मंत्रालय से लेकर मैदानी स्तर तक होगी जमावट

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  • अब होंगे आईएएस तबादले

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होने के आसार हैं। पिछले एक पखवाड़े से लंबित आईएएस अधिकारियों की तबादला सूची अब कभी भी जारी हो सकती है। तबादलों को लेकर पूर्व में मुख्यमंत्री की मुख्य सचिव के साथ बैठकें भी हो चुकी हैं। आइपीएस अधिकारियों के तबादले के बाद संभावना जताई जा रही है कि बाद अब आज-कल में आईएएस अधिकारियों के तबादले होंगे। इसमें मंत्रालय से लेकर मैदानी स्तर तक के अधिकारी बदले जाएंगे। साथ ही जिन अफसरों के पास कई-कई विभागों का प्रभार है उनके प्रभार भी दूसरों को दिए जाएंगे।
गौरतलब है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की तबादला सूची मई के शुरुआत में आना थी, लेकिन भारत-पाक सीमा के तनाव के चलते महीने के शुरुआत में सरकार आपात स्थिति से निपटने में जुट गई थी। फिर विभागीय तबादले और प्रधानमंत्री मोदी के भोपाल दौरे की वजह सूची टल गई। अब आईएएस अधिकारियों की सूची कभी भी जारी हो सकती है।
आईपीएस सुनील तिवारी जाएंगे सीबीआई मुख्यालय
एमपी कैडर के तीन आईपीएस अधिकारी जल्दी ही सीबीआई मुख्यालय और मणिपुर जाएंगे। गृह विभाग ने सीबीआई मुख्यालय के लिए 2016 बैच के सुनील तिवारी और मणिपुर राज्य के लिए 2010 बैच के राकेश सगर और 2012 बैच के विकास पाठक को रिलीव किए जाने के आदेश जारी किए हैं। सगर और पाठक के मणिपुर में जॉइन करने के बाद वहां पहले से पदस्थ आईपीएस संजीव कंचन और शिवदयाल की एमपी वापसी होगी। इन दोनों ही आईपीएस अफसरों की पोस्टिंग सुप्रीम कोर्ट के दो साल पुराने आदेश के आधार पर की गई है। गृह विभाग द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय के 16 अगस्त 2023 के आदेश के आधार पर मणिपुर में एमपी कैडर के तीन आईपीएस अधिकारियों को पदस्थ किया जाता है। बुधवार को जारी आदेश में 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी और सेनानी दूसरी वाहिनी एसएएफ ग्वालियर राकेश सगर और 2012 बैच के आईपीएस अफसर, सेनानी 26वीं वाहिनी एसएएफ गुना विकास पाठक को मणिपुर राज्य के लिए पदस्थापना के आदेश जारी किए गए हैं। पीएचक्यू के प्रस्ताव पर गृह विभाग ने इन अधिकारियों की पोस्टिंग का आदेश जारी करते हुए कहा है कि मणिपुर में पहले से पदस्थ 2012 बैच के आईपीएस शिवदयाल और 2016 बैच के आईपीएस संजीव कुमार कंचन इन दोनों ही अधिकारियों के मणिपुर जॉइन करने के बाद ही मणिपुर से एमपी के लिए रिलीव होंगे।
उधर एक अन्य आदेश में गृह विभाग ने पुलिस अधीक्षक स्तर के तीन अफसरों को पदस्थ के मामले में 2016 बैच के अधिकारी सुनील तिवारी को सीबीआई मुख्यालय नई दिल्ली में पदस्थ किए जाने के लिए आदेश जारी कर दिया है। तिवारी वर्तमान में एआईजी एसएएफ पीएचक्यू के पद पर पदस्थ हैं। तिवारी के जॉइन करने के बाद 2016 बैच के अधिकारी और सीबीआई मुख्यालय में पदस्थ अमित तोलानी वहां से रिलीव हो सकेंगे। गौरतलब है कि मणिपुर हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया। इसके लिए मध्य प्रदेश के तीन आईपीएस अधिकारियों को सीबीआई में नियुक्त किया गया है। इसके लिए समय-समय पर आईपीएस अफसरों की पोस्टिंग वहां की जाती है।
अतिरिक्त प्रभार का उतरेगा भार….मंत्रालयीन सूत्रों का कहना है कि नई तबादला सूची में अतिरिक्त प्रभार वाले अफसरों को राहत दी जाएगी। यानी जिन अफसरों के पास एक से अधिक विभाग हैं, उनसे अन्य विभाग लेकर दूसरे अफसरों को जिम्मेदारी दी जाएगी। वर्तमान समय में कई अफसरों के पास अतिरिक्त प्रभार है। अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा के पास एसीएस जल संसाधन विभाग का अतिरिक्त प्रभार है। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नीरज मंडलोई के पास लोक निर्माण जैसे बड़े विभाग का अपर मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार है। मंडलोई की लोक निर्माण विभाग में बहुत ज्यादा रुचि नहीं है। वे सिर्फ रुटीन की फाइलें ही आगे बढ़ाते है। अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णवाल के पास सहकारिता का अतिरिक्त प्रभार, अपर मुख्य सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मनू श्रीवास्तव के पास खेल एवं युवा कल्याण का अतिरिक्त प्रभार, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन संजय दुबे के पास साइंस एवं टेक्नोलॉजी का अतिरिक्त प्रभार, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन के पास संसदीय कार्य व उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग का अतिरिक्त प्रभार है। ऐसे ही अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास संजय शुक्ला के पास विमानन का अतिरिक्त प्रभार, प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर अमित राठौर के पास कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार, प्रमुख सचिव खाद्य रश्मि अरुण शमी के पास महिला-बाल विकास का अतिरिक्त प्रभार, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग दीपाली रस्तोगी के पास आयुक्त विकास का अतिरिक्त प्रभार, प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिव शेखर शुक्ला के पास प्रमुख सचिव धर्मस्व विभाग का अतिरिक्त प्रभार, प्रमुख सचिव मत्स्य विभाग डीपी आहुजा के पास प्रमुख सचिव आयुष विभाग अतिरिक्त प्रभार, प्रमुख सचिव उद्योग व एमएसएमई राघवेंद्र कुमार सिंह के पास आनंद विभाग का अतिरिक्त प्रभार, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव के पास आयुक्त खाद्य सुरक्षा का अतिरिक्त प्रभार है। उमाकांत उमराव के पास पीएस पशुपालन एवं डेयरी विभाग, विवेक पोरवाल के पास आयुक्त राहत एवं पुनर्वास, नवनीत मोहन कोठारी के महानिदेशक एप्को का अतिरिक्त प्रभार है। इसके अलावा कुछ सचिव व अपर सचिव स्तर के अधिकारियों के पास दूसरे विभागों का अतिरिक्त प्रभार है। पिछले दिनों में कई अधिकारी सचिव और प्रमुख सचिव के पद पर पदोन्नत हो चुके हैं। उनकी जिम्मेदारियों में भी परिवर्तन किया जा सकता है।
मंत्रालय और विभागाध्यक्ष स्तर पर बड़ा बदलाव
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की मंत्रालय और विभागाध्यक्ष स्तर पर बड़ी संख्या में बदली होगी। साथ ही एक दर्जन जिलों के जिलाधीश, 4 संभागायुक्त भी बदले जा सकते हैं। जीएडी सूत्रों के अनुसार तबादलों को लेकर शीर्ष स्तर पर चर्चा हो चुकी है। मुख्यमंत्री की हरी झंडी के बाद कभी भी सूची जारी हो सकती है। ग्वालियर चंबल के जिलों में भी करीब 4 या 5 जिलाधीश बदले जा सकते हैं। दतिया कलेक्टर संदीप माकिन के सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद रिक्त है। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वहीं, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुखवीर सिंह और संजीव कुमार झा की पदस्थापना होनी है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव सूची को अंतिम रूप मुख्य सचिव अनुराग जैन के साथ बैठक करके देंगे। हालांकि सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री फिलहाल बड़ा प्रशासनिक परिवर्तन करने के मूड में नहीं हैं। ऐसे में, केवल आवश्यक पदस्थापना ही एक-दो दिन में की जाएंगी। माना जा रहा है कि मंत्रालय में अवश्य कुछ बड़े और महत्वपूर्ण परिवर्तन होंगे, जो काफी समय से प्रस्तावित हैं। लोक निर्माण विभाग जैसा बड़े और महत्वपूर्ण विभाग में कोई स्थायी वरिष्ठ अधिकारी नहीं है। ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई के पास वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर लोक निर्माण विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिसंबर 2024 से है। वह कई बार आग्रह कर चुके हैं कि इस बड़ी जिम्मेदारी से उन्हें मुक्त किया जाए, क्योंकि ऊर्जा अपने आप में बड़ा विभाग है। इस पर सहमति बन चुकी है और उन्हें इस दायित्व से मुक्त कर दिया जाएगा। वहीं, सरकार के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुखवीर सिंह की सेवाएं लौटाने पर सहमति दी है। उनके स्थान पर संजीव कुमार झा जाएगा सुखवीर सिंह को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। वह पूर्व में लोक निर्माण व खनिज साधन जैसे विभाग देख चुके हैं। सचिव्र स्तर के कुछ अधिकारियों के प्रायित्व में परिवर्तन भी संभव है। उधर, दतिया में कलेक्टर की पदस्थापना के साथ ही मैदानी स्तर पर भी कुछ परिवर्तन किए जा सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि राज्य प्रशासनिक सेवा के कुछ अधिकारियों को भी इधर से उधर किया जा सकता है।

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