल में अधिकतम 90 बार और 60 घंटे तक सीमित करने का लक्ष्य दिया गया है। आयोग ने बिजली कंपनियों को प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, तूफान या फिर ऐसे कारण जिनके लिए आयोग अनुमति लेना पड़े और बिजली वितरण व्यवस्था फेल हो जाने पर निर्धारण मानकों से छूट दी गई है।
बिजली कटौती के मानक महीने के मुताबिक
मप्र विद्युत विनियामक आयोग के मानक के अनुसार महीने में संभाग मुख्यालय में अधिकतम 5 बार 5 घंटे के लिए बिजली कटौती की जाएगी। वहीं जिला मुख्यालय पर अधिकतम 25 बार 15 घंटे, औद्योगिक क्षेत्र में अधिकतम 5 बार 5 घंटे के लिए बिजली कटौती की जा सकती है। वहीं 3 साल के लिए मानक एक लाख से अधिक संख्या वाले शहरों के लिए 2024-25 में अधिकतम 120 बार 90 घंटे तक, 2025-26 में अधिकतम 100 बार 80 घंटे तक, 2026-27 में अधिकतम 90 बार 60 घंटे तक बिजली कटौती की जा सकती है। वहीं औद्योगिक क्षेत्र के लिए सालाना मानक 2025-26 में अधिकतम 92 बार 70 घंटे और 2026-27 में अधिकतम 82 बार 60 घंटे की बिजली कटौती की जा सकती है।