पिछड़े जिलों की होगी निरंतर मॉनिटरिंग

मॉनिटरिंग
  • शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में कई जिले पिछड़े

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम।  मप्र में डबल इंजन की सरकार होने के कारण सरकार की कोशिश इस पर है कि केंद्र और राज्य सरकार की हर योजना का फायदा जरूरतमंद को मिले। लेकिन जिलों की अरूचि के कारण शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में पिछड़े जिलों में अब सरकार लगातार मॉनिटरिंग करवाएगी, ताकि योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों को मिलता रहे।
    गौरतलब है कि मप्र में केंद्र व राज्य शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में जिलों की रुचि नहीं दिख रही है। यही वजह है कि शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में पांच जिले पिछड़ गए हैं। इनमें ग्वालियर, सिंगरौली, सीधी, उमरिया और डिंडोरी का प्रदर्शन कमजोर रहा है। इन जिलों ने योजनाओं के प्रदर्शन में 10 में से 2.67 से 3.26 अंक प्राप्त किए हैं। हालांकि पांच ऐसे जिले भी हैं, जिनका उच्च प्रदर्शन रहा। इनमें मंदसौर, नीमच, छिंदवाड़ा, बैतूल और बुरहानपुर है। इन जिलों ने अपने उच्च प्रदर्शन के बल पर 5.32 से 5.68 अंक प्राप्त किए हैं।
    स्थिति बेहतर करने के निर्देश
    पिछले दिनों मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कलेक्टर कमिश्नर कांफ्रेंस में इन जिलों के प्रदर्शन पर नाराजगी भी व्यक्त की थी और स्थिति बेहतर करने के निर्देश दिए। केंद्र व राज्य की योजनाओं की बात करें तो पीएम जीवन ज्योति बीमा, पीएम सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, भगवान बिरसा मुंडा स्वरोजगार, टंट्या मामा आर्थिक कल्याण, संत रविदास स्वरोजगार जैसी योजनाओं में 0.5 अंक प्राप्त हुए हैं। इसी तरह शहरों का सीवरेज और पेयजल के काम में भी कमजोर प्रदर्शन रहा है। अमृत 2.0 योजना के तहत सिंगरौली में 132.37 करोड़ रुपये की परियोजनाओं अब भी अधूरी है। वहीं ग्वालियर में 1406.19 करोड़ की परियोजनाएं भी अधूरी है। उच्च प्रदर्शन वाले जिलों में मंदसौर को 5.68, नीमच को 5.48, छिंदवाड़ा को 5.47, बैतूल को 5.43, बुरहानपुर को 5.32 अंक मिले हैं। वहीं कमजोर प्रदर्शन वाले जिलों में सिंगरौली को 2.67, सीधी को 3.03, उमरिया को 3.19, ग्वालियर को 3.25, डिंडोरी को 3.26 अंक मिले हैं। केंद्र व राज्य की जो योजनाएं क्रियान्वित हैं उनमें अधिभार अंक वार्षिक साख योजना (एसीपी)-1, साख जमा अनुपात (सीडी रेटियो)-1, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाय)- 0.5, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाय) – 0.5, अटल पेंशन योजना (एपीवाय) – 0.5, पीएम स्वनिधि योजना (पीएम स्वनिधि) – 0.75, प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना – 0.75, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना – 0.75, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना – 0.75, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना – 0.5, भगवान बिरसा मुंडा स्वरोजगार योजना- 0.5, टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना – 0.5, संत रविदास स्वरोजगार योजना – 0.5, डॉ. भीम राव आंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना – 0.5, पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक स्वरोजगार योजना – 0.5, पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक उद्यम योजना – 0.5 शामिल हैं।

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